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पैंडोरा पेपर्स लीक मामला: पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की बहू निहारिका राजे का भी नाम आया सामने!

राजस्थान की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे (Vasundhara Raje) के परिवार के सदस्य का भी नाम पैंडोरा पेपर्स की सूची में सामने आया है. राजे की बहू निहारिका राजे का नाम पैंडोरा पेपर्स में है. बताया गया है कि वे सेंट्रल अमेरिका के टैक्स हैवन बेलीज में एक कंपनी की 'बेनिफिशियल ओनर' हैं.

पैंडोरा पेपर्स
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Published : Oct 10, 2021, 1:56 PM IST

जयपुर : पैंडोरा पेपर्स लीक मामले में टैक्स चोरी को लेकर देशभर के कई नामी-गिरामी शख्सियतों का नाम सामने आया था. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बहू निहारिका राजे को लेकर भी बड़ा दावा किया गया है.

हालांकि, निहारिका राजे लंबे समय से अस्वस्थ हैं. बताया जा रहा है उन्हें ब्रेन ट्यूमर है, जिसके चलते कई महीनों से अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका में एक कंपनी ऑक्टेविया लिमिटेड में निहारिका राजे को 'बेनिफिशियल ओनर' बताकर बेलीज में दर्शाया गया है.

खबर के मुताबिक पनामा स्थित ट्रस्ट रेंडर ओवरसीज एसए द्वारा 12 नवंबर 2010 को एक घोषणा में कहा गया है कि '60 मार्केट स्क्वायर के ऑक्टेविया लिमिटेड की राजधानी में हमारे नाम पर 1 अमरिकी डॉलर के 1 साधारण शेयर की होल्डिंग में हमारा कोई लाभकारी हित नहीं है. साथ ही इसमें जो पता दिया गया है वह लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक वसुंधरा राजे की दिवंगत मां विजय राजे सिंधिया का है.

ये भी पढ़ें - पैंडोरा पेपर्स ने वित्तीय अपराध को अंजाम देने वालों का पर्दाफाश किया

निहारिका राजे झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह की पत्नी हैं. दुष्यंत सिंह ने अपनी और निहारिका की संपत्ति और देनदारियों की घोषणा साल 2009, साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए उनके नामांकन पत्र के साथ की थी. जिसमें ऑक्टेविया लिमिटेड का कोई उल्लेख नहीं किया गया. बताया जा रहा है ठीक संबंधित पक्ष यानी राजे परिवार ने इस प्रकार की किसी भी कंपनी से कोई संबंध नहीं होना बताया है.

बता दें कि पनामा पेपर संस्थाओं में से एक रूप में रेंडर ओवरसीज एसए को भी सूचीबद्ध किया गया था जो कुछ अन्य कंपनियों के शेयर धारक थे. फिलहाल, बेलीज की कम्पनी रजिस्ट्री की खोज में ऑक्टेविया लिमिटेड को एक निष्क्रिय कंपनी के रूप में दिखाया गया है.

आईसीआईजे ने 1.19 करोड़ से अधिक गोपनीय फाइलों का भंडार प्राप्त किया और 150 समाचार आउटलेट्स के 600 से अधिक पत्रकारों की एक टीम का नेतृत्व किया, जिन्होंने दो साल तक उनके माध्यम से छानबीन की. पैंडोरा पेपर्स मीडिया जगत के 600 से ज्यादा पत्रकारों की वित्तीय सेवाओं से 1.19 करोड़ दस्तावेजों की जांच पर आधारित है. आईसीआईजे ने हार्ड-टू-फाइंड (मुश्किल से मिलने वाले) स्रोतों को ट्रैक किया और अदालत के रिकॉर्ड और दर्जनों देशों से अन्य सार्वजनिक दस्तावेजों की भी जांच-पड़ताल की.

ये भी पढ़ें - पैंडोरा पेपर्स : श्रीलंकाई राष्ट्रपति ने भ्रष्टाचार रोधी आयोग को जांच करने को कहा

अधिकांश देशों में, संपत्ति का अपतटीय यानी विदेश में होना या राष्ट्रीय सीमाओं के पार व्यापार करने के लिए शेल कंपनियों का उपयोग करना अवैध नहीं है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले व्यवसायी कहते हैं कि उन्हें अपने वित्तीय मामलों के संचालन के लिए अपतटीय कंपनियों की आवश्यकता है. लेकिन इन मामलों में अक्सर उच्च-कर वाले देशों से मुनाफे को स्थानांतरित करने की राशि होती है, जहां वे कम-कर क्षेत्राधिकार में केवल कागज पर मौजूद कंपनियों के लिए अर्जित किए जाते हैं.

