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1984 Sikh Riot: पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार पर जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या मामले में आरोप तय

पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार की मुश्किलें बढ़ती जा रही है. बुधवार को दिल्ली की कोर्ट ने 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक हत्या के मामले में आरोप तय कर दिया है. हालांकि, कोर्ट ने उन पर से हत्या की धारा 302 को हटा दिया है.

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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Aug 23, 2023, 5:13 PM IST

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में आरोपी पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया. उन पर दिल्ली में दंगों के दौरान जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या का आरोप था, लेकिन कोर्ट ने हत्या की धारा 302 को हटाकर आरोप दय कर दिया है. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय किए हैं.

इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 21 सितंबर तय की है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया है कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार इस मामले में हिरासत में नहीं हैं. जमानत पर बाहर हैं, लेकिन अन्य मामलों में वे जेल में हैं. एसआईटी ने इस मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 153A, 295, 436, 395, 307, 302, 102B के तहत चार्जशीट दाखिल की थी.

यह भी पढ़ेंः 1984 Sikh Riots Case: जगदीश टाइटलर ने कोर्ट में भरा बेल बांड, जानें इस केस में कब क्या हुआ

2015 में शुरू हुई थी जांचः 2015 में एसआईटी ने सिख दंगा मामले में जनकपुरी और विकासपुरी में सज्जन कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या एक नवंबर 1984 को दंगों के दौरान कर दी गई थी. विकासपुरी पुलिस स्टेशन एरिया में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया था. झुलसने के 30 साल बाद उनकी मौत हो गई थी.

इस मामले में एसआईटी ने सज्जन कुमार का मई 2018 में पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया था. उल्लेखनीय है कि 2018 में सिख दंगों के ही एक मामले में सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उसके बाद सज्जन कुमार ने सरेंडर किया था और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया था.

नई दिल्ली: राउज एवेन्यू कोर्ट ने बुधवार को 1984 के सिख विरोधी दंगों से संबंधित एक मामले में आरोपी पूर्व कांग्रेस नेता सज्जन कुमार के खिलाफ आरोप तय कर दिया. उन पर दिल्ली में दंगों के दौरान जनकपुरी और विकासपुरी में सिखों की हत्या का आरोप था, लेकिन कोर्ट ने हत्या की धारा 302 को हटाकर आरोप दय कर दिया है. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 307, 308, 323, 325, 395, 436 के तहत आरोप तय किए हैं.

इसके साथ ही कोर्ट ने मामले की सुनवाई की अगली तारीख 21 सितंबर तय की है. अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत को बताया गया है कि कांग्रेस नेता सज्जन कुमार इस मामले में हिरासत में नहीं हैं. जमानत पर बाहर हैं, लेकिन अन्य मामलों में वे जेल में हैं. एसआईटी ने इस मामले में सज्जन कुमार के खिलाफ धारा 147, 148, 149, 153A, 295, 436, 395, 307, 302, 102B के तहत चार्जशीट दाखिल की थी.

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2015 में शुरू हुई थी जांचः 2015 में एसआईटी ने सिख दंगा मामले में जनकपुरी और विकासपुरी में सज्जन कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की थी. जनकपुरी में दो सिखों सोहन सिंह और उनके दामाद अवतार सिंह की हत्या एक नवंबर 1984 को दंगों के दौरान कर दी गई थी. विकासपुरी पुलिस स्टेशन एरिया में गुरुचरण सिंह को जला दिया गया था. झुलसने के 30 साल बाद उनकी मौत हो गई थी.

इस मामले में एसआईटी ने सज्जन कुमार का मई 2018 में पॉलीग्राफी टेस्ट भी किया था. उल्लेखनीय है कि 2018 में सिख दंगों के ही एक मामले में सज्जन कुमार को सुप्रीम कोर्ट ने उम्र कैद की सजा सुनाई थी. उसके बाद सज्जन कुमार ने सरेंडर किया था और फिर उन्हें जेल भेज दिया गया था.

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