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ढाई सौ ग्राम पीने वालों को नहीं पकड़ना चाहिए, बिहार के पूर्व CM मांझी का बयान - Jitan Ram Manjhi statement on prohibition

बिहार में शराबबंदी कानून (Prohibition law in Bihar) को लेकर हम संरक्षक जीतनराम मांझी ने एक बार फिर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि शराब पीने के आरोप में गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं और शराब के बड़े तस्कर आराम से बच जा रहे हैं. लिहाजा ढाई सौ ग्राम पीने वालों को नहीं पकड़ना चाहिए.

Former CM Jitan Ram Manjhi
Former CM Jitan Ram Manjhi
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Published : Nov 9, 2022, 8:27 AM IST

पटना: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने मंगलवार को दिल्ली में कहा कि शराबबंदी खराब नहीं है, लेकिन उसे लागू करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी है. फिर चाहे वह बिहार हो या गुजरात. बड़े शराब तस्कर बच जा रहे और गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं. दिल्ली में हम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सरकार को शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा करनी चाहिए.

ये भी पढ़ें: 'शराब छुड़ाने के लिए जागरुकता अभियान, लोगों पर इंपेक्ट का करेंगे स्टडी'- सुनील कुमार

शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए: जीतनराम मांझी ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस ब्रेथ एनेलाइजर लगाकार लोगों की जांच करती है. ब्रेथ एनेलाइजर एक मशीन है और मशीन में कभी कभी गलत भी बता देता है, जिसके कारण निर्दोष लोग भी पकड़े जाते हैं.

मांझी ने कहा है कि चाहे बिहार हो या गुजरात शराब पीने के आरोप में गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं और शराब के बड़े तस्कर आराम से बच जा रहे हैं. जेलों में ऐसे 70 फीसदी लोग बंद हैं, जो महज आधा लीटर या ढाई सौ ग्राम शराब पीते पकड़े गए हैं. यह गरीबों के साथ अन्याय के समान है, ऐसा नहीं होना चाहिए. मांझी ने यहां तक कह दिया कि जो लोग सवा सौ ग्राम या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हैं, उनको नहीं पकड़ा जाना चाहिए.

ये भी पढ़ें: बिहार में शराब पीने वालों की अब खैर नहीं, आधार के जरिए तुरंत हो जाएगी पहचान

पटना: हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के संरक्षक और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी (Former CM Jitan Ram Manjhi) ने मंगलवार को दिल्ली में कहा कि शराबबंदी खराब नहीं है, लेकिन उसे लागू करने की प्रक्रिया में गड़बड़ी है. फिर चाहे वह बिहार हो या गुजरात. बड़े शराब तस्कर बच जा रहे और गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं. दिल्ली में हम की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के दौरान अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि सरकार को शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा करनी चाहिए.

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शराबबंदी कानून की समीक्षा होनी चाहिए: जीतनराम मांझी ने कहा है कि बिहार में शराबबंदी कानून की फिर से समीक्षा होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस ब्रेथ एनेलाइजर लगाकार लोगों की जांच करती है. ब्रेथ एनेलाइजर एक मशीन है और मशीन में कभी कभी गलत भी बता देता है, जिसके कारण निर्दोष लोग भी पकड़े जाते हैं.

मांझी ने कहा है कि चाहे बिहार हो या गुजरात शराब पीने के आरोप में गरीब लोग पकड़े जा रहे हैं और शराब के बड़े तस्कर आराम से बच जा रहे हैं. जेलों में ऐसे 70 फीसदी लोग बंद हैं, जो महज आधा लीटर या ढाई सौ ग्राम शराब पीते पकड़े गए हैं. यह गरीबों के साथ अन्याय के समान है, ऐसा नहीं होना चाहिए. मांझी ने यहां तक कह दिया कि जो लोग सवा सौ ग्राम या ढाई सौ ग्राम शराब पीते हैं, उनको नहीं पकड़ा जाना चाहिए.

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