नई दिल्ली: लोकसभा की आचार समिति तृणमूल कांग्रेस की सांसद महुआ मोइत्रा पर 'पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने' के आरोपों पर बृहस्पतिवार को अपनी पहली बैठक करेगी जिसमें शिकायतकर्ता भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई अपने बयान दर्ज करा सकते हैं. दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से की गयी शिकायत में देहाद्रई द्वारा साझा किये गये दस्तावेजों का उल्लेख किया है. बिरला ने मामले को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद विनोद कुमार सोनकर की अध्यक्षता वाली आचार समिति को भेज दिया.
दुबे ने कहा है कि किसी समय मोइत्रा के करीबी रहे देहाद्रई ने मोइत्रा और कारोबारी दर्शन हीरानंदानी के बीच अडानी समूह तथा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधने के लिए रिश्वत के लेनदेन के ऐसे साक्ष्य साझा किये हैं जिन्हें खारिज नहीं किया जा सकता. आचार समिति के बृहस्पतिवार के कार्यक्रम के अनुसार, 'सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछने में सीधी संलिप्तता के आरोपों पर सांसद डॉ. निशिकांत दुबे द्वारा दिनांक 15 अक्टूबर, 2023 को दी गई शिकायत के संबंध में अधिवक्ता जय अनंत देहाद्रई के मौखिक साक्ष्य. सांसद महुआ मोइत्रा पर पैसे लेकर संसद में प्रश्न पूछने में सीधी संलिप्तता के आरोपों पर दिनांक 15 अक्टूबर, 2023 को दी गई शिकायत के संबंध में सांसद डॉ. निशिकांत दुबे के मौखिक साक्ष्य.'
तृणमूल कांग्रेस की सांसद मोइत्रा ने आरोपों को खारिज कर दिया है. दुबे ने लोकसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि मोइत्रा द्वारा लोकसभा में हाल के दिनों तक पूछे गये 61 प्रश्नों में से 50 अडानी समूह पर केंद्रित थे. हीरानंदानी ने एक हस्ताक्षरित हलफनामे में स्वीकार किया है कि मोइत्रा ने प्रधानमंत्री मोदी, जिनकी बेदाग छवि के कारण विपक्ष को उन पर हमले का कोई मौका नहीं मिला, उनकी 'छवि खराब करने और उन्हें असहज करने' के लिए गौतम अडानी पर निशाना साधा. हीरानंदानी ने कथित रूप से संसद में प्रश्न पूछने के लिए तृणमूल सांसद को पैसे दिये थे.