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कर्नल अजय कोठियाल भाजपा में हुए शामिल, बोले- अब आया सही मुहूर्त - बताई AAP छोड़ने की वजह

उत्तराखंड विधानसभा चुनाव-2022 में आम आदमी पार्टी के सीएम फेस रहे कर्नल अजय कोठियाल ने 24 मई को बीजेपी का दामन थाम लिया. दो दिनों पहले ही उन्होंने आम आदमी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दिया था.

Ajay Kothiyal
कर्नल अजय कोठियाल भाजपा में हुए शामिल
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Published : May 24, 2022, 7:23 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का हाथ छोड़कर कर्नल अजय कोठियाल ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया. उनके साथ ही आप के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय सहित 500 से अधिक कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो गए हैं. दरअसल, इस साल हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में आप के टिकट पर कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमाया था. हालांकि इस दौरान उनकी करारी हार हुई थी और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे. उन्हें केवल 6161 वोट मिले थे, जो कि कुल मतों के केवल 10.33 प्रतिशत थे.

अजय कोठियाल के आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वे बीजेपी में शामिल होंगे. राजधानी देहरादून में स्थित बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक ने कर्नल अजय कोठियाल को पार्टी सदस्यता दिलाई. बता दें कि कर्नल अजय कोठियाल, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय के साथ तीन सौ से अधिक पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया था.

बीजेपी में शामिल होने के बाद अजय कोठियाल ने कहा कि उन्होंने भावनाओं में बहकर गलत फैसला ले लिया था, जिसे आज उन्होंने सही कर दिया है. अजय कोठियाल ने कहा कि बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें दिल से बड़ी शांति मिली है.

पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में कहा था कि, पदाधिकारियों ने वर्तमान में जिस तरह से संगठन काम रहा है. उससे ऐसा लगता है कि उत्तराखंड में आप का कोई भविष्य नहीं है. उन्होंने एक ट्वीट भी किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि, "मैंने अपना त्यागपत्र पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्द्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बुद्धिजीवियों को ध्यान में रखते हुए दिया है". अजय कोठियाल 19 अप्रैल 2021 को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे और 13 महीने बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
पढ़ें- AAP को उत्तराखंड में बड़ा झटका, CM फेस रहे कर्नल अजय कोठियाल ने दिया इस्तीफा

दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले कोठियाल ने 20 अप्रैल 2021 को आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की थी. 17 अगस्त 2021 को आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में तगड़ा दांव खेला था. उत्तराखंड में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के वादे के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने भारतीय सेना के रिटायर्ड अधिकारी कर्नल अजय कोठियाल को राज्य में अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था.

कर्नल अजय कोठियाल 1992 में भारतीय सेना में बतौर अधिकारी नियुक्त हुए थे. सेना में उनका करियर 4 गढ़वाल रेजिमेंट शुरू हुआ और उसके बाद इन्होंने अपनी वीरता और शौर्य से कई बार देश के गौरव को बढ़ाने का काम किया है. उनका नाम उस 'ऑपरेशन कोंगवतन' से जुड़ा है, जिसमें इन्होंने 7 आतंकियों को ढेर कर दिया था. इस वीरता के लिए इन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा इन्होंने उस 'ऑपरेशन पराक्रम' में भी बड़ी भूमिका निभाई, जिसमें 4 गढ़वाल राइफल्स ने 21 दहशतगर्दों को ढेर कर दिया था और उनमें से 17 आतंकी को मारने में इन्होंने सीधा रोल निभाया था.

