कोटा. नदियों और नहरों के आसपास लोगों को नहाते हुए आसानी से देख सकते हैं. यह सामान्य बात है, लेकिन राजस्थान के कोटा में नदी व नहरों में नहाए तो खैर नहीं है. ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई हो सकती है. कोटा में नदी व नहरों पर नहाते मिले लोगों के खिलाफ 151 के तहत शांति भंग का मुकदमा दर्ज हो रहा है. पुलिस ने इस मामले में अब तक 40 से अधिक लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. कोटा शहर में चंबल नदी और उससे निकल रही दाई व बाई नहर में डूबने से लोगों की मौत के मामले सामने आ रहे हैं. इन पर लगाम लगाने के लिए पुलिस और प्रशासन ने नहरों व नदी में नहाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है.
कोटा शहर ही एकमात्र ऐसा शहर होगा, जहां पर नहर पर नहाने पर शांति भंग में व्यक्ति को गिरफ्तार किया जा रहा है. इसके अलावा नहरों और नदी में नहाने से रोकने के लिए ही धारा 144 भी लगाई गई है. दूसरी तरफ एक्सीडेंट रोकने के लिए प्रयास अभी भी नहीं किए गए हैं. कमांड एरिया डेवलपमेंट (सीएडी) की नहरें दुर्घटना का केंद्र भी बनी हुई. नहरों के आसपास के कई जगह एक्सीडेंटल जोन बने हुए हैं. जिन्हें खुद विभाग के लोग भी मानते हैं.
नहाने से रोकने के लिए नहीं था प्रावधान, इसलिए लगाई धारा 144
एसपी केसर सिंह शेखावत का कहना है कि जनवरी से अब तक 36 से ज्यादा लोग चंबल नदी, नहर और वितरिका में डूबने से मर गए हैं. होली के दिन 6 लोगों की मौत हुई. लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने भी नहरों का विजिट किया था. लोगों ने बड़ी संख्या में नहर पर आने जाने के कारण यह स्थिति उत्पन्न हो रही थी. आए दिन लगातार हो रहे हादसे को देखते हुए यहां नहाने पर रोक लगाई गई. क्योंकि नहाने से रोकने के लिए कोई अलग से प्रावधान नहीं था, इसलिए धारा 144 भी लगवाई गई है. इसके बिना पुलिस के पास इसे रोकने का कोई प्रावधान नहीं था. अब पुलिस अपराधिक प्रकरण भी दर्ज कर सकती है.
खत्म हो गए हैं किनारे : सीएडी के अतिरिक्त क्षेत्रीय विकास आयुक्त नरेश कुमार मालव का कहना है कि एसपी और कलेक्टर के साथ मीटिंग हुई थी. जिसमें यूआईटी अधिकारियों को नहरों के आसपास सेफ्टी वॉल बनाने के निर्देश दिए गए थे. इसमें चंबल की दाईं और बाईं मुख्य नहर के अलावा बोरखेड़ा साइड में किशनपुरा तकिया की तरफ निकली हुई ब्रांच शामिल है. इन पर एक्सीडेंटल प्वाइंट बने हुए हैं. साथ ही कुन्हाड़ी के कोचिंग एरिया में भी डिस्ट्रीब्यूशन लाइन निकल रही है. यहां भी बड़ी दिक्कत आ रही है. वहां भी दुर्घटनाएं होती रहती हैं. कंसुआ, कोटडी, छावनी, गुमानपुरा, थेकड़ा व बजरंग नगर में भी हादसे हो रहे है. कई जगह पर सड़क के किनारे खत्म हो गए हैं और नहर नीचे रह गई. सड़कें ऊंची हो गई हैं. ऐसे में कोई भी वाहन अंधेरा होने के चलते इन नहरों में गिरकर दुर्घटनाग्रस्त हो सकता है. ऐसे में 3 से 4 फीट ऊंची दीवार नहर के दोनों तरफ बनाने के लिए नगर विकास न्यास को पत्र लिखा है. हालांकि इस पर अभी तक कार्रवाई नहीं हुई है.
