कोटा. राजस्थान के कोटा संभाग में रविवार शाम से हुई तेज बारिश के चलते बाढ़ जैसे हालात हो गए (Heavy Rain in Kota) हैं. निचले इलाकों में बारिश का पानी भर गया है. बीती शाम से ही लगातार बारिश हो रही है. इसके चलते आम जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. कोटा और बूंदी कलेक्टर ने भी जिले के सरकारी और निजी स्कूल में अवकाश घोषित कर दिया है. इसके साथ ही कोचिंग संस्थानों ने भी अपनी कक्षाएं सोमवार के लिए स्थगित कर दी हैं. जिसके बाद सभी छात्रों को हिदायत दी है कि हॉस्टल से बाहर नहीं निकलें. कोटा से गुजर रहे प्रमुख मार्ग भी बाधित हो गए हैं. इनमें कोटा-सांगोद और कोटा ग्वालियर, सवाईमाधोपुर, श्योपुर शामिल है.
मकान और बाजार में घुस गया बारिश का पानी: दूसरी तरफ पूरा शहर बारिश से पानी-पानी हो गया है. शहर की कई सड़कों पर पानी का दरिया बह रहा है. इनमें मुख्यता प्रेमनगर, बजरंग नगर और जवाहर नगर इलाके की सड़कें शामिल हैं. बजरंग नगर इलाके से निकल रहा नाला भयंकर बारिश के चलते उफान पर है और जिसका पानी त्रिवेणी आवास व आदित्य आवास सहित कई कॉलोनियों में प्रवेश कर गया है. दूसरी तरफ शहर के जवाहर नगर नाले का पानी भी ओवरफ्लो हो गया है. तलवंडी और जवाहर इलाके में मकानों में घुस गया है. इसके साथ ही जवाहर नगर मेन रोड पर भी दुकानों में पानी प्रवेश कर गया है. अभी भी लगातार बारिश का क्रम जारी है. बता दें, जिले में करीब 15 घंटों में करीब 9 इंच बारिश हुई है.
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कॉलोनियों में चलेगी नाव: दूसरी तरफ नगर प्रेमनगर, डीसीएम, बोरखेड़ा, रायपुरा, देवली अरब रोड, अनंतपुरा सहित कई इलाकों में जलभराव की स्थिति हो गई है. सैकड़ों की संख्या में कॉलोनियों में पानी भर गया है. जिससे हजारों लोग प्रभावित हुए हैं. ऐसे में निचले इलाकों में रेस्क्यू भी नगर निगम की टीम शुरू कर सकती है. कुछ समय में ही नगर निगम की गोताखोर और रेस्क्यू टीम नाव इन इलाकों में चला सकती है. इसके अलावा आरएसी और एसडीआरएफ की मदद भी ली जा सकती है. कुछ कच्चे मकान भी कच्ची बस्तियों में गिरे हैं. मौसम विभाग ने कोटा संभाग में 21 और 22 अगस्त के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया था. जिसमें हिदायत दी थी कि कोटा में 115 से 205 मिलीलीटर बारिश तक की बारिश हो सकती (Rain Alert in Kota) है.
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कैथून कस्बा दो हिस्सों में बंटा: भारी बारिश (Heavy Rain in Kota) के चलते नदियां उफान पर हैं. इसके चलते चंद्रलोई नदी में भी भारी मात्रा में पानी की आवक हो रही है. कैथून कस्बे को इस नदी ने दो हिस्सों में बांट दिया है. कस्बे के बीच से गुजर रही नदी के पुलिया पर साढ़े तीन फीट पानी है. जिसके चलते कोटा सांगोद मार्ग पर भी आवागमन बाधित हो गया है. साथ ही इस नदी के आसपास की सैकड़ों बस्तियां जलमग्न हो गई हैं. जिनमें चार से पांच फीट पानी भर गया है. नगर निगम के कैथून के पार्षद दीनदयाल गौतम दीनू ने बताया कि रामनगर, मीरा बस्ती, सुमन विहार, ईदगाह बस्ती सहित आसपास की कई बस्तियां जलमग्न हो गई है. चंद्रलोई नदी में पानी का स्तर तेजी से पानी बढ़ रहा है. इसके चलते मोटर बस स्टैंड पर एहतियातन दुकानदार अपनी दुकानों को भी समेट रहे हैं और सामानों को ऊंचे स्थान पर ले जा रहे हैं.
कोटा बैराज से ढाई लाख क्यूसेक पानी की निकासी जारी: दूसरी तरफ गांधी सागर बांध से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही लोकल इनफ्लो भी चंबल नदी में बढ़ गया है. जिसके चलते कोटा बैराज के 13 गेटों को 215 फीट खोलकर 2,38,000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही. इसके साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि अगर इसी तरह से बारिश चलती रही और गांधी सागर से भी पानी की निकासी की गई, तब यह निकासी 3 लाख से भी ज्यादा जा सकती है. दूसरी तरफ जवाहर सागर बांध से 2,33,000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. यह निकासी बढ़ने पर अलर्ट जारी किया है.
