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इस सेलिब्रिटी ने किया 'भूलने का अधिकार' के तहत ऑनलाइन तस्वीरें, वीडियो हटाने का अनुरोध

अपने अतीत को भूलने के लिए फिल्म अभिनेता आशुतोष कौशिक दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. आशुतोष कौशिक के वकील ने कोर्ट में कहा, हर व्यक्ति को अपने पास्ट को भूलने का अधिकार है. आशुतोष कौशिक पुरानी बातों से परेशान और अब वे उन्हें भूलना चाहते हैं. आशुतोष कौशिक के पास्ट से संबंधित कुछ जानकारी इंटरनेट पर उपलब्ध है, जिन्हें वे हटाना चाहते हैं.

आशुतोष कौशिक
आशुतोष कौशिक
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Published : Jul 22, 2021, 10:58 PM IST

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने एमटीवी रोडीज व बिग बॉस शो के विजेता आशुतोष कौशिक की इंटरनेट और मीडिया में चल रही कुछ घटनाओं को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए गूगल और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. यह नोटिस जस्टिस रेखा पल्ली ने जारी किया है.

आशुतोष कौशिक ने याचिका में कहा है कि टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के बावजूद उन्हें कुछ घटनाएं गहरी यातना देती हैं. करीब एक दशक पहले गलती से किए गए कार्यों की वजह से वे मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं. वे अब इन बातों को भूलना चाहते हैं. याचिका में कहा गया है इन घटनाओं की जानकारी विभिन्न सर्च इंजनों और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर वीडियो, फोटो और आलेख के रूप में उपलब्ध हैं.

पढ़ें- वाट्स ऐप की नई प्राईवेसी पॉलिसी के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई टली

आशुतोष कौशिक के वकील अक्षत बाजपेयी, इशानी शर्मा और श्रेया गुप्ता ने कहा, हर व्यक्ति अपने पास्ट को भूलने का अधिकार रखता है. उन्होंने कोर्ट से आशुतोष कौशिक के बारे में उन डाटा को हटाने की मांग की, जिन्हें कोई भी सर्च इंजन के जरिये इंटरनेट पर हासिल कर लेता है. 2009 में ट्रैफिक उल्लंघन का केस और 2014 में मुंबई में एक कैफे में हुए विवाद से जुड़ी घटना के पोस्ट सोशल मीडिया और इंटरनेट पर डालने से छवि पर बुरा असर पड़ता है.

नई दिल्ली : दिल्ली हाईकोर्ट ने एमटीवी रोडीज व बिग बॉस शो के विजेता आशुतोष कौशिक की इंटरनेट और मीडिया में चल रही कुछ घटनाओं को हटाने की मांग करने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए गूगल और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया. यह नोटिस जस्टिस रेखा पल्ली ने जारी किया है.

आशुतोष कौशिक ने याचिका में कहा है कि टीवी और फिल्म इंडस्ट्री में सफलता के बावजूद उन्हें कुछ घटनाएं गहरी यातना देती हैं. करीब एक दशक पहले गलती से किए गए कार्यों की वजह से वे मानसिक पीड़ा से गुजर रहे हैं. वे अब इन बातों को भूलना चाहते हैं. याचिका में कहा गया है इन घटनाओं की जानकारी विभिन्न सर्च इंजनों और ऑनलाइन प्लेटफार्म पर वीडियो, फोटो और आलेख के रूप में उपलब्ध हैं.

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आशुतोष कौशिक के वकील अक्षत बाजपेयी, इशानी शर्मा और श्रेया गुप्ता ने कहा, हर व्यक्ति अपने पास्ट को भूलने का अधिकार रखता है. उन्होंने कोर्ट से आशुतोष कौशिक के बारे में उन डाटा को हटाने की मांग की, जिन्हें कोई भी सर्च इंजन के जरिये इंटरनेट पर हासिल कर लेता है. 2009 में ट्रैफिक उल्लंघन का केस और 2014 में मुंबई में एक कैफे में हुए विवाद से जुड़ी घटना के पोस्ट सोशल मीडिया और इंटरनेट पर डालने से छवि पर बुरा असर पड़ता है.

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