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जलवायु परिवर्तन पर आधारित है भोजपुरी का पहला पॉडकास्ट 'धरती मैया'

जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भोजपुरी का पहला पॉडकास्ट 'धरती मैया' तैयार किया गया है. इसका ट्रेलर रिलीज कर दिया गया है. ट्रेलर को लोगों को अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. मार्च के पहले सप्ताह में पॉडकास्ट को ब्रॉडकास्ट किया जाएगा.

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Published : Feb 15, 2021, 9:14 PM IST

पटना : जलवायु परिवर्तन जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बना भोजपुरी का पहला पॉडकास्ट 'धरती मैया' का ट्रेलर रविवार 14 फरवरी को रिलीज किया गया. इसका ब्रॉडकास्ट मार्च महीने के पहले सप्ताह से शुरू किया जाएगा. इस पॉडकास्ट को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके मुजफ्फरपुर के सिद्धांत सारंग ने डिजाइन किया है.

इस पॉडकास्ट के माध्यम से भोजपुरी भाषा में जलवायु परिवर्तन के अगल-अलग पहलुओं के बारे में लोगों को जानकारी देने की कोशिश की गई है. हालांकि, इससे पहले अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में क्लाइमेट चेंज के बारे जानकारी दी गई है. अपने पॉडकास्ट को लेकर सिद्धांत सारंग ने बताया कि हम सभी आज क्लाइमेट चेंज के बारे में बात कर रहे हैं. यह आज का सबसे बड़ा और गंभीर मुद्दा भी है. अभी के समय में तेजी से क्लाइमेट चेंज हो रहा है. इसलिए मैंने इस पर काम करना शुरू किया.

सहज भाषा है भोजपुरी

'भोजपुरी में इस पॉडकास्ट को लाने का निर्णय इसलिए लिया गया, ताकि भोजपुरी को प्रदेश में सभी लोग काफी आसानी से समझते हैं. आज के समय में सोशल मीडिया पर लोग अंग्रेजी में क्लाइमेट चेंज के बारे में लंबी लंबी बातें करते हैं. यह सोशल मीडिया तक ही सिमट कर रह जाता है. क्लाइमेट चेंज के बारे में सही में कुछ करना है, तो इसके बारे में चर्चा के दायरे का विस्तार करना होगा और यह तभी संभव है, जब क्लाइमेट चेंज के बारे में जानकारी आसान और सहज भाषा में गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों तक पहुंचाया जाए.'- सिद्धांत सारंग

अधिक लोगों तक पहुंच के लिए भोजपुरी
सारंग ने बताया कि जब बिहार में क्लाइमेट चेंज विषय पर काम करना शुरू किया, तो यह महसूस हुआ कि कोई ऐसा माध्यम चुनना होगा, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचा जा सके. इसलिए भोजपुरी भाषा में क्लाइमेट चेंज जैसे विषय पर 'धरती मैया' नाम का पॉडकास्ट लाने का निर्णय किया. यह पॉडकास्ट भोजपुरी भाषा का पहला पॉडकास्ट है. भोजपुरी भाषा को लोग काफी आसानी से समझते हैं. इसलिए इस पॉडकास्ट को लोग जब सुनेंगे, तो भोजपुरी भाषा की एक अलग अवधारणा जो बनी हुई है, उससे भी निकल पाएंगे.

बाढ़ की विभिषिका ने किया प्रेरित
सिद्धांत सारंग ने बताया कि वह जब 8 साल के थे, तब बिहार में कोसी नदी में बाढ़ आई थी. उसका मंजर बेहद भयानक और दर्दनाक था. उनके पिताजी सामाजिक कार्यकर्ता हैं, इस वजह से वह भी उस वक्त राहत कार्यों से जुड़े थे. उन्हें वो मंजर बखूबी याद है. इन्हीं सब बातों के कारण वह जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे पर काम करने के लिए प्रेरित हुए. साल 2019 में सिद्धांत सारंग ने क्वींस कॉमनवेल्थ ट्रस्ट स्कॉलरशिप जीता था. इसके बाद वह लंदन के वन यंग वर्ल्ड 2019 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत का प्रतिनिधित्व किया.

यह भी पढ़ें-टूलकिट केस : दिशा रवि की गिरफ्तारी के विरोध में विपक्ष एकमत

क्या होता है पॉडकास्ट
पॉडकास्ट एक तरह का मीडिया प्लेटफॉर्म ही है, जो कि इंटरनेट पर फीड की तरह प्रसारित की जाती है. इसे कंप्यूटर या पोर्टेबल मीडिया प्लेयरों जैसे आईपॉड या स्मार्टफोन द्वारा चलाया जा सकता है. इस प्रक्रिया को पॉडकास्टिंग कहा जाता है. पॉडकास्ट बनाने और प्रसारित करने वाले को पॉडकास्टर कहा जाता है. पॉडकास्ट दो शब्दों से मिलकर बना है: प्लेयेबल ऑन डिमांड(POD).

