श्रीनगर : रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है. हर साल रमजान की रौनक देखने को मिलती है. हालांकि कोरोना महामारी के चलते लगाई गई पाबंदियों के कारण रमजान की रौनक पहले की तरह दिखाई नहीं पड़ रही है. जम्मू कश्मीर में भी रमजान के पहले दिन मस्जिदों में लोग इबादत करते दिखाई दिए. हालांकि रमजान यहां भी रमजान की चमकी थोड़ी फीकी दिखाई दी.
रमजान मुस्लिमों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण और विशेष महीना है. इस दौरान मस्जिदें पूरी तरह से भरी रहती है और दिन रात इसमें चहल-पहल रहती है.
इस महीने में तरावीह की नमाज के लिए विशेष सभाएं आयोजित करने के अलावा, मस्जिदों में कुरान पाठ के लिए विशेष सभाएं आयोजित की जाती हैं, लेकिन कोरोना महामारी के कारण इस बार स्थिति कुछ अलग है.
रमजान इस्लामिक कैलेंडर का नौवां महीना है. इस महीने में हर मुस्लिम वयस्क, समझदार, स्वस्थ और सुलझे हुए पुरुष और महिला के लिए रोजा रखना अनिवार्य है.
पिछले साल रमजान का महीना असाधारण परिस्थितियों में गुजरा, कोरोना और लॉकडाउन के कारण, मस्जिदों में सामूहिक नमाज पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, जबकि सभी मस्जिदों, मंदिरों और दरगाहों को बंद कर दिया गया था. शुक्रवार को भी मस्जिदों में प्रार्थना आयोजित नहीं की जा सकती थी.
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हालांकि, इस साल रमजान के पवित्र महीने में पांच दैनिक नमाज के साथ, मस्जिदों की रौनक वापस आ गई है, लेकिन पूरी तरह से नहीं.
नमाज के दौरान सभी को कोरोना महामारी के दिशानिर्देशों का पालन करना पड़ रहा है.