नई दिल्ली : चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) लद्दाख के पैंगोंग झील के पास लगातार घुसपैठ करती रहती है. 2020 में इस क्षेत्र में झड़प भी हुई थी. पैंगोंग झील दुनिया की सबसे ऊंची खारे पानी की झील है, जिसका दो-तिहाई हिस्सा चीन में है. पैंगोंग में करीब 14,500 फीट की ऊंचाई पर आठ पहाड़ियां हैं, जिन्हें 8 फिंगर्स 'आठ उंगलियां' कहा जाता है. भारत और चीन के बीच सीमा विवाद फिंगर 4 से फिंगर 8 तक था. फिंगर 4 तक का क्षेत्र भारतीय सेना के कब्जे में था, जबकि फिंगर 4 से फिंगर 8 तक का क्षेत्र दोनों सेनाओं का पेट्रोलिंग क्षेत्र था.
चीन ने फिंगर 4 तक सड़क बना ली थी, जबकि भारतीय सेना का उस झील के किनारे बेस कैंप है, जहां सैनिक तैनात थे. सेना फिंगर 4 से फिंगर 8 तक पैदल पेट्रोलिंग करती थी. चीनी सेना की गतिविधियों को ध्यान में रखते हुए भारत ने पूर्वी लद्दाख में भारतीय क्षेत्र में चीनी सैनिकों की घुसपैठ को रोकने के लिए करीब 60 हजार सैनिकों को तैनात किया है. भारत ने एलएसी के पास भीष्म टैंक, सुखोई फाइटर जेट और रुद्र हेलीकॉप्टर भी तैनात किए थे. हालांकि, चर्चा के मैराथन दौर के बाद एक समझौता हुआ और दोनों देश पूर्वी लद्दाख में अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति को बहाल करने पर सहमत हुए.
रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, दोनों देश पैंगोंग झील पर तैनात अपने सैनिकों को पीछे हटाने पर राजी हो गए थे. चीन फिंगर 4 से अपने सैनिकों को वापस बुलाने और उन्हें वापस फिंगर 8 पर ले जाने पर सहमत हो गया. दोनों देश इस बात पर सहमत हुए कि फिंगर 3 से फिंगर 8 तक का क्षेत्र अब 'नो पेट्रोलिंग जोन' जैसा होगा.
(आईएएनएस)