पटना : जलवायु परिवर्तन जैसे संवेदनशील मुद्दे पर बना भोजपुरी का पहला पॉडकास्ट 'धरती मैया' का ट्रेलर रविवार 14 फरवरी को रिलीज किया गया. इसका ब्रॉडकास्ट मार्च महीने के पहले सप्ताह से शुरू किया जाएगा. इस पॉडकास्ट को दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्र रह चुके मुजफ्फरपुर के सिद्धांत सारंग ने डिजाइन किया है.

इस पॉडकास्ट के माध्यम से भोजपुरी भाषा में जलवायु परिवर्तन के अगल-अलग पहलुओं के बारे में लोगों को जानकारी देने की कोशिश की गई है. हालांकि, इससे पहले अंग्रेजी और अन्य भाषाओं में क्लाइमेट चेंज के बारे जानकारी दी गई है. अपने पॉडकास्ट को लेकर सिद्धांत सारंग ने बताया कि हम सभी आज क्लाइमेट चेंज के बारे में बात कर रहे हैं. यह आज का सबसे बड़ा और गंभीर मुद्दा भी है. अभी के समय में तेजी से क्लाइमेट चेंज हो रहा है. इसलिए मैंने इस पर काम करना शुरू किया.

सहज भाषा है भोजपुरी

'भोजपुरी में इस पॉडकास्ट को लाने का निर्णय इसलिए लिया गया, ताकि भोजपुरी को प्रदेश में सभी लोग काफी आसानी से समझते हैं. आज के समय में सोशल मीडिया पर लोग अंग्रेजी में क्लाइमेट चेंज के बारे में लंबी लंबी बातें करते हैं. यह सोशल मीडिया तक ही सिमट कर रह जाता है. क्लाइमेट चेंज के बारे में सही में कुछ करना है, तो इसके बारे में चर्चा के दायरे का विस्तार करना होगा और यह तभी संभव है, जब क्लाइमेट चेंज के बारे में जानकारी आसान और सहज भाषा में गरीब और मजदूर वर्ग के लोगों तक पहुंचाया जाए.'- सिद्धांत सारंग

अधिक लोगों तक पहुंच के लिए भोजपुरी
सारंग ने बताया कि जब बिहार में क्लाइमेट चेंज विषय पर काम करना शुरू किया, तो यह महसूस हुआ कि कोई ऐसा माध्यम चुनना होगा, जिससे कि ज्यादा से ज्यादा लोगों के बीच पहुंचा जा सके. इसलिए भोजपुरी भाषा में क्लाइमेट चेंज जैसे विषय पर 'धरती मैया' नाम का पॉडकास्ट लाने का निर्णय किया. यह पॉडकास्ट भोजपुरी भाषा का पहला पॉडकास्ट है. भोजपुरी भाषा को लोग काफी आसानी से समझते हैं. इसलिए इस पॉडकास्ट को लोग जब सुनेंगे, तो भोजपुरी भाषा की एक अलग अवधारणा जो बनी हुई है, उससे भी निकल पाएंगे.

बाढ़ की विभिषिका ने किया प्रेरित
सिद्धांत सारंग ने बताया कि वह जब 8 साल के थे, तब बिहार में कोसी नदी में बाढ़ आई थी. उसका मंजर बेहद भयानक और दर्दनाक था. उनके पिताजी सामाजिक कार्यकर्ता हैं, इस वजह से वह भी उस वक्त राहत कार्यों से जुड़े थे. उन्हें वो मंजर बखूबी याद है. इन्हीं सब बातों के कारण वह जलवायु परिवर्तन जैसे मुद्दे पर काम करने के लिए प्रेरित हुए. साल 2019 में सिद्धांत सारंग ने क्वींस कॉमनवेल्थ ट्रस्ट स्कॉलरशिप जीता था. इसके बाद वह लंदन के वन यंग वर्ल्ड 2019 शिखर सम्मेलन में जलवायु परिवर्तन के मुद्दे पर भारत का प्रतिनिधित्व किया.

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क्या होता है पॉडकास्ट
पॉडकास्ट एक तरह का मीडिया प्लेटफॉर्म ही है, जो कि इंटरनेट पर फीड की तरह प्रसारित की जाती है. इसे कंप्यूटर या पोर्टेबल मीडिया प्लेयरों जैसे आईपॉड या स्मार्टफोन द्वारा चलाया जा सकता है. इस प्रक्रिया को पॉडकास्टिंग कहा जाता है. पॉडकास्ट बनाने और प्रसारित करने वाले को पॉडकास्टर कहा जाता है. पॉडकास्ट दो शब्दों से मिलकर बना है: प्लेयेबल ऑन डिमांड(POD).

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