टिहरी के रहने वाले हैं कोठियाल: गुरदासपुर में जन्मे कर्नल कोठियाल उत्तराखंड के टिहरी जिले के ग्राम चौंफा के रहने वाले हैं. 26 फरवरी, 1968 को जन्मे कोठियाल की शुरुआती शिक्षा सेंट जोसेफ स्कूल देहरादून से और कॉलेज की पढ़ाई डीएवी पीजी कॉलेज से हुई है. इनके पिता भी भारतीय सेना में थे, इसलिए उनका ट्रांसफर देश में जहां-जहां होता रहा, वे भी परिवार वालों के साथ जाते रहे. कोठियाल ने शादी नहीं की है. रिटायर्मेंट से पहले वो उत्तरकाशी स्थित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनीयरिंग के प्रिंसिपल भी रह चुके हैं.
पढ़ें- क्या उत्तराखंड में चूक गया AK का निशाना?, आप से नहीं जुड़ रहा कोई बड़ा नेता

कोठियाल की कर्मभूमि रही है गंगोत्री: कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री सीट पर राजनीति में आने से पहले से ही सक्रिय रहे हैं. उन्होंने इस सीट पर रोजगार को लेकर काफी काम किए हैं. कर्नल अजय कोठियाल सेना में रहते हुए NIM के प्रिंसिपल रहे. एनआईएम का कार्यालय उत्तरकाशी जिले में रहा है और गंगोत्री सीट पर इसके चलते कर्नल अजय कोठियाल काफी समय तक यहां रहे हैं.

यूथ फाउंडेशन: कोठियाल ने इस क्षेत्र के युवाओं को पर्वतारोहण से लेकर सेना में भर्ती होने के लिए मोटिवेट भी किया है. वहीं, कोठियाल की संस्था यूथ फाउंडेशन ने भी उत्तरकाशी में काफी काम किया है. यूथ फाउंडेशन की नीव भी गंगोत्री से ही पड़ी थी. यूथ फाउंडेशन युवाओं को सेना में जाने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण देता है. यूथ फाउंडेशन के सहयोग से बड़ी संख्या में यहां के युवा सेना में भर्ती भी हुए है. इसीलिए गंगोत्री समेत पूरे उत्तरकाशी और टिहरी जिले में भी यूथ फाउंडेशन को लेकर लोगों में एक पॉजिटिव सोच है.

केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों से मिली थी नई पहचान: कर्नल अजय कोठियाल का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में केदारनाथ पुनर्निर्माण के दौरान आया था. 2013 की आपदा के बाद दोबारा केदारधाम को व्यवस्थित करने के लिए कर्नल अजय ने मोर्चा संभाला था. इसके बाद उनके काम को काफी सराहा भी गया. अपने कामों से कर्नल अजय कोठियाल देश और दुनिया में काफी जाने गए. उत्तराखंड में लोगों में उनको लेकर एक आदर भाव भी देखा गया.

आपदा प्रभावितों को स्वरोजगार से जोड़ा: निम के प्रिंसिपल रहते हुए कर्नल कोठियाल ने कई युवक युवतियों को ट्रैंकिग के गुर सिखाकर उन्हें ट्रैंकिग गाइड के रूप में रोजगार उपलब्ध करवाया. वहीं, यूथ फाउंडेशन एवं ग्रीन पीपुल से जुड़ी ममता ने युवाओं को नई दिशा देने के साथ ही महिला सशक्तीकरण पर कार्य किया. उत्तरकाशी के रैथल गांव में पर्यटन, कृषि-बागवानी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रही ममता स्थानीय युवतियों और महिलाओं स्वरोजगार से जोड़ रही हैं. इस फायदा भी कर्नल कोठियाल को इस सीट से मिलेगा.

कोरोना में गंगोत्री क्षेत्र में किया काम: कोरोना काल मे जब तमाम नेता अपने घरों में थे, तब कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री समेत उत्तरकाशी जिले में लोगों के बीच काम किया. कोरोना काल में उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को राशन बांटा और लोगों की मदद भी की. शायद यह वजह भी थी कि कर्नल कोठियाल ने गंगोत्री स्थित को ही चुना. क्योंकि वह इसी पर काफी काम करते रहे हैं.

देहरादून: उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी का हाथ छोड़कर कर्नल अजय कोठियाल ने आज बीजेपी का दामन थाम लिया. उनके साथ ही आप के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय सहित 500 से अधिक कार्यकर्ता बीजेपी में शामिल हो गए हैं. दरअसल, इस साल हुए उत्तराखंड विधानसभा चुनावों में आप के टिकट पर कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री विधानसभा सीट से अपना भाग्य आजमाया था. हालांकि इस दौरान उनकी करारी हार हुई थी और वे अपनी जमानत भी नहीं बचा सके थे. उन्हें केवल 6161 वोट मिले थे, जो कि कुल मतों के केवल 10.33 प्रतिशत थे.

