नई दिल्ली/नोएडा: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने नोएडा के कासना थाने में छत्तीसगढ़ के तीन आईएएस अफसरों और नोएडा की एक कंपनी समेत पांच के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है. ईडी की जांच से पता चला है कि नोएडा स्थित मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड नामक एक कंपनी को छत्तीसगढ़ के उत्पाद शुल्क विभाग को होलोग्राम की आपूर्ति करने के लिए अवैध रूप से टेंडर दी गई थी.
कंपनी ने छापे डुप्लीकेट होलोग्राम: कंपनी टेंडर में भाग लेने के लिए पात्र नहीं थी, लेकिन कंपनी के मालिकों की मिलीभगत से छत्तीसगढ़ राज्य के तीन वरिष्ठ अधिकारियों ने टेंडर की शर्तों को संशोधित किया और अवैध रूप से मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड को टेंडर आवंटित किया. बदले में उन्होंने प्रति होलोग्राम 8 पैसे का कमीशन लिया.
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गलत तरीके से दिया गया टेंडर: होलोग्राम वास्तव में यह सुनिश्चित करने के लिए एक सुरक्षा सुविधा थी कि राज्य में प्रमाणित शराब बेची जाए, लेकिन नोएडा में डुप्लीकेट होलोग्राम के निर्माण में मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी की गतिविधियों ने शराब सिंडिकेट को भोले-भाले आम उपभोक्ताओं को बेवकूफ बनाने के लिए उसी सुरक्षा सुविधा का उपयोग करने की अनुमति दे दी. ईडी की जांच में पता चला है कि इस कंपनी को आपराधिक साजिश के तहत टेंडर आवंटित किए गए थे. शराब सिंडिकेट को डुप्लिकेट होलोग्राम की सुचारू आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मेसर्स प्रिज्म होलोग्राफी सिक्योरिटी फिल्म्स प्राइवेट लिमिटेड (यहां से मेसर्स पीएचएसएफ) को टेंडर दिया गया था. होलोग्राम नोएडा फैक्ट्री में बनाए जाते थे और फिर वहां पहुंचाए जाते थे.
इन लोगों के खिलाफ मामला दर्ज: निरंजन दास (आईएएस-आबकारी आयुक्त), अरुणपति त्रिपाठी (आईटीएस-विशेष सचिव आबकारी विभाग), अनिल टुटेजा (सेवानिवृत्त आईएएस), विधु गुप्ता (कंपनी के प्रबंध निदेशक), अनवर ढेबार (घोटाले का आरोपी).
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