मिर्जापुर : अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष नरेंद्र गिरि की मौत पूरे देश में चर्चा का विषय बना हुआ है. अब तत्कालीन आईजी इलाहाबाद आरएन सिंह कई सवाल के साथ फेसबुक पर महंत नरेंद्र गिरि के खिलाफ पोस्ट डाला है. पूर्व आईजी आरएन सिंह 2008 में प्रयागराज (इलाहाबाद) में पोस्टेड थे.
पूर्व आईजी इलाहाबाद आरएन सिंह का आरोप है कि नरेंद्र गिरि भूमाफिया को मठ की जमीन बेचा करते थे. नरेंद्र गिरि ने मठ की बहुत सारी जमीन बेची है. पहले जमीन इन्होंने हंडिया के सपा विधायक महेश सिंह को बेची थी. इस तरह से कई लोगों को जमीन बेचकर मठ का पैसा बंदरबांट किया है.
साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि हनुमानजी को जो चढ़ावा आता था. उसमें भी बंदरबांट किया जाता था. इतना हनुमान जी का चढ़ावा आता था कि मठ बेचने की कोई जरूरत नहीं थी. सीबीआई ही नहीं ईडी की भी जांच होनी चाहिए. जितने भूमाफिया हैं ताकि उनके खिलाफ भी कार्रवाई हो. बाघमबारी गद्दी को सरकार को अपने हाथ में ले लेना चाहिए. साथ ही उन्होंने नरेंद्र गिरि के लाइफस्टाइल पर भी सवाल खड़े किए हैं.
पूर्व आईपीएस आरएन सिंह ने नरेंद्र गिरि पर आरोप लगाया है कि वे भू माफियाओं को जमीन बेचा करते थे. उन्होंने बताया कि 2008 की बात है संगम नागरिक समाज के लोग संगम पर प्रतिदिन श्रमदान के साथ निशुल्क तीर्थ यात्रियों के लिए अन्न दान चलाते थे. जो आज भी अनवरत चल रहा है. जब इन लोगों का पता चला कि नरेंद्र गिरि भूमाफियाओं को मठ की जमीन बेचा करते थे तो वे लोग हर दिन श्रमदान के बाद हनुमान जी से प्रार्थना करते थे कि नरेंद्र गिरि को हनुमान जी सद्बुद्धि दें और बाघमबारी गद्दी मठ की रक्षा करें.
आरएन सिंह ने कहा कि महंत नरेंद्र गिरि की मौत की जांच सीबीआई के साथ ईडी से भी होनी चाहिए ताकि जितने भूमाफिया हैं. उन पर भी कार्रवाई हो सके. महंत नरेंद्र गिरि प्रयागराज के हंडिया के आसपास राजपूत परिवार के हैं. पहले से ही उनका परिचय सपा विधायक महेश सिंह से रहा होगा. जिसके कारण वे मठ की जमीन उन्हें बेचा करते थे.
पूर्व आरएन सिंह का आरोप है कि नरेंद्र गिरि की मौत, उनके द्वारा लिखे गए सुसाइड नोट की जांच, उसके पहले हुई आशीष गिरि की आत्महत्या और अन्य संदिग्ध मौतों और मठ के तमाम जमीनों की भू माफियाओं को बिक्री, बड़े हनुमान मंदिर के चढ़ावे के दुरुपयोग, नरेंद्र गिरि द्वारा कई लोगों को कई करोड़ की संपत्ति को दिए जाने की सीबीआई जांच उच्च न्यायालय के पर्यवेक्षण में होनी चाहिए. साथ ही बाघमबारी गद्दी और बड़े हनुमान मंदिर की व्यवस्था में अखाड़े से हटाकर हिंदू समाज के भक्तों और सरकार को ले लेनी चाहिए.