आगरा: दिल्ली और मथुरा में कोहराम बचाने वाली कालिंदी अब आगरा में खतरे से चार फीट ऊपर बह रही है. इस कारण सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई. यमुना किनारे जिधर देखो उधर अथाह पानी दिख रहा है. जिले में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है. 45 साल बाद यमुना नदी ताजमहल की दीवार छूकर बह रही है. दशहरा घाट पानी में डूब गया है. इसके साथ ही रामबाग, एत्मादउद्दौला, जौहरी बाग, मेहताब बाग समेत अन्य स्मारकों को छूकर यमुना बह रही है. ताजगंज श्मशान घाट, पोइयाघाट के मोक्षधाम, कैलाश मंदिर, कैलाश गांव समेत दर्जनों गांव में यमुना का पानी पहुंच गया है. आगरा के लिए 24 घंटे अहम हैं. इस दौरान तेजी से यमुना का जलस्तर बढ़ेगा. यमुना का जलस्तर 500 फीट पार कर जाएगा. बाढ़ के खतरे के चलते कैलाश मेला स्थगित कर दिया है.
यमुना नदी का जलस्तर और बढ़ने की स्थिति में शहरी क्षेत्र के करीब 30 इलाकों में बाढ़ का खतरा है. कैलाश घाट से बटेश्वर तक यमुना के तटवर्ती गांव में यमुना का पानी पहुंच गया है. सैकड़ों बीघा फसल जलमग्न हो गई है. सिंचाई विभाग ने इसकी सूची जारी की है. सूची के मुताबिक, नगला बूढ़ी, अमर विहार, दयालबाग, बल्केश्वर, जसवंत की छतरी, सरस्वती नगर, राधा नगर, जीवनी मंडी, कृष्णा कालोनी, बेलनगंज, सक्सेरिया गली, यमुना किनारा रोड, वेदांत मंदिर से फोर्ट तक, स्ट्रेची ब्रिज, छत्ता बाजार, गोकुलपुरा, कछपुरा, नगला देवजीत, मारवाड़ी बस्ती, मोती महल, यमुना ब्रिज कालोनी, कटरा वजीर खां, रामबाग बस्ती, अप्सरा टाकीज, भगवती बाग, राधा विहार, केके नगर और जगदंबा डिग्री कॉलेज आदि में बाढ़ की संभावना है.
कैलाश मंदिर के गर्भगृह में पहुंचा यमुना का जल
आगरा में यमुना नदी हदें पार करने लगी है. यमुना में पानी खतरे का निशान पार करके 499 फीट पहुंच गया है. ऐसे में यमुना नदी का पानी तटवर्ती गांव, बस्ती, काॅलोनी और सड़कों पर पहुंच गया है. कैलाश मंदिर, यमुना किनारे स्थित मेहताब बाग, ताज व्यू प्वाइंट के साथ ही यमुना का पानी गांव कैलाश, तनिष्क राजश्री एस्टेट काॅलोनी, पोइया घाट, अनुराग नगर, गांव सिकंदरपुर, यमुना किनारा स्ट्रैची ब्रिज, हाथी घाट, ताजगंज श्मशानघाट में पहुंच गया है. यमुना के उफान को देखकर प्रशासन ने तटवर्ती गांव, बस्ती और काॅलोनियों को खाली करने के नोटिस चस्पा किए हैं, जिससे बाढ़ के पानी से जनहानि ना हो.
नाले बैक मारने लगे
यमुना का जलस्तर बढ़ने से आगरा के प्रमुख नाले बैक मारने लगे हैं. इसमें मंटोला नाला, महावीर नाला, भैरों नाला, राजनगर नाला समेत अन्य नाले शामिल हैं. इन नालों की वजह से इनसे सटी काॅलोनी और घरों में यमुना का जलस्तर बढ़ने पर पानी घरों में पहुंच जाएगा. इससे लोगों में दहशत बनी हुई है. क्योंकि, नाले यदि बैक मारते हैं तो बस्तियां डूब सकती हैं. शहर में यमुना किनारे बने 5 सीवेज पंपिंग स्टेशन एहतियातन बंद कर दिए गए हैं.
एनडीआरएफ-एसडीआरएफ ने संभाला मोर्चा
बता दें कि आगरा में यमुना का जलस्तर बढ़ने से बाढ़ का खतरा है. एडीएम वित्त एवं राजस्व यशवर्धन श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में 47 बाढ़ चौकी बनाई गईं. 350 से ज्यादा राज्य कर्मचारियों की डयूटी लगाई गई है. जिले में राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ) और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) की टीम ने मोर्चा संभाल लिया है.
ताज व्यू प्वाइंट बंद किया गया
ताजमहल के पार्श्व में स्थिति ताज व्यू प्वाइंट को आगरा विकास प्राधिकरण (एडीए) ने अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. वहां यमुना का पानी पहुंचने पर पर्यटकों के लिए खतरा है. एडीए के उपाध्यक्ष चर्चित गौड ने बताया कि यमुना का जलस्तर बढ़ने की वजह से ताज व्यू प्वाइंट को फिलहाल बंद कर दिया गया है. तैनात कर्मचारियों को हिदायत दी गई है कि उधर किसी पर्यटक या स्थानीय निवासी को नहीं जाने दें.
30 परिवार सुरक्षित जगह भेजे
गांव कैलाश निवासी संतोष गिरि ने बताया कि वर्ष 1978 में बाढ़ आई थी. वैसे सन् 2010 में भी गांव में पानी आया था. लेकिन, इस बार यमुना डरा रही हैं. दहशत में छतों पर रात गुजारनी पड़ी है. एनडीआरएफ की टीम ने गांव में करीब 5 फीट तक पानी भरने पर एहतियातन गांव में यमुना किनारे पर रहने वाले करीब 30 परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा है. गांव कैलाश में पानी भरने से बलदेव की ओर के 6 गांवों का संपर्क शहरी क्षेत्र से कट गया है.
20 घंटे से नहीं है बिजली
टोरेंट ने यमुना के तटवर्ती क्षेत्र में ट्रांसफॉर्मर के पानी में डूब जाने पर विद्युत आपूर्ति रोक दी है. गांव कैलाश, दशहरा घाट की लाइट काट दी गई है. गांव कैलाश में 20 घंटे से बिजली नहीं है. रात में गर्मी और उसम के कारण लोग परेशान रहे. लोगों को घर के बाहर मंदिर प्रांगण में रात गुजारनी पड़ी. स्कूल बंद हो गए हैं. खाने-पीने के सामान की किल्लत हो रही है. मंगलवार सुबह कैलाश मंदिर के गर्भगृह में तीन फीट पानी भरा था. भक्त पानी के बीच ही मंदिर पहुंच रहे हैं.
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