देहरादून: उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत के अलग स्वास्थ्य मंत्री बनाने की पैरवी को लेकर बयान ने सूबे में सियासत को गर्मा दिया है. जहां एक ओर कांग्रेस इस मामले को लेकर सीएम तीरथ सिंह रावत पर निशाना साध रही है. वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने हरक सिंह रावत के बयान पर कहा कि स्वास्थ्य विभाग के लिए नए मंत्री की कोई आवश्यकता नहीं है. उनका कहना है कि विभाग मुख्यमंत्री के पास होता है, वह विभाग अन्य विभागों से अच्छा परफॉर्मेंस देता है.
मुख्यमंत्री के पास विभाग रहने से परफॉर्मेंस बहुत अच्छा होता है.
पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि आज बाध्यता है कि राज्य में कितने मंत्री बना सकते हैं. ऐसे में इस बाध्यता को देखते हुए मुख्यमंत्री को भी अपने पास विभागों को रखना पड़ता है. जो भी विभाग मुख्यमंत्री के पास होता है उस विभाग का परफॉर्मेंस बहुत अच्छा होता है. हालांकि लोगों को गलत लगता है कि अगर तमाम विभाग मुख्यमंत्री के पास होते हैं तो उसका परफॉर्मेंस अच्छा नहीं होता है. मुख्यमंत्री के पास विभाग रहने से एक फायदा यह होता है कि अगर मुख्यमंत्री कोई बयान देता है तो वह उस विभाग के अधिकारियों के लिए एक तरह से आदेश होता है.
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पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने कहा कि वह अपने कार्यकाल में स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर इसलिए बना पाए, क्योंकि स्वास्थ्य विभाग उनके पास था. ऐसे में यह सोचना कि स्वास्थ्य विभाग एक अलग मंत्री के पास होना चाहिए, यह जरूरी नहीं है. उन्होंने कहा कि कोई जरूरी नहीं है कि स्वास्थ्य विभाग एक अलग मंत्री के पास ही हो बल्कि निर्भर करता है कि मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में क्या है. अगर मुख्यमंत्री की प्राथमिकताओं में स्वास्थ्य महकमा है तो ऐसे में स्वास्थ्य महकमे के अधिकारियों को पता होगा कि विभाग मुख्यमंत्री के पास है और अगर कोई लापरवाही बरती जाती है तो तत्काल कार्रवाई की जा सकती है. ऐसे में मुख्यमंत्री ने किस सोच के साथ विभाग को अपने पास रखा है यह महत्वपूर्ण है.