गुवाहाटी : असम के नगांव में राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री प्रफुल्ल कुमार महंत और उनके परिवार ने गुरुवार को वोट डालने से परहेज किया. महंत ने 2019 में लोकसभा चुनाव के दौरान भी नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के विरोध में मतदान नहीं किया था.
नगांव सदर निर्वाचन क्षेत्र के एक मतदाता महंत को असोम गण परिषद (एजीपी) ने टिकट देने से इनकार कर दिया था. महंत ने ही1985 में एजीपी को स्थापित किया था.
एजीपी और भाजपा ने वर्तमान चुनावों में गठबंधन किया है. हालांकि एजीपी ने बरहामपुर सीट खाली कर दी थी, जिसपर प्रफुल्ल कुमार महंत ने पिछले छह कार्यकाल से जीत हासिल की थी, ताकि बीजेपी वहां अपना दल का उम्मीदवार खड़ा कर सके.
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बाद में उनकी पत्नी जयश्री गोस्वामी महंत ने मीडियाकर्मियों से कहा कि वे मतदान नहीं कर सकतीं क्योंकि दो बार पूर्व मुख्यमंत्री मंत्री को इलाज के लिए दिल्ली ले जाना पड़ा था.