जिसमें चंबल के नजदीकी लो लाइन एरिया में पानी भराव की संभावना रहेगी. जिससे मथुराधीशजी के घाट के पास माता जी के द्वार के बीच, जामा मस्जिद के पास वाले खरंजा की सीढ़ी पर, शारदा घाट के पास जनाना घाट के सामने सीढ़ी के चबूतरे पर, कर्बला क्षेत्र तक, राज्य पथ परिवहन अड्डे के पास पुलिया के पास तेज पानी आने की संभावना रहेगी. ऐसे में चंबल नदी के निचले इलाके में लोगों को नहीं जाने की सलाह दी गई है.
कोटा बैराज के 14 गेटों को खोला गया: दूसरी तरफ गांधी सागर बांध से भी लगातार पानी छोड़ा जा रहा है. इसके साथ ही लोकल इनफ्लो भी चंबल नदी में बढ़ गया है. जिसके चलते कोटा बैराज के 14 गेटों को खोलकर 340000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही. साथ ही उम्मीद जताई जा रही है कि अगर इसी तरह से बारिश चलती रही और गांधी सागर से भी पानी की निकासी की गई, तब यह निकासी 4 लाख से भी ज्यादा जा सकती है. दूसरी तरफ जवाहर सागर बांध से 340000 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है. यह निकासी बढ़ने पर अलर्ट जारी किया है. जिसमें चंबल के नजदीकी लो लाइन एरिया में पानी भराव की संभावना रहेगी. आरपीएस डैम के सहायक अभियंता हरीश तिवाड़ी का कहना है गांधी सागर बांध से डेढ़ लाख की उसे की निकासी की जा रही है, लेकिन आरपीएस डैम के कैचमेंट एरिया में आने वाली गुंजाली नदी में भी करीब डेढ़ लाख क्यूसेक पानी आ रहा है. दूसरी तरफ जवाहर सागर बांध के कैचमेंट एरिया में आ रही ब्रह्माणी नदी में भी 80000 क्यूसेक से ज्यादा पानी की आवक हो रही है। ऐसे में निकासी को बढ़ाकर चार लाख किया जा सकता है.
इन इलाकों तक पहुंचा पानी का खतरा: प्रशासन की ओर से नयापुरा इलाके में चंबल की निचली बस्तियों में भी अलर्ट जारी कर दिया गया है. प्रशासन ने एहतियातन तौर पर निचली बस्तियों में लोगों को निकालने के लिए निर्देशित किया है. वहां पर नगर निगम की टीम ने मुनादी भी की है. जिससे मथुराधीशजी के घाट के पास देवस्थान व घाट, जामा मस्जिद के पास नाले वाली मस्जिद की गोलाकार दीवार, शवदाह घाट, कर्बला क्षेत्र तक, राज्य पथ परिवहन अड्डे के पास पुलिया के पास तेज पानी आने की संभावना रहेगी. इसके साथ ही नयापुरा इलाके में ना के चुनरी की दूसरी सीधी तक पानी पहुंचेगा वही रतनलाल नाई और बक्शलाल चाय वाले की दुकान खाली करवाना होगा.
तिरुपति आवास में शुरू हुआ रेस्क्यू: नगर निगम की रेस्क्यू टीम भी थेकड़ा इलाके के तिरुपति आवास में पहुंच गई है. जहां पर घरों में कैद लोगों को निकाला जा रहा है इसमें नाले के नजदीक स्थित कॉलोनी में तेज बहाव के चलते पानी प्रवेश कर गया था. करीब 7 से 8 फीट पानी यहां पर सड़कों पर था और मकानों में 1 से 2 फीट पानी आ गया था. जिसके चलते लोगों को निकालने का काम नगर निगम की रेस्क्यू टीम ने गोताखोर विष्णु सारंगी के नेतृत्व में शुरू कर दिया है. मौखापाड़ा स्थित सरकारी पशु चिकित्सालय के पास स्थित सरकारी स्कूल विद्यालय की दीवार भी टूट गई है.
बोरखेड़ा इलाके में 7 फीट लंबा मगरमच्छ पकड़ा गया: बोरखेड़ा इलाके के प्रगति नगर में 7 फीट लंबा मगरमच्छ पहुंच गया. जिसको वन विभाग की टीम ने स्थानीय लोगों की मदद से पकड़ा. जिसे जलाशय में छोड़ा जाएगा. इसके अलावा भी कई कॉलोनियों में नालों से मगरमच्छों का खतरा बढ़ गया है. क्योंकि नालों का जल स्तर ऊंचा उठ गया है. ऐसे में मगरमच्छों ने कॉलोनियों में प्रवेश करना शुरू कर दिया है.