कोयंबटूर: कोयंबटूर रेंज के डीआईजी विजयकुमार की मौत मामले में एडीजीपी अरुण कुमार का बयान सामने आया है. उनका कहना है कि 'पिछले कुछ दिनों से वह मानसिक तनाव में थे, उनकी काउंसलिंग भी हुई थी. इसलिए इसे पॉलिटिकल ड्रामा न समझें.'
उधर, गनमैन रविचंद्रन ने भी इस मामले में अपना बयान दिया है. यह बयान डी1 रामनाथपुरम पुलिस स्टेशन इंस्पेक्टर एस.सेंथिल कुमार द्वारा कोयंबटूर आपराधिक न्याय संख्या IV को प्रस्तुत किया गया था. बयान के मुताबिक 'गुरुवार रात 9 बजे रेंज डीआइजी परिवार के साथ बाहर से आए. ब्लॉकबस्टर डीआइजी नियमित रूप से सुबह सात बजे डीएसआर कक्ष से बाहर आ जाते थे लेकिन शुक्रवार को वह सुबह 6.30 बजे आए और उन्होंने पुलिसकर्मी रवि से दूध मांगा. रवि ने दूध बनाकर उन्हें दे दिया.
इसके बाद डीआइजी 35 वर्षीय गनमैन के कमरे में आए और डीएसआर के बारे में पूछा. 'उन्होंने मेरी 9 एमएम की पिस्तौल ले ली और पूछा कि इसे कैसे चलाना है. फिर, वह मेरे कमरे से चले गए.'
बंदूक की आवाज सुनने के बाद सशस्त्र बल के प्रथम श्रेणी कांस्टेबल रवि चंद्रन और कैंप कार्यालय के ड्राइवर अंबाजगन ने डीआइजी कक्ष में प्रवेश किया. बयान के मुताबिक 'डीआईजी फर्श पर गिरे हुए थे और उनके सिर से खून बह रहा था. हम जोर से चिल्लाते हुए मैडम को बताने के लिए ऊपर की ओर भागे. उसके बाद वो भी हमारे साथ आ गई. हम 7 बजे गाड़ी से उऩ्हें कोयंबटूर सरकारी अस्पताल ले गए. उस समय संतरी गार्ड श्रीधर भी हमारे साथ थे. जीएच के डॉक्टरों ने कहा, वह पहले ही मर चुके हैं. इस बीच जब वह अस्पताल पहुंचे तो पीएसओ ने इसकी जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी.'
गनमैन रविचंद्रन ने बयान में कहा लेकिन, 'मुझे नहीं पता कि उन्होंने खुद को गोली क्यों मारी. ' उसने कार्रवाई की मांग की है. पुलिस स्टेशन ने इस पर्सनल गार्ड रविचंद्रन के लिखित बयान के आधार पर प्रथम सूचना रिपोर्ट दर्ज की है.
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