अजय कोठियाल के आम आदमी पार्टी से इस्तीफा देने के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि वे बीजेपी में शामिल होंगे. राजधानी देहरादून में स्थित बीजेपी के प्रदेश मुख्यालय में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और पार्टी अध्यक्ष मदन कौशिक ने कर्नल अजय कोठियाल को पार्टी सदस्यता दिलाई. बता दें कि कर्नल अजय कोठियाल, पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष भूपेश उपाध्याय के साथ तीन सौ से अधिक पदाधिकारियों ने सामूहिक इस्तीफा दिया था.

बीजेपी में शामिल होने के बाद अजय कोठियाल ने कहा कि उन्होंने भावनाओं में बहकर गलत फैसला ले लिया था, जिसे आज उन्होंने सही कर दिया है. अजय कोठियाल ने कहा कि बीजेपी में शामिल होने के बाद उन्हें दिल से बड़ी शांति मिली है.

पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेजे गए इस्तीफे में कहा था कि, पदाधिकारियों ने वर्तमान में जिस तरह से संगठन काम रहा है. उससे ऐसा लगता है कि उत्तराखंड में आप का कोई भविष्य नहीं है. उन्होंने एक ट्वीट भी किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि, "मैंने अपना त्यागपत्र पूर्व सैनिकों, पूर्व अर्द्धसैनिकों, बुजुर्गों, महिलाओं, युवाओं और बुद्धिजीवियों को ध्यान में रखते हुए दिया है". अजय कोठियाल 19 अप्रैल 2021 को आम आदमी पार्टी में शामिल हुए थे और 13 महीने बाद ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया.
पढ़ें- AAP को उत्तराखंड में बड़ा झटका, CM फेस रहे कर्नल अजय कोठियाल ने दिया इस्तीफा

दरअसल, विधानसभा चुनाव से पहले कोठियाल ने 20 अप्रैल 2021 को आम आदमी पार्टी ज्वॉइन की थी. 17 अगस्त 2021 को आम आदमी पार्टी ने उत्तराखंड में तगड़ा दांव खेला था. उत्तराखंड में 300 यूनिट मुफ्त बिजली देने के वादे के साथ 2022 के विधानसभा चुनाव में उतरी आम आदमी पार्टी ने भारतीय सेना के रिटायर्ड अधिकारी कर्नल अजय कोठियाल को राज्य में अपना मुख्यमंत्री उम्मीदवार घोषित किया था.

कर्नल अजय कोठियाल 1992 में भारतीय सेना में बतौर अधिकारी नियुक्त हुए थे. सेना में उनका करियर 4 गढ़वाल रेजिमेंट शुरू हुआ और उसके बाद इन्होंने अपनी वीरता और शौर्य से कई बार देश के गौरव को बढ़ाने का काम किया है. उनका नाम उस 'ऑपरेशन कोंगवतन' से जुड़ा है, जिसमें इन्होंने 7 आतंकियों को ढेर कर दिया था. इस वीरता के लिए इन्हें कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा इन्होंने उस 'ऑपरेशन पराक्रम' में भी बड़ी भूमिका निभाई, जिसमें 4 गढ़वाल राइफल्स ने 21 दहशतगर्दों को ढेर कर दिया था और उनमें से 17 आतंकी को मारने में इन्होंने सीधा रोल निभाया था.

