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सरिस्का के जंगलों में लगी भीषण आग, 500 हेक्टेयर जंगल जलकर राख

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Published : Mar 28, 2022, 10:24 AM IST

राजस्थान के अलवर स्थित ​सरिस्का जंगल में रविवार रात को अचानक आग लग (Fire in Alwar forest) गई. वन विभाग व प्रशासन की टीम करीब 12 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया. अभी तक आग लगने के कारणों का कुछ पता नहीं चल सका है. वहीं, जिस क्षेत्र में आग लगी थी उस क्षेत्र में दो बाघों की आवाजाही रहती है.

A huge fire broke out in the mountains and forests of Sariska area adjoining Baleta village of Alwar district on Sunday. The fire was so severe that about 500 hectares of forest area was burnt to ashes. The fire was brought under control after about 12 hours of effort. There is movement of two tigers in the area where the fire broke out.
Fire in Sariska Jungle : सरिस्का के जंगलों में लगी भीषण आग, 500 हेक्टेयर जंगल जला...12 घंटे बाद पाया काबू

अलवर: जिले के सरिस्का के बालेटा गांव से सटे सरिस्का क्षेत्र के पहाड़ और जंगलों में रविवार रात को अचानक भीषण आग (Fire in Sariska Jungle) लग गई. आग पहाड़ों में तेजी से फैल गई. आग फैलने से आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया. करीब 12 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. आग में जंगल का एक बड़ा क्षेत्र जलकर राख हो गया. सैकड़ों ग्रामीण और वन कर्मियों ने पत्तों से आग बुझाई.

सरिस्का के जंगलों में लगी भीषण आग

जानकारी के अनुसार सरिस्का के जंगल में रविवार शाम को अचानक आग लग गई थी. आग की लपटें देख ग्रामीणों ने इसकी सूचना सरिस्का प्रशासन को दी. आग लगने की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. आग तेजी से जंगल में फैलने लगी. इसके बाद अलवर और आसपास क्षेत्र से अग्निशमन की गाड़ियां मंगवाई गई और रात भर आग बुझाने का काम चला. आसपास क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण, सेल्फ डिफेंस और वन कर्मियों ने हरे पत्तों से आग बुझाई. घटना की जानकारी मिलते ही सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा, अलवर के सीसीएफ आरएन मीणा, वन विभाग के रेंजर और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची. इस समय पेड़ों की लकड़ियां सूखी हुई है. इसलिए आग कई गुना तेजी से फैल गई सुबह तड़के 5 बजे के आसपास आग पर काबू पाया गया.

ये भी पढ़ें- राजस्थान के तापीय पावर प्लांट के लिए 23 रैक कोयला रवाना

वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आग इतनी भीषण थी कि करीब 500 हेक्टेयर जंगल क्षेत्र जलकर राख हो गया. आग बुझाने में ग्रामीण और कर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी. रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच पड़ताल चल रही है, जिस क्षेत्र में आग लगी थी उस क्षेत्र में दो बाघों की आवाजाही रहती है. इसके अलावा बड़ी संख्या में पैंथर और अन्य जंगली जानवर रहते हैं. वैसे तो पतझड़ के मौसम में जंगल क्षेत्र में आग लगने की सूचनाएं मिलती है, लेकिन सरिस्का के जंगल में कई सालों से आग नहीं लगी थी. आग से सरिस्का के जंगल को खासा नुकसान पहुंचा है.

अलवर: जिले के सरिस्का के बालेटा गांव से सटे सरिस्का क्षेत्र के पहाड़ और जंगलों में रविवार रात को अचानक भीषण आग (Fire in Sariska Jungle) लग गई. आग पहाड़ों में तेजी से फैल गई. आग फैलने से आसपास के क्षेत्र में हड़कंप मच गया. करीब 12 घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया गया. आग में जंगल का एक बड़ा क्षेत्र जलकर राख हो गया. सैकड़ों ग्रामीण और वन कर्मियों ने पत्तों से आग बुझाई.

सरिस्का के जंगलों में लगी भीषण आग

जानकारी के अनुसार सरिस्का के जंगल में रविवार शाम को अचानक आग लग गई थी. आग की लपटें देख ग्रामीणों ने इसकी सूचना सरिस्का प्रशासन को दी. आग लगने की सूचना मिलते ही वन विभाग के अधिकारी मौके पर पहुंचे. आग तेजी से जंगल में फैलने लगी. इसके बाद अलवर और आसपास क्षेत्र से अग्निशमन की गाड़ियां मंगवाई गई और रात भर आग बुझाने का काम चला. आसपास क्षेत्र के सैकड़ों ग्रामीण, सेल्फ डिफेंस और वन कर्मियों ने हरे पत्तों से आग बुझाई. घटना की जानकारी मिलते ही सरिस्का के डीएफओ सुदर्शन शर्मा, अलवर के सीसीएफ आरएन मीणा, वन विभाग के रेंजर और अन्य अधिकारी मौके पर पहुंचे. प्रशासन की टीम भी मौके पर पहुंची. इस समय पेड़ों की लकड़ियां सूखी हुई है. इसलिए आग कई गुना तेजी से फैल गई सुबह तड़के 5 बजे के आसपास आग पर काबू पाया गया.

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वन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आग इतनी भीषण थी कि करीब 500 हेक्टेयर जंगल क्षेत्र जलकर राख हो गया. आग बुझाने में ग्रामीण और कर्मियों को खासी मशक्कत करनी पड़ी. रात भर रेस्क्यू ऑपरेशन चलता रहा. आग लगने के कारणों का अभी तक पता नहीं चल सका है. वन विभाग के अधिकारियों ने कहा कि मामले की जांच पड़ताल चल रही है, जिस क्षेत्र में आग लगी थी उस क्षेत्र में दो बाघों की आवाजाही रहती है. इसके अलावा बड़ी संख्या में पैंथर और अन्य जंगली जानवर रहते हैं. वैसे तो पतझड़ के मौसम में जंगल क्षेत्र में आग लगने की सूचनाएं मिलती है, लेकिन सरिस्का के जंगल में कई सालों से आग नहीं लगी थी. आग से सरिस्का के जंगल को खासा नुकसान पहुंचा है.

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