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प. बंगाल में कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के लिए भाजपा की विशेष रणनीति, लक्ष्य 2024

भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता टीएमसी में न जाएं, इसके लिए पार्टी ने विशेष रणनीति बनाई है. पार्टी के वरिष्ठ नेता कार्यकर्ताओं के सीधे संपर्क में रहेंगे. उन्हें कानूनी और वित्तीय मदद दी जा रही है. शुभेंदु अधिकारी और दिलीप घोष को अहम जिम्मेदारी दी गई है.

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Published : Jun 22, 2021, 7:20 PM IST

कोलकाता : प. बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है. राज्य में राजनीतिक माहौल बदलने के बाद कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी से नाता तोड़ लिया. ऐसे में दूसरे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से पार्टी ने उनकी मदद करने का फैसला किया है. उन्हें वित्तीय मदद भी की जा रही है. उन्हें 2024 के आम चुनाव के लिए तैयारी शुरू करने को भी कहा गया है.

भाजपा ने अभी से ही बूथ लेवल व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर उनके संपर्क में रहने का निर्णय लिया है. पार्टी के नेता उनके संपर्क में रहेंगे. राज्य के कोने-कोने में क्या-क्या मुद्दे हैं, उनको वे लगातार फॉलो करते रहेंगे. पार्टी की रणनीति है कि इससे नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद बरकरार रहेगा.

पार्टी सूत्रों ने कहा कि इस चैट ग्रुप के जरिए वरिष्ठ नेता भी जुड़ेंगे. वे जमीनी कार्यकर्ताओं की कठिनाइयों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे. हर जिले में एक वर्कशॉप की भी योजना बनाई गई है. जुलाई महीने से इस पर अमल शुरू कर दिया जाएगा.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्कशॉप (workshop in west bengal bjp) के जरिए वे कार्यकर्ताओं को यह बताएंगे कि हाल के वर्षों में पार्टी ने कितनी तेजी से सफलता हासिल की है. इससे उनका मनोबल ऊंचा रहेगा. उन्होंने कहा कि हम उन्हें बताएंगे निराश होने की कोई जरूरत नहीं है. हमने इसके लिए छोटी फिल्म भी तैयार कर ली है. इसे उस प्रशिक्षण शिविर में दिखाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कोविड की स्थिति में नरमी आने के बाद स्थानीय निगमों के चुनाव होने हैं. हमारा उद्देश्य है कि हम टीएमसी को कड़ी टक्कर दें. इस कार्य में वर्कशॉप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

इस कार्य के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और राज्य में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने वर्चुअल संदेश देना शुरू कर दिया है. पार्टी नेताओं ने कहा कि यदि हम लोकल स्तर पर अपने को मजबूत नहीं करेंगे, तो टीएमसी को चुनौती नहीं दे सकते हैं.

विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में टीएमसी की ओर जाने की प्रवृत्ति देखी गई है. ऐसी स्थिति में भाजपा नेताओं ने उनसे व्यक्तिगत स्तर पर संपर्क साधना शुरू किया है. उन्हें कानूनी मदद देने का भरोसा भी दिया है. भाजपा के कोलकाता दफ्तर में कंट्रोल रूम खोला गया है. इसके जरिए ग्रासरूट कार्यकर्ताओं से बातचीत की जा रही है.

भाजपा नेता ने बताया कि लीगल मदद देने के लिए राज्य स्तर पर प्रियंका टिबरीवाल के नेतृत्व में सेल बनाया गया है. इसकी टीम अलग-अलग थानों में जाकर उन केस की तह तक जाने की कोशिश कर रही है, जिसे भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किया गया है, खासकर चुनाव परिणाम के बाद.

चुनाव परिणाम के बाद हिंसा के शिकार हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को मदद पहुंचाने के लिए जिला स्तर पर अलग से टीम बनाई गई है. इसमें वहां से सांसद और विधायक भी हैं.

भाजपा नेता ने बताया कि कई कार्यकर्ताओं को पांच लाख रुपये की सीधी मदद की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को छह हजार रुपये महीना दिया जा रहा है.

भाजपा के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जीत का सपना देखा था. उसके लिए कार्यकर्ताओं ने मेहनत भी की. लेकिन वह सपना पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अब हम लॉकडाउन खत्म होने और कोविड के बाद स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं. उसके बाद हम पूरे राज्य में टीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.

ये भी पढ़ें : जानिए टीएमसी के सामने क्यों पस्त हुई भाजपा ?

