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India Central Asia summit : पीएम ने कहा- क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए चिंताएं और उद्देश्य एक समान

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज वर्चुअल प्रारूप में प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन (India-Central Asia Summit) की मेजबानी की. पीएम मोदी ने सम्मेलन को संबोधित भी किया. सम्मेलन में अपनी शुरुआती टिप्पणी में पीएम मोदी ने कहा, आज के समिट के 3 प्रमुख उद्देश्य हैं. पहला यह स्पष्ट करना कि भारत और मध्य एशिया का आपसी सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए अनिवार्य है. भारत की तरफ से मैं स्पष्ट करना चाहूंगा कि मध्य एशिया एक एकीकृत और स्थिर विस्तारित पड़ोस के भारत के दृष्टिकोण का केंद्र है.

pm modi India Central Asia summit
पीएम मोदी भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन
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Published : Jan 27, 2022, 4:44 PM IST

Updated : Jan 27, 2022, 7:12 PM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज वर्चुअल प्रारूप में प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन (India-Central Asia Summit) की मेजबानी की. समिट में संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने और उभरती क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई. वर्चुअल सम्मेलन में पांच देशों के राष्ट्रपति शामिल हुए. भारत-मध्य एशिया समिट की पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इस सम्मेलन का दूसरा उद्देश्य हमारे सहयोग को एक प्रभावी ढांचा देना है. इससे विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न हितधारकों के बीच नियमित बातचीत का एक ढांचा स्थापित होगा और तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा को भारत और मध्य एशिया के देशों के लिए एकसमान 'चिंता का विषय' करार दिया और कहा कि सुरक्षा और समृद्धि के उद्देश्य को हासिल करने के लिए भारत और मध्य एशिया के देशों का आपसी सहयोग अनिवार्य है. डिजिटल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मध्य एशिया के देशों के कूटनीतिक संबंधों ने 30 'सार्थक वर्ष' पूरे कर लिए हैं और पिछले तीन दशकों में आपसी सहयोग ने कई सफलताएं भी हासिल की है.

उन्होंने कहा कि आज यह रिश्ते अब इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गए हैं कि सभी को आने वाले सालों के लिए एक महत्वाकांक्षी दूरदृष्टि परिभाषित करनी चाहिए और वह दूरदृष्टि ऐसी हो, जो बदलते विश्व में लोगों की, विशेषकर युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा कर सकें.

भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का संबोधन

द्विपक्षीय स्तर पर मध्य एशिया के सभी देशों के साथ भारत के संबंधों की घनिष्ठता का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कजाकिस्तान जहां भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार बन गया है, वहीं उज्बेकिस्तान के साथ उनके गृह राज्य गुजरात सहित भारत के विभिन्न राज्यों की सक्रिय भागीदारी भी है.

अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रमों को उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हम सभी की चिंता और उद्देश्य एक समान हैं. अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित हैं. इस संदर्भ में भी हमारा आपसी सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए और महत्वपूर्ण हो गया है.'

सम्मेलन के तीन प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत और मध्य एशिया का आपसी सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए अनिवार्य बताया और स्पष्ट किया कि मध्य एशिया एक समन्वित और स्थिर विस्तारित पड़ोस के लिए भारत के 'विजन' का केंद्र है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इनके माध्यम से ही हम अगले तीन सालों में क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग के लिए एक समन्वित रुख अपना सकेंगे.

बता दें कि भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन में कजाखस्तान के काजयम जोमार्त तोकायेव (Kazakhstan Kassym Jomart Tokayev), उज्बेकिस्तान के शावकत मिजियोयेव (Uzbekistan Shavkat Mirziyoyev), ताजिकिस्तान के इमोमाली रहमान (Tajikistan Emomali Rahmon), तुर्कमेनिस्तान के जी. बर्डीमुहामेदोव (Turkmenistan Gurbanguly Berdimuhamedow) और किर्गिज गणराज्य के सदयर जापारोव (Kyrgyz Republic Sadyr Japarov) ने शिरकत की.

यह भी पढ़ें- मॉरीशस में परियोजनाओं का लोकार्पण, पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ को किया याद

