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राजस्थान में कोविड केयर सेंटर से पांच कैदी फरार

चित्तौड़गढ़ जिला अस्पताल के कोविड सेंटर में उपचाररत पांच कैदी सेंटर से फरार हो गए हैं, जिससे सुरक्षा-व्यवस्था की एक बार फिर से पोल खुल गई है. जानकारी मिलने पर अधिकारियों ने तुरंत शहर में नाकेबंदी शुरू करवा दी. हालांकि, अभी तक बंदियों का पता नहीं चला.

फरार
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Published : May 3, 2021, 2:02 PM IST

चित्तौड़गढ़ : राजस्थान के जिला चिकित्सालय में बंदियों के लिए बनाए गए कोविड सेंटर में क्वारंटीन हुए पांच कैदी सेंटर से फरार हो गए हैं. इस घटना की जानकारी सोमवार सुबह मिल पाई. इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था की एक बार फिर से पोल खुल गई. आनन-फानन में प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली. यहां पांच बंदी उपचाररत थे.सोमवार सुबह करीब 4:30 बजे कोविड सेंटर के छत के रास्ते होकर फरार हुए हैं. गार्ड को जब इस बात की खबर हुई तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी.

सूचना पर एडिशनल एसपी हिम्मत सिंह देवल, डिप्टी मनीष शर्मा व थाना अधिकारी दर्शन सिंह मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने तुरंत शहर में नाकेबंदी शुरू करवा दी. हालांकि, अभी तक बंदियों का पता नहीं चला.

जानकारी में सामने आया कि श्री सांवलियाजी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में नगर परिषद की ओर से रैन बसेरा का निर्माण करवाया हुआ है. यहां कोरोना काल से ही उन बंदियों को यहां रखा जाता है, जिन्हें जेल भेजने से पूर्व कोरोना जांच होती है और रिपोर्ट आने का इंतजार रहता है. साथ ही कभी कभार पॉजिटिव आए बंदी भी यहीं रहते हैं. इसी के सामने टेंट लगा कर पुलिस की चौकी लगाई हुई है.

कोविड सेंटर में उपचाररत कोविड-19 पॉजिटिव बंदियों को जेल में डालने से पहले क्वॉरेंटाइन किया जाता है. वहां से आज सुबह 4.30 बजे के करीब पांच बन्दी मौके से भाग गए.

यह पांचों बंदी कुलदीप पुत्र उम्मेद सिंह राजपूत उम्र 26 साल, निवासी किशनिया खेड़ी, कपासन, पिंटू पुत्र संतोष शर्मा निवासी हरपुरा, पारसोली, मुकेश उर्फ पप्पू पुत्र कन्हैया लाल सालवी निवासी चावंडिया, पारसोली, संजय पुत्र सुकरत निवासी धारडी, सिंगोली, नीमच, मध्यप्रदेश व पप्पू पुत्र रतनलाल जोगी निवासी घोसुंडा, चंदेरिया अलग-अलग थानों में पकड़े गए थे. इनको गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजने से पहले कोविड जांच के लिए सैंपल लिया गया और उन्हें कोविड-19 सेंटर पर क्वॉरेंटाइन किया गया.

सुबह एक अन्य कैदी, जो वहीं पर क्वॉरेंटाइन था, ने पास में मौजूद गार्ड को इसकी सूचना दी. जब गार्ड ने जाकर अंदर देखा तो 5 कैदी मौके पर नहीं थे.

जांच करने पर पता चला कि कैदियों ने छत के दरवाजे को ऊंचा कर छत के रास्ते से पास के मोर्चरी गृह के छत पर छलांग लगा कर वहां से फरार हुए. मोर्चरी गृह के छत की ऊंचाई भी काफी कम है, इसलिए उन्हें भागने में भी आसानी हुई. गार्ड ने इसकी सूचना सदर थाने को दी.

सूचना पर सदर थानाधिकारी दर्शन सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया. इसके बाद उन्होंने उच्च अधिकारियों को सूचना दी. जिस पर एडिशनल एसपी हिम्मत सिंह देवल, डिप्टी मनीष शर्मा मौके पर पहुंचे और पूरे जिले में नाकेबंदी शुरू कर दी.

पढ़ें- रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का जोधपुर कनेक्शन, गोयल अस्पताल का नर्सिंगकर्मी व एक एमआर सहित 3 गिरफ्तार

अभी तक फरार हुए बंदियों का पता नहीं चला. बता दें कि इससे पूर्व भी 2020 में भी दो बंदी क्वॉरेंटाइन सेंटर के कांच की खिड़की तोड़ कर फरार हो गए थे, हालांकि दोनों बन्दियों को फिर से पकड़ लिया गया था.