कोलकाता : प. बंगाल विधानसभा चुनाव (West Bengal Assembly Election) में अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में निराशा है. राज्य में राजनीतिक माहौल बदलने के बाद कई कार्यकर्ताओं ने पार्टी से नाता तोड़ लिया. ऐसे में दूसरे कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ाने के उद्देश्य से पार्टी ने उनकी मदद करने का फैसला किया है. उन्हें वित्तीय मदद भी की जा रही है. उन्हें 2024 के आम चुनाव के लिए तैयारी शुरू करने को भी कहा गया है.

भाजपा ने अभी से ही बूथ लेवल व्हाट्सऐप ग्रुप बनाकर उनके संपर्क में रहने का निर्णय लिया है. पार्टी के नेता उनके संपर्क में रहेंगे. राज्य के कोने-कोने में क्या-क्या मुद्दे हैं, उनको वे लगातार फॉलो करते रहेंगे. पार्टी की रणनीति है कि इससे नेताओं और कार्यकर्ताओं के बीच संवाद बरकरार रहेगा.

पार्टी सूत्रों ने कहा कि इस चैट ग्रुप के जरिए वरिष्ठ नेता भी जुड़ेंगे. वे जमीनी कार्यकर्ताओं की कठिनाइयों पर भी विस्तार से चर्चा करेंगे. हर जिले में एक वर्कशॉप की भी योजना बनाई गई है. जुलाई महीने से इस पर अमल शुरू कर दिया जाएगा.

पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने ईटीवी भारत को बताया कि वर्कशॉप (workshop in west bengal bjp) के जरिए वे कार्यकर्ताओं को यह बताएंगे कि हाल के वर्षों में पार्टी ने कितनी तेजी से सफलता हासिल की है. इससे उनका मनोबल ऊंचा रहेगा. उन्होंने कहा कि हम उन्हें बताएंगे निराश होने की कोई जरूरत नहीं है. हमने इसके लिए छोटी फिल्म भी तैयार कर ली है. इसे उस प्रशिक्षण शिविर में दिखाया जाएगा.

उन्होंने कहा कि कोविड की स्थिति में नरमी आने के बाद स्थानीय निगमों के चुनाव होने हैं. हमारा उद्देश्य है कि हम टीएमसी को कड़ी टक्कर दें. इस कार्य में वर्कशॉप महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा.

इस कार्य के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष और राज्य में प्रतिपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने वर्चुअल संदेश देना शुरू कर दिया है. पार्टी नेताओं ने कहा कि यदि हम लोकल स्तर पर अपने को मजबूत नहीं करेंगे, तो टीएमसी को चुनौती नहीं दे सकते हैं.

विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं में टीएमसी की ओर जाने की प्रवृत्ति देखी गई है. ऐसी स्थिति में भाजपा नेताओं ने उनसे व्यक्तिगत स्तर पर संपर्क साधना शुरू किया है. उन्हें कानूनी मदद देने का भरोसा भी दिया है. भाजपा के कोलकाता दफ्तर में कंट्रोल रूम खोला गया है. इसके जरिए ग्रासरूट कार्यकर्ताओं से बातचीत की जा रही है.

भाजपा नेता ने बताया कि लीगल मदद देने के लिए राज्य स्तर पर प्रियंका टिबरीवाल के नेतृत्व में सेल बनाया गया है. इसकी टीम अलग-अलग थानों में जाकर उन केस की तह तक जाने की कोशिश कर रही है, जिसे भाजपा कार्यकर्ताओं के खिलाफ दर्ज किया गया है, खासकर चुनाव परिणाम के बाद.

चुनाव परिणाम के बाद हिंसा के शिकार हुए पार्टी कार्यकर्ताओं को मदद पहुंचाने के लिए जिला स्तर पर अलग से टीम बनाई गई है. इसमें वहां से सांसद और विधायक भी हैं.

भाजपा नेता ने बताया कि कई कार्यकर्ताओं को पांच लाख रुपये की सीधी मदद की जा रही है. भारतीय जनता पार्टी के पूर्णकालिक कार्यकर्ताओं को छह हजार रुपये महीना दिया जा रहा है.

भाजपा के प्रदेश महासचिव सायंतन बसु ने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव में जीत का सपना देखा था. उसके लिए कार्यकर्ताओं ने मेहनत भी की. लेकिन वह सपना पूरा नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि अब हम लॉकडाउन खत्म होने और कोविड के बाद स्थिति सामान्य होने का इंतजार कर रहे हैं. उसके बाद हम पूरे राज्य में टीएमसी के खिलाफ मोर्चा खोलेंगे.

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