नई दिल्ली : भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने शुक्रवार को बताया कि देश में 75 प्रतिशत से अधिक वर्षा लाने वाले दक्षिण-पश्चिम मॉनसून के इस साल सामान्य रहने की संभावना है.
पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के सचिव एम राजीवन ने बताया कि पांच प्रतिशत कम या ज्यादा के अंतर के साथ दीर्घावधि औसत (एलपीए) के हिसाब से 98 प्रतिशत बारिश होगी.
राजीवन ने डिजिटल तरीके से आयोजित संवाददाता सम्मेलन में जून से सितंबर के बीच चार महीने के दौरान वर्षा के लिए पूर्वानुमान को जारी किया. इसमें उन्होंने कहा कि ओडिशा, झारखंड, पूर्वी उत्तर प्रदेश और असम में सामान्य से कम बारिश होगी लेकिन देश शेष हिस्सों में बारिश सामान्य या सामान्य से अधिक होगी.
राजीवन ने कहा, दीर्घावधि औसत के हिसाब से मॉनसून में 98 प्रतिशत बारिश होगी, जो कि सामान्य है. यह देश के लिए अच्छी खबर है और इससे कृषि क्षेत्र से अच्छे परिणाम मिलेंगे.
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यह सूचना कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित अर्थव्यवस्था के लिए भी शुभ है. दक्षिणपश्चिम मॉनसून देश की अर्थव्यवस्था में अहम माना जाता है क्योंकि अर्थव्यवस्था मुख्यत: कृषि और इससे जुड़ी गतिविधियों पर बहुत हद तक निर्भर करती है. देश का बड़ा हिस्सा कृषि और जलाशयों के भरने के लिए चार महीने तक चलने वाले मॉनसून के मौसम पर निर्भर करता है.
बरसात के बीते दो मौसम में देश में सामान्य से अधिक बारिश हुई है.