ETV Bharat / bharat

Chaiti Chhath Puja 2023: आज चैती छठ का तीसरा दिन, शाम को अस्ताचलगामी सूर्य को दिया जाएगा अर्घ्य - First Arghya today regarding Chaiti Chhath

चार दिन तक चलने वाला चैती छठ का आज तीसरा दिन है. रविवार की शाम खरना संपन्न हो गया. लोगों ने खरना का प्रसाद ग्रहण किया. अब आज सोमवार को व्रती शाम में अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी. जिसकी तैयारी पूरी कर ली गई है. छठ घाटों को साफ सफाई के बाद सजा दिया गया है. जानिए अर्घ्य देने का शुभ मुहुर्त...

बिहार में छठ
बिहार में छठ
author img

By

Published : Mar 26, 2023, 10:57 PM IST

Updated : Mar 27, 2023, 6:27 AM IST

पटनाः बिहार में चैती छठ को लेकर रविवार खरना संपन्न हो गया. सोमवार यानी आज शाम व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी. इसके बाद 28 मार्च को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व संपन्न हो जाएगा. छठ साल में दो बार मनाया जाता है. बिहार में कार्तिक मास के साथ-साथ चैती छठ का महत्व है. दोनों छठ में आस्था के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. लोगों ने रविवार की रात खरना का प्रसाद ग्रहण किया.

यह भी पढ़ेंः Chaiti Chhath 2023: चैती छठ को लेकर दुकानें सजकर तैयार.. जाने दउरा, सूप और हथिया की कीमतें

खरना पूजा संपन्नः इस बार 25 मार्च को नहाय खाय, 26 को खरना, 27 मार्च को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और 28 मार्च को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व संपन्न होगा. रविवार की शाम खरना संपन्न हो गया है. सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. लोग छठ घाट को सजा चुके हैं. व्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के विए प्रसाद बनाने में जुट गई है. छठ गीत से माहौल भक्तिमय हो गया है.

अर्घ्य देने का समयः इस बार 27 मार्च शाम 06:36 मिनट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आयुष्मान योग में दिया जाएगा. 28 मार्च को सुबह 06 बजकर 16 मिटन से उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस योग को सौभाग्य योग माना जाता है. इसके बाद चैती छठ संपन्न हो जाएगा.

अर्घ्य देने का महत्वः अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से आयु, आरोग्यता, यश, संपदा और आशीष की प्राप्ति होती है. वहीं उगते सूर्य को अर्घ्य देने से आरोग्य, आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है. दोनों अर्घ्य का विशेष महत्व है. दोनों दिन व्रती तालाब या नदी में खड़ा होकर भगवान को अर्घ्य देतीं है.

चार दिनों तक चलता है पर्वः चैती छठ का विशेष महत्व है. यह पर्व बिहार, यूपी और झारखंड में मनाया जाता है. इस पर्व में कार्तिक मास की तरह की पूजा- अर्चना की जाती है. नहाय काय से शुरू यह पर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होता है. नहाय खाय के दिन व्रती स्नान कर पूजा-अर्चना कर सात्विक भोजन करती है, जिसमें कद्दू भात विशेष रूप से बनाया जाता है. इसके अगले दिन खरना होता है, जिसमें खीर का प्रसाद चढ़ाया जाता है. खरना के अगले दिन अस्ताचलगामी अर्घ्य दिया जाता है और इसके अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन यह पर्व संपन्न हो जाता है.

पटनाः बिहार में चैती छठ को लेकर रविवार खरना संपन्न हो गया. सोमवार यानी आज शाम व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगी. इसके बाद 28 मार्च को उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ लोक आस्था का महापर्व संपन्न हो जाएगा. छठ साल में दो बार मनाया जाता है. बिहार में कार्तिक मास के साथ-साथ चैती छठ का महत्व है. दोनों छठ में आस्था के साथ पूजा-अर्चना की जाती है. लोगों ने रविवार की रात खरना का प्रसाद ग्रहण किया.

यह भी पढ़ेंः Chaiti Chhath 2023: चैती छठ को लेकर दुकानें सजकर तैयार.. जाने दउरा, सूप और हथिया की कीमतें

खरना पूजा संपन्नः इस बार 25 मार्च को नहाय खाय, 26 को खरना, 27 मार्च को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य और 28 मार्च को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ पर्व संपन्न होगा. रविवार की शाम खरना संपन्न हो गया है. सोमवार को अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इसकी तैयारी पूरी हो चुकी है. लोग छठ घाट को सजा चुके हैं. व्रती भगवान भास्कर को अर्घ्य देने के विए प्रसाद बनाने में जुट गई है. छठ गीत से माहौल भक्तिमय हो गया है.

अर्घ्य देने का समयः इस बार 27 मार्च शाम 06:36 मिनट पर अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य आयुष्मान योग में दिया जाएगा. 28 मार्च को सुबह 06 बजकर 16 मिटन से उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. इस योग को सौभाग्य योग माना जाता है. इसके बाद चैती छठ संपन्न हो जाएगा.

अर्घ्य देने का महत्वः अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने का विशेष महत्व है. मान्यताओं के अनुसार डूबते सूर्य को अर्घ्य देने से आयु, आरोग्यता, यश, संपदा और आशीष की प्राप्ति होती है. वहीं उगते सूर्य को अर्घ्य देने से आरोग्य, आयु, विद्या, यश और बल की प्राप्ति होती है. दोनों अर्घ्य का विशेष महत्व है. दोनों दिन व्रती तालाब या नदी में खड़ा होकर भगवान को अर्घ्य देतीं है.

चार दिनों तक चलता है पर्वः चैती छठ का विशेष महत्व है. यह पर्व बिहार, यूपी और झारखंड में मनाया जाता है. इस पर्व में कार्तिक मास की तरह की पूजा- अर्चना की जाती है. नहाय काय से शुरू यह पर्व उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ संपन्न होता है. नहाय खाय के दिन व्रती स्नान कर पूजा-अर्चना कर सात्विक भोजन करती है, जिसमें कद्दू भात विशेष रूप से बनाया जाता है. इसके अगले दिन खरना होता है, जिसमें खीर का प्रसाद चढ़ाया जाता है. खरना के अगले दिन अस्ताचलगामी अर्घ्य दिया जाता है और इसके अगले दिन उगते सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है. इस दिन यह पर्व संपन्न हो जाता है.

Last Updated : Mar 27, 2023, 6:27 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.