नर्मदापुरम। 'गांधी गोडसे' फिल्म रिलीज होने वाली है, क्या कुछ खास रहेगा इस फिल्म में, इसको लेकर शरद सिंह ने बताया कि 26 जनवरी को गणतंत्रता दिवस के दिन फिल्म रिलीज होने जा रही है (Sharad Singh conversation with ETV Bharat). यह ऑल इंडिया में रिलीज हो रही है और इसे देखने की जहां तक बात है कि इसके डायरेक्टर राजकुमार संतोषी हैं. म्यूजिक ए आर रहमान ने दिया है, म्यूजिक रसूल पुट्टी ने किया है. सभी ऑस्कर अवॉर्ड विनर भी रहे हैं. इस फिल्म में गांधी गोडसे विचारों का युद्ध है और निश्चित तौर पर इस इतिहासिक फिल्म में दर्शकों को कुछ नया देखने को मिलेगा.
धार्मिक नगरी से निकलकर तय किया फिल्म सफर: शरद सिंह ने बताया कि सफर 20 साल पहले का है जब मैं कॉलेज समय का था, मुंबई जाया आया करता था. पहला काम होशंगाबाद में परेश मसीह ने दिया. 2002 में फिल्म थी प्रथा, इरफान खान के साथ मैंने काम किया था, इसमें मैंने एक इंस्पेक्टर का कैरेक्टर प्ले किया था. वहीं से मेरी जर्नी शुरू हुई, लास्ट ईयर में भी एक फिल्म रिलीज हुई थी 'फैक्ट्री', जो आमिर खान के भाई फैजल खान के साथ थी. उसके बाद 'कजरी' फिल्म रिलीज हुई, अब 26 जनवरी को 'गांधी गोडसे' काफी बड़ी मूवी है जो की ऑल इंडिया मं रिलीज होने जा रही है. मेरी सभी से अपील है आप लोग सभी फिल्म देखने जरूर पहुंचे.
फिल्म गांधी-गोडसे के विचारों का युद्ध : शरद सिंह ने बताया कि ''गांधीजी तो राष्ट्रपिता हैं, पूरा देश उनकी इज्जत करता है. गांधीजी को लोग मानते हैं, बस सवाल सिर्फ इतना है, कि गोडसे के बारे में हमने सिर्फ इतना पढ़ा है कि उन्होंने हत्या की थी, हत्यारा वाला जो टैग लगा हुआ है बस वही है. इस फिल्म में दूसरा पहलू वह भी दिखाया गया है, गोडसे के बारे में जानकारी ज्यादा लोगों को नहीं है की क्यों यह सब हुआ था. फिल्म में कहानी का जो मुख्य है वह विचारों का युद्ध है, दोनों के बीच ऐसी कौन सी बात हुई की गोड़से को गांधी जी की हत्या करने को मजबूर होना पड़ा, फिल्म के बारे में मैं ज्यादा नहीं बोल पाऊंगा,26 जनवरी को यह फिल्म जरूर देखिए, फिल्म के पूरे तथ्य सामने आएंगे. दोनों पक्षों को रखा गया है, सारी चीजें एविडेंस के आधार पर हैं. महिमामंडित किसी को नहीं किया गया है ना गांधी जी को न गोडसे को. यह एक ऑथेंटिक तथ्यों के आधार पर बनी फिल्म है, 26 जनवरी को जब यह फिल्म को देखेंगे सारी बातों के जवाब आपको मिल जाएंगे".
ट्रेलर रिलीज होने के बाद से विवादों में रही फिल्म: इस सवाल पर शरद सिंह ने कहा कि ''हिंदुस्तान में पिछले कुछ समय से एक बड़ा ट्रेंड चल रहा है बायकॉट करने का. एक फिल्म जब बनती है, तो डायरेक्टर, प्रोड्यूसर, एक्टर ही नहीं होते उसके पीछे हजारों लोग काम करते हैं. जिससे उनकी रोजी-रोटी चलती है. घर चलता है, बहुत सारी चीजें हैं, एक फिल्म हिट होने से हजारों लोगों के घर बनते हैं. एक फिल्म फ्लॉप होने से हजारों लोगों के रोजगार छीनते हैं, पठान को लेकर भी बायकॉट की मांग हुई. गांधी गोडसे को लेकर भी बायकॉट चल रहा है, पुतला दहन चल रहा है. आपके चैनल के माध्यम से पूरे देशवासियों से हाथ जोड़कर विनती करना चाहता हूं, प्लीज बायकॉट बंद कीजिए''.
गोडसे के किरदार पर क्या बोले शरदः गोडसे के किस किरदार को उन्होंने पढ़ा है और उन्हें प्रभावित किया है, इसके जवाब पर शरद ने बताया कि गोडसे के जीवन पर मैं कुछ भी नहीं बोलूंगा. हां 1947 में ऐसे क्या हालात रहे होंगे, दो तरह के लोग होते हैं. एक शांति में बात करते हैं, दूसरा विवाद कर लेते हैं. पूरी दुनिया में इस प्रकार के लोग होते हैं. गोडसे के बारे में पहले मैंने ज्यादा नहीं पढ़ा था, जबसे फिल्म में काम किया और जब से यह कंट्रोवर्सी आई है तब से मैंने यह सब चीजें पढ़ना चालू किया है. फिल्म पूरी मैंने अभी नहीं देखी, मैंने जितना अभिनय किया इतना जानता हूं. इतना जरूर कहूंगा कि फिल्म में किसी को महिमामंडित नहीं किया गया है, किसी को डोमिनेट नहीं किया गया. यह एक प्रॉपर फिल्म है, उसके पीछे वजह यह भी है, राजकुमार संतोषी इंडस्ट्री में बहुत बड़ा नाम हैं. अजय देवगन की लीजेंड ऑफ भगत सिंह अजय देवगन सुपरहिट रही. ऐसा कुछ तो 'गांधी गोडसे' में नहीं बनाया गया है, ऑथेंटिक जानकारी के बाद ही फिल्म को बनाया गया है. मैं गुजारिश करूंगा 26 जनवरी को सभी फिल्म देखें, खुद ब खुद इस फिल्म को बनाने की वजह पता चल जाएगी. अगली फिल्म को लेकर शरद ने बताया की फरवरी में 'मुगल' की तैयारियां शुरू होने जा रही हैं, इसले लिए उन्हें घुड़सवारी और तलवारबाजी सीखना है.