आईसीआईजे ने कहा, राजनीतिक हस्तियों के लिए अपतटीय आश्रयों का उपयोग विशेष रूप से विवादास्पद है. क्योंकि उनका उपयोग राजनीतिक रूप से अलोकप्रिय या यहां तक कि अवैध रखने के लिए किया जा सकता है.

जयपुर : पैंडोरा पेपर्स लीक मामले में टैक्स चोरी को लेकर देशभर के कई नामी-गिरामी शख्सियतों का नाम सामने आया था. रिपोर्ट के मुताबिक इसमें पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बहू निहारिका राजे को लेकर भी बड़ा दावा किया गया है.

हालांकि, निहारिका राजे लंबे समय से अस्वस्थ हैं. बताया जा रहा है उन्हें ब्रेन ट्यूमर है, जिसके चलते कई महीनों से अस्पताल में स्वास्थ्य लाभ ले रही हैं. रिपोर्ट में दावा किया गया है कि अमेरिका में एक कंपनी ऑक्टेविया लिमिटेड में निहारिका राजे को 'बेनिफिशियल ओनर' बताकर बेलीज में दर्शाया गया है.

खबर के मुताबिक पनामा स्थित ट्रस्ट रेंडर ओवरसीज एसए द्वारा 12 नवंबर 2010 को एक घोषणा में कहा गया है कि '60 मार्केट स्क्वायर के ऑक्टेविया लिमिटेड की राजधानी में हमारे नाम पर 1 अमरिकी डॉलर के 1 साधारण शेयर की होल्डिंग में हमारा कोई लाभकारी हित नहीं है. साथ ही इसमें जो पता दिया गया है वह लोकसभा की वेबसाइट के मुताबिक वसुंधरा राजे की दिवंगत मां विजय राजे सिंधिया का है.

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निहारिका राजे झालावाड़ सांसद दुष्यंत सिंह की पत्नी हैं. दुष्यंत सिंह ने अपनी और निहारिका की संपत्ति और देनदारियों की घोषणा साल 2009, साल 2014 और साल 2019 के लोकसभा चुनाव के लिए उनके नामांकन पत्र के साथ की थी. जिसमें ऑक्टेविया लिमिटेड का कोई उल्लेख नहीं किया गया. बताया जा रहा है ठीक संबंधित पक्ष यानी राजे परिवार ने इस प्रकार की किसी भी कंपनी से कोई संबंध नहीं होना बताया है.

बता दें कि पनामा पेपर संस्थाओं में से एक रूप में रेंडर ओवरसीज एसए को भी सूचीबद्ध किया गया था जो कुछ अन्य कंपनियों के शेयर धारक थे. फिलहाल, बेलीज की कम्पनी रजिस्ट्री की खोज में ऑक्टेविया लिमिटेड को एक निष्क्रिय कंपनी के रूप में दिखाया गया है.

आईसीआईजे ने 1.19 करोड़ से अधिक गोपनीय फाइलों का भंडार प्राप्त किया और 150 समाचार आउटलेट्स के 600 से अधिक पत्रकारों की एक टीम का नेतृत्व किया, जिन्होंने दो साल तक उनके माध्यम से छानबीन की. पैंडोरा पेपर्स मीडिया जगत के 600 से ज्यादा पत्रकारों की वित्तीय सेवाओं से 1.19 करोड़ दस्तावेजों की जांच पर आधारित है. आईसीआईजे ने हार्ड-टू-फाइंड (मुश्किल से मिलने वाले) स्रोतों को ट्रैक किया और अदालत के रिकॉर्ड और दर्जनों देशों से अन्य सार्वजनिक दस्तावेजों की भी जांच-पड़ताल की.

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अधिकांश देशों में, संपत्ति का अपतटीय यानी विदेश में होना या राष्ट्रीय सीमाओं के पार व्यापार करने के लिए शेल कंपनियों का उपयोग करना अवैध नहीं है. अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काम करने वाले व्यवसायी कहते हैं कि उन्हें अपने वित्तीय मामलों के संचालन के लिए अपतटीय कंपनियों की आवश्यकता है. लेकिन इन मामलों में अक्सर उच्च-कर वाले देशों से मुनाफे को स्थानांतरित करने की राशि होती है, जहां वे कम-कर क्षेत्राधिकार में केवल कागज पर मौजूद कंपनियों के लिए अर्जित किए जाते हैं.

आईसीआईजे ने कहा, राजनीतिक हस्तियों के लिए अपतटीय आश्रयों का उपयोग विशेष रूप से विवादास्पद है. क्योंकि उनका उपयोग राजनीतिक रूप से अलोकप्रिय या यहां तक कि अवैध रखने के लिए किया जा सकता है.

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