नई दिल्ली : सिंगल-यूज प्लास्टिक लिफाफे का उपयोग करने के लिए इंडिगो एयरलाइंस पर जुर्माना लगाया गया है. आरोप हैं कि इंडिगो ने यात्रियों को कोरोना से बचाव के लिए फेस शील्ड, मास्क और सेनिटाइजर देने के दौरान सिंगल यूज प्लास्टिक का प्रयोग किया.
निजी एयरलाइंस कंपनी इंडिगो द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक पर बैन के बावजूद इनका प्रयोग करने के लिए चेन्नई कॉर्पोरेशन ने गुरुवार को एयरलाइंस पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया.
इंडिगो द्वारा सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग का मामला चेन्नई कॉर्पोरेशन के स्वास्थ्य उपायुक्त डॉ. मनीष नारनवारे (Dr. Manish Narnaware) ने प्रकाश में लाया.
चेन्नई कॉर्पोरेशन द्वारा जारी एक नोटिस के अनुसार, इंडिगो एयरलाइंस अपनी उड़ानों में यात्रा करने वाले सभी यात्रियों को फेस शील्ड, ट्रिपल लेयर वाले मास्क और सैनिटाइजर के लिए सिंगल-यूज प्लास्टिक के लिफाफे का उपयोग किया.
नोटिस में कहा गया है, तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा 13 अगस्त को उसी लिफाफे का परीक्षण किया गया और रिपोर्ट के अनुसार, प्लास्टिक के लिफाफे की मोटाई 27 माइक्रोन थी, जो कि GO (MS) नंबर 84, पर्यावरण और वन (EC-2) विभाग के अनुसार प्रतिबंधित श्रेणी है.
बता दें कि केंद्र सरकार ने एक जुलाई 2022 से पॉलिस्ट्रिन और लचीले पॉलिस्ट्रिन सहित एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाई है.
अगस्त 12 को जारी अधिसूचना के मुताबिक, सामान ले जाने के लिए इस्तेमाल होने वाले प्लास्टिक बैग की मोटाई 30 सितंबर 2021 से 50 माइक्रॉन से बढ़ाकर 75 माइक्रॉन की जाएगी और 31 दिसंबर 2022 से यह मोटाई 120 माइक्रॉन होगी.
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अधिसूचना में कहा गया, एक जुलाई 2022 से पॉलिस्ट्रिन और लचीले पॉलिस्ट्रिन सहित एकल इस्तेमाल प्लास्टिक के उत्पादन, आयात, भंडारण, वितरण, बिक्री और इस्तेमाल पर रोक लगाई है. प्लास्टिक की डंडी युक्त ईयर बड, गुब्बारे की प्लास्टिक से बनी डंडी, प्लास्टिक के झंडे, लॉलीपॉप और आईसक्रीम की डंडी, सजावट में इस्तेमाल होने वाले पॉलिस्ट्रिन (थर्मेाकोल), प्लेट, कप, ग्लास, कटलरी जैसे कांटे, छुरी, चम्मच, चाकू, मिठाई के डिब्बों में इस्तेमाल प्लास्टिक, 100 माइक्रॉन से कम मोटे प्लास्टिक या पीवीसी के बैनर आदि पर रोक होगी.