टिहरी के रहने वाले हैं कोठियाल: गुरदासपुर में जन्मे कर्नल कोठियाल उत्तराखंड के टिहरी जिले के ग्राम चौंफा के रहने वाले हैं. 26 फरवरी, 1968 को जन्मे कोठियाल की शुरुआती शिक्षा सेंट जोसेफ स्कूल देहरादून से और कॉलेज की पढ़ाई डीएवी पीजी कॉलेज से हुई है. इनके पिता भी भारतीय सेना में थे, इसलिए उनका ट्रांसफर देश में जहां-जहां होता रहा, वे भी परिवार वालों के साथ जाते रहे. कोठियाल ने शादी नहीं की है. रिटायर्मेंट से पहले वो उत्तरकाशी स्थित नेहरू इंस्टीट्यूट ऑफ माउंटेनीयरिंग के प्रिंसिपल भी रह चुके हैं.
पढ़ें- क्या उत्तराखंड में चूक गया AK का निशाना?, आप से नहीं जुड़ रहा कोई बड़ा नेता

कोठियाल की कर्मभूमि रही है गंगोत्री: कर्नल अजय कोठियाल गंगोत्री सीट पर राजनीति में आने से पहले से ही सक्रिय रहे हैं. उन्होंने इस सीट पर रोजगार को लेकर काफी काम किए हैं. कर्नल अजय कोठियाल सेना में रहते हुए NIM के प्रिंसिपल रहे. एनआईएम का कार्यालय उत्तरकाशी जिले में रहा है और गंगोत्री सीट पर इसके चलते कर्नल अजय कोठियाल काफी समय तक यहां रहे हैं.

यूथ फाउंडेशन: कोठियाल ने इस क्षेत्र के युवाओं को पर्वतारोहण से लेकर सेना में भर्ती होने के लिए मोटिवेट भी किया है. वहीं, कोठियाल की संस्था यूथ फाउंडेशन ने भी उत्तरकाशी में काफी काम किया है. यूथ फाउंडेशन की नीव भी गंगोत्री से ही पड़ी थी. यूथ फाउंडेशन युवाओं को सेना में जाने के लिए मुफ्त प्रशिक्षण देता है. यूथ फाउंडेशन के सहयोग से बड़ी संख्या में यहां के युवा सेना में भर्ती भी हुए है. इसीलिए गंगोत्री समेत पूरे उत्तरकाशी और टिहरी जिले में भी यूथ फाउंडेशन को लेकर लोगों में एक पॉजिटिव सोच है.

केदारनाथ पुनर्निर्माण के कार्यों से मिली थी नई पहचान: कर्नल अजय कोठियाल का नाम सबसे ज्यादा सुर्खियों में केदारनाथ पुनर्निर्माण के दौरान आया था. 2013 की आपदा के बाद दोबारा केदारधाम को व्यवस्थित करने के लिए कर्नल अजय ने मोर्चा संभाला था. इसके बाद उनके काम को काफी सराहा भी गया. अपने कामों से कर्नल अजय कोठियाल देश और दुनिया में काफी जाने गए. उत्तराखंड में लोगों में उनको लेकर एक आदर भाव भी देखा गया.

आपदा प्रभावितों को स्वरोजगार से जोड़ा: निम के प्रिंसिपल रहते हुए कर्नल कोठियाल ने कई युवक युवतियों को ट्रैंकिग के गुर सिखाकर उन्हें ट्रैंकिग गाइड के रूप में रोजगार उपलब्ध करवाया. वहीं, यूथ फाउंडेशन एवं ग्रीन पीपुल से जुड़ी ममता ने युवाओं को नई दिशा देने के साथ ही महिला सशक्तीकरण पर कार्य किया. उत्तरकाशी के रैथल गांव में पर्यटन, कृषि-बागवानी और स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के मेगा प्रोजेक्ट पर काम कर रही ममता स्थानीय युवतियों और महिलाओं स्वरोजगार से जोड़ रही हैं. इस फायदा भी कर्नल कोठियाल को इस सीट से मिलेगा.

कोरोना में गंगोत्री क्षेत्र में किया काम: कोरोना काल मे जब तमाम नेता अपने घरों में थे, तब कर्नल अजय कोठियाल ने गंगोत्री समेत उत्तरकाशी जिले में लोगों के बीच काम किया. कोरोना काल में उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को राशन बांटा और लोगों की मदद भी की. शायद यह वजह भी थी कि कर्नल कोठियाल ने गंगोत्री स्थित को ही चुना. क्योंकि वह इसी पर काफी काम करते रहे हैं.

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