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने बताया था कि प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच नेताओं के स्तर पर अपनी तरह का पहला सम्मेलन होगा. यह सम्मेलन, भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं द्वारा एक व्यापक और टिकाऊ भारत-मध्य एशिया साझेदारी को महत्व देने का प्रतीक है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह सम्मेलन गणतंत्र दिवस समारोह के एक दिन बाद हो रहा है,जिसमें मुख्य अतिथि के तौर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या शासन प्रमुख को शामिल नहीं किया गया. पांच मध्य एशियाई देशों के नेताओं के मुख्य अतिथि होने की संभावना थी, लेकिन देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने के चलते गणतंत्र दिवस समारोहों को बगैर मुख्य अतिथि के मनाया गया.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Prime Minister Narendra Modi) ने आज वर्चुअल प्रारूप में प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन (India-Central Asia Summit) की मेजबानी की. समिट में संबंधों को नयी ऊंचाइयों पर ले जाने और उभरती क्षेत्रीय सुरक्षा स्थिति पर चर्चा की गई. वर्चुअल सम्मेलन में पांच देशों के राष्ट्रपति शामिल हुए. भारत-मध्य एशिया समिट की पहली बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, इस सम्मेलन का दूसरा उद्देश्य हमारे सहयोग को एक प्रभावी ढांचा देना है. इससे विभिन्न स्तरों पर और विभिन्न हितधारकों के बीच नियमित बातचीत का एक ढांचा स्थापित होगा और तीसरा उद्देश्य हमारे सहयोग के लिए एक महत्वाकांक्षी रोडमैप बनाना है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अफगानिस्तान के हालिया घटनाक्रमों का उल्लेख करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा को भारत और मध्य एशिया के देशों के लिए एकसमान 'चिंता का विषय' करार दिया और कहा कि सुरक्षा और समृद्धि के उद्देश्य को हासिल करने के लिए भारत और मध्य एशिया के देशों का आपसी सहयोग अनिवार्य है. डिजिटल माध्यम से पहले भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन की मेजबानी करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और मध्य एशिया के देशों के कूटनीतिक संबंधों ने 30 'सार्थक वर्ष' पूरे कर लिए हैं और पिछले तीन दशकों में आपसी सहयोग ने कई सफलताएं भी हासिल की है.

उन्होंने कहा कि आज यह रिश्ते अब इस महत्वपूर्ण पड़ाव पर पहुंच गए हैं कि सभी को आने वाले सालों के लिए एक महत्वाकांक्षी दूरदृष्टि परिभाषित करनी चाहिए और वह दूरदृष्टि ऐसी हो, जो बदलते विश्व में लोगों की, विशेषकर युवा पीढ़ी की आकांक्षाओं को पूरा कर सकें.

भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन में पीएम मोदी का संबोधन

द्विपक्षीय स्तर पर मध्य एशिया के सभी देशों के साथ भारत के संबंधों की घनिष्ठता का उल्लेख करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि कजाकिस्तान जहां भारत की ऊर्जा सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण साझेदार बन गया है, वहीं उज्बेकिस्तान के साथ उनके गृह राज्य गुजरात सहित भारत के विभिन्न राज्यों की सक्रिय भागीदारी भी है.

अफगानिस्तान के हाल के घटनाक्रमों को उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, 'क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए हम सभी की चिंता और उद्देश्य एक समान हैं. अफगानिस्तान के घटनाक्रम से हम सभी चिंतित हैं. इस संदर्भ में भी हमारा आपसी सहयोग, क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता के लिए और महत्वपूर्ण हो गया है.'

सम्मेलन के तीन प्रमुख उद्देश्यों का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने भारत और मध्य एशिया का आपसी सहयोग क्षेत्रीय सुरक्षा और समृद्धि के लिए अनिवार्य बताया और स्पष्ट किया कि मध्य एशिया एक समन्वित और स्थिर विस्तारित पड़ोस के लिए भारत के 'विजन' का केंद्र है. प्रधानमंत्री ने कहा कि इनके माध्यम से ही हम अगले तीन सालों में क्षेत्रीय संपर्क और सहयोग के लिए एक समन्वित रुख अपना सकेंगे.

बता दें कि भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन में कजाखस्तान के काजयम जोमार्त तोकायेव (Kazakhstan Kassym Jomart Tokayev), उज्बेकिस्तान के शावकत मिजियोयेव (Uzbekistan Shavkat Mirziyoyev), ताजिकिस्तान के इमोमाली रहमान (Tajikistan Emomali Rahmon), तुर्कमेनिस्तान के जी. बर्डीमुहामेदोव (Turkmenistan Gurbanguly Berdimuhamedow) और किर्गिज गणराज्य के सदयर जापारोव (Kyrgyz Republic Sadyr Japarov) ने शिरकत की.

यह भी पढ़ें- मॉरीशस में परियोजनाओं का लोकार्पण, पीएम मोदी ने पूर्व राष्ट्रपति अनिरुद्ध जगन्नाथ को किया याद

इससे पहले विदेश मंत्रालय ने बताया था कि प्रथम भारत-मध्य एशिया शिखर सम्मेलन भारत और मध्य एशियाई देशों के बीच नेताओं के स्तर पर अपनी तरह का पहला सम्मेलन होगा. यह सम्मेलन, भारत और मध्य एशियाई देशों के नेताओं द्वारा एक व्यापक और टिकाऊ भारत-मध्य एशिया साझेदारी को महत्व देने का प्रतीक है.

विदेश मंत्रालय के मुताबिक यह सम्मेलन गणतंत्र दिवस समारोह के एक दिन बाद हो रहा है,जिसमें मुख्य अतिथि के तौर किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष या शासन प्रमुख को शामिल नहीं किया गया. पांच मध्य एशियाई देशों के नेताओं के मुख्य अतिथि होने की संभावना थी, लेकिन देश में कोविड-19 के मामले बढ़ने के चलते गणतंत्र दिवस समारोहों को बगैर मुख्य अतिथि के मनाया गया.

(इनपुट-पीटीआई-भाषा)

Last Updated : Jan 27, 2022, 7:12 PM IST
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