चित्तौड़गढ़ : राजस्थान के जिला चिकित्सालय में बंदियों के लिए बनाए गए कोविड सेंटर में क्वारंटीन हुए पांच कैदी सेंटर से फरार हो गए हैं. इस घटना की जानकारी सोमवार सुबह मिल पाई. इसके बाद सुरक्षा व्यवस्था की एक बार फिर से पोल खुल गई. आनन-फानन में प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे और मामले की जानकारी ली. यहां पांच बंदी उपचाररत थे.सोमवार सुबह करीब 4:30 बजे कोविड सेंटर के छत के रास्ते होकर फरार हुए हैं. गार्ड को जब इस बात की खबर हुई तो उन्होंने अपने उच्च अधिकारियों को इसकी सूचना दी.

सूचना पर एडिशनल एसपी हिम्मत सिंह देवल, डिप्टी मनीष शर्मा व थाना अधिकारी दर्शन सिंह मौके पर पहुंचे. अधिकारियों ने तुरंत शहर में नाकेबंदी शुरू करवा दी. हालांकि, अभी तक बंदियों का पता नहीं चला.

जानकारी में सामने आया कि श्री सांवलियाजी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में नगर परिषद की ओर से रैन बसेरा का निर्माण करवाया हुआ है. यहां कोरोना काल से ही उन बंदियों को यहां रखा जाता है, जिन्हें जेल भेजने से पूर्व कोरोना जांच होती है और रिपोर्ट आने का इंतजार रहता है. साथ ही कभी कभार पॉजिटिव आए बंदी भी यहीं रहते हैं. इसी के सामने टेंट लगा कर पुलिस की चौकी लगाई हुई है.

कोविड सेंटर में उपचाररत कोविड-19 पॉजिटिव बंदियों को जेल में डालने से पहले क्वॉरेंटाइन किया जाता है. वहां से आज सुबह 4.30 बजे के करीब पांच बन्दी मौके से भाग गए.

यह पांचों बंदी कुलदीप पुत्र उम्मेद सिंह राजपूत उम्र 26 साल, निवासी किशनिया खेड़ी, कपासन, पिंटू पुत्र संतोष शर्मा निवासी हरपुरा, पारसोली, मुकेश उर्फ पप्पू पुत्र कन्हैया लाल सालवी निवासी चावंडिया, पारसोली, संजय पुत्र सुकरत निवासी धारडी, सिंगोली, नीमच, मध्यप्रदेश व पप्पू पुत्र रतनलाल जोगी निवासी घोसुंडा, चंदेरिया अलग-अलग थानों में पकड़े गए थे. इनको गिरफ्तार करने के बाद जेल भेजने से पहले कोविड जांच के लिए सैंपल लिया गया और उन्हें कोविड-19 सेंटर पर क्वॉरेंटाइन किया गया.

सुबह एक अन्य कैदी, जो वहीं पर क्वॉरेंटाइन था, ने पास में मौजूद गार्ड को इसकी सूचना दी. जब गार्ड ने जाकर अंदर देखा तो 5 कैदी मौके पर नहीं थे.

जांच करने पर पता चला कि कैदियों ने छत के दरवाजे को ऊंचा कर छत के रास्ते से पास के मोर्चरी गृह के छत पर छलांग लगा कर वहां से फरार हुए. मोर्चरी गृह के छत की ऊंचाई भी काफी कम है, इसलिए उन्हें भागने में भी आसानी हुई. गार्ड ने इसकी सूचना सदर थाने को दी.

सूचना पर सदर थानाधिकारी दर्शन सिंह अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंचे और मौका मुआयना किया. इसके बाद उन्होंने उच्च अधिकारियों को सूचना दी. जिस पर एडिशनल एसपी हिम्मत सिंह देवल, डिप्टी मनीष शर्मा मौके पर पहुंचे और पूरे जिले में नाकेबंदी शुरू कर दी.

पढ़ें- रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का जोधपुर कनेक्शन, गोयल अस्पताल का नर्सिंगकर्मी व एक एमआर सहित 3 गिरफ्तार

अभी तक फरार हुए बंदियों का पता नहीं चला. बता दें कि इससे पूर्व भी 2020 में भी दो बंदी क्वॉरेंटाइन सेंटर के कांच की खिड़की तोड़ कर फरार हो गए थे, हालांकि दोनों बन्दियों को फिर से पकड़ लिया गया था.

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