हर साल 50 मौतें, इस साल तीन माह में 40 डूबे : नगर निगम की गोताखोर टीम भी नहरों में डूबे लोगों को निकालने का काम करती है. हादसे में एक बार व्यक्ति के बह जाने के बाद कई दिनों तक उसके शव की तलाश चलती है. अगर एग्जैक्ट जगह कोई व्यक्ति बता देता है, तो डूबे हुए व्यक्ति के शव को जल्दी निकाल लिया जाता है, अन्यथा कई दिनों तक तलाश चलती रहती है. गोताखोरों के प्रभारी विष्णु श्रृंगी का कहना है कि हर साल करीब 50 मौतें चंबल नदी और नहरों में होती है. इसके लिए एक्सपर्ट गोताखोर हैं और स्कूबा डाइविंग भी की जाती है. लेकिन इस बार यह आंकड़ा काफी ज्यादा बढ़ गया है. बीते 80 दिनों में ही करीब 40 से ज्यादा शव निकाले गए हैं. हालांकि विष्णु श्रृंगी का कहना है कि नहर अक्टूबर से मार्च के बीच ही चलती है. ऐसे में हादसे भी इसी समय ज्यादा होते हैं. स्थानीय लोगों की मानें तो बड़ी संख्या में लोगों ने नहरों में कूदकर भी आत्महत्या की है.
नहर व नदी के आस पास नहाने पर लगी पाबंदी : कोटा शहर में धारा 144 लगी है. इसमें एक कारण चंबल नदी और नहरों में नहाने वाले पर रोक लगाने का भी है. ऐसे में बोरखेड़ा, उद्योग नगर, कुन्हाड़ी, किशोरपुरा व दादाबाड़ी सहित कई इलाकों की पुलिस लगातार गश्त इन इलाकों में कर रही है. साथ ही नहरों में नहाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. साथ ही लोगों को पाबंद भी किया जा रहा है. दिन में कई बार नहरों पर पुलिस गश्त करने पहुंचती है. लोगों को नहाते देखने पर उन्हें पकड़ कर कार्रवाई करता है. एसपी केसर सिंह शेखावत ने इस संबंध में पुलिस अधिकारियों को अल्टीमेटम दिया है कि किसी भी इलाके में किसी व्यक्ति की डूबने से मौत होगी तो इस संबंध में संबंधित एसएचओ के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी.
अब तक 31 लोगों के खिलाफ कार्रवाई : कोटा शहर में अलग-अलग स्थानों में पुलिस ने अब नहर में नहाने वाले लोगों के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू कर दी है. बीते 4 दिनों में करीब 40 से अधिक लोगों लोगों को शांति भंग की धाराओं में गिरफ्तार किया है. कुन्हाड़ी थानाधिकारी गंगा सहाय शर्मा का कहना है कि लगातार नहर में हादसे होने के बाद जिला पुलिस अधीक्षक ने निर्देशित किया है कि नहर के आसपास आने वाले लोगों पर कार्रवाई की जाए. ऐसे में अब तक कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र में 31 लोगों के खिलाफ में कार्रवाई की जा चुकी है. यह कार्रवाई लगातार जारी है. साथ ही लोगों से समझाइश की जा रही है.
निरीक्षण के लिए था रास्ता, बैलगाड़ी को भी नहीं थी अनुमति
सीएडी के अधिकारियों का कहना है कि कोटा शहर से चंबल नदी की दाई और बाईं नहर निकली हुई है. 1960 में जब नहरें बनी थी, तब शहर की आबादी कम थी. केवल निरीक्षण मार्ग बनाए हुए थे. जिन पर इंजीनियर ही जा सकते थे. अब आसपास आबादी बढ़ गई है, तो इन रास्तों से निकल रहे हैं. साथ ही वाहन भी गुजर रहे हैं. ऐसे में आए दिन हादसे हो रहे हैं.
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