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राजस्थान : मिट्टी ढहने से खदान में दबे सात मजदूरों की मौत, मजदूर विष्णु ने बताया दहशत का मंजर

भीलवाड़ा के लाछुड़ा ग्राम पंचायत इलाके में फेल्सपार की माइनिंग के दौरान खदान ढहने से 7 मजदूरों की दबकर मौत हो गई. वहीं मौजूद एक मजदूर विष्णु भाट ने दहशत के उस मंजर का आंखों देखा हाल बयान किया.

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Published : Aug 11, 2021, 6:58 PM IST

Updated : Aug 11, 2021, 11:00 PM IST

भीलवाड़ा : लाछुड़ा खनन में काम करने वाले मजदूर विष्णु भाट ने हादसे का वह खौफनाक मंजर अपनी आंखों से देखा था. उस हादसे को याद कर विष्णु सहम जाता है. उस दर्दनाक मंजर को अब वह जिंदगी भर कभी नहीं भूल सकता.

खदान में मजदूरी कर रहे विष्णु भाट ने बताया कि हम 10 मजदूर खदान में मिट्टी और पत्थर निकालने का काम कर रहे थे. खदान में क्रेन चलाने वाला ड्राइवर किसी काम से घर चला गया था. दोपहर 12 बजे मुझे प्यास लगी तो मैं पानी पीने के लिए खदान से बाहर निकला. तीन मिनट बाद करीब 50 मीटर दूर ही पहुंचा था कि धमाके की तेज आवाज आई.

विष्णु ने बताया कि मैंने पीछे मुड़कर देखा तो खदान ढह चुकी थी और मिट्टी उड़ रही थी. मैंने भागकर आसपास के लोगों को हादसे के बारे में बताया. विष्णु समेत ये सभी मजदूर मांडल विधानसभा के कमेरी गांव के निवासी थे. वह खौफनाक मंजर लगातार विष्णु की आंखों के सामने आ रहा है. हादसे के बाद से ही उसका रो-रो कर बुरा हाल है.

मजदूर विष्णु ने बताया दहशत का मंजर

बता दें कि भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति इलाके के लाछुड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ये सभी मजदूर एक खदान में काम कर रहे थे. खदान का ऊपरी हिस्सा ढह जाने से 7 मजदूर मिट्टी तले दब गए. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया लेकिन किसी मजदूर को बचाया नहीं जा सका. इन 7 मजदूरों में से 3 महिलाएं भी थीं. बताया जा रहा है कि यहां अवैध तरीके से फेल्सपार की माइनिंग की जाती है.

हादसे के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. दोहपर को शुरू हुई ऑपरेशन देर शाम तक चला. जिसमें सभी शवों को खदान से निकाल लिया गया. सभी शवों को भीलवाड़ा मुख्यालय भेजा गया. रात के सभी शव मोर्चरी में रखे गए. गुरूवार की सुबह मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा. खान में दबने से मजदूर कन्‍हैया भील, प्रहलाद भाट, गणेश भील, धर्मा भाट और महिला मजदूर हिंगला भाट, मीना भील और एक अन्‍य मीना भील की मौत हो गई.

कई घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

मजदूरों को निकालने के लिए करीब 7-8 घंटे तक रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चला. रेस्‍क्‍यू के दौरान एक-एक शव को खदान से बाहर निकाला गया. हादसे के बाद जिला कलेक्‍टर शिव प्रसाद एम नकाते, एसपी विकास शर्मा, माण्‍डल विधायक रामलाल जाट सहित मेडिकल और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद रही.

अवैध माइंस ने ले ली जान

आसीन्‍द थाना क्षेत्र के लाछूड़ा गांव में नूर मोहम्‍मद के खेत में अवैध र्क्‍वाटज निकलाने की खदान संचालित हो रही थी. जिसे संग्राम सिंह नाम का व्‍यक्ति संचालित कर रहा था. दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन शुरू किया था.

पढ़ेंः हिमाचल में एक और भूस्खलन, पांच लोगों की मौत

भीलवाड़ा : लाछुड़ा खनन में काम करने वाले मजदूर विष्णु भाट ने हादसे का वह खौफनाक मंजर अपनी आंखों से देखा था. उस हादसे को याद कर विष्णु सहम जाता है. उस दर्दनाक मंजर को अब वह जिंदगी भर कभी नहीं भूल सकता.

खदान में मजदूरी कर रहे विष्णु भाट ने बताया कि हम 10 मजदूर खदान में मिट्टी और पत्थर निकालने का काम कर रहे थे. खदान में क्रेन चलाने वाला ड्राइवर किसी काम से घर चला गया था. दोपहर 12 बजे मुझे प्यास लगी तो मैं पानी पीने के लिए खदान से बाहर निकला. तीन मिनट बाद करीब 50 मीटर दूर ही पहुंचा था कि धमाके की तेज आवाज आई.

विष्णु ने बताया कि मैंने पीछे मुड़कर देखा तो खदान ढह चुकी थी और मिट्टी उड़ रही थी. मैंने भागकर आसपास के लोगों को हादसे के बारे में बताया. विष्णु समेत ये सभी मजदूर मांडल विधानसभा के कमेरी गांव के निवासी थे. वह खौफनाक मंजर लगातार विष्णु की आंखों के सामने आ रहा है. हादसे के बाद से ही उसका रो-रो कर बुरा हाल है.

मजदूर विष्णु ने बताया दहशत का मंजर

बता दें कि भीलवाड़ा जिले के आसींद पंचायत समिति इलाके के लाछुड़ा ग्राम पंचायत मुख्यालय पर ये सभी मजदूर एक खदान में काम कर रहे थे. खदान का ऊपरी हिस्सा ढह जाने से 7 मजदूर मिट्टी तले दब गए. हादसे के बाद रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया लेकिन किसी मजदूर को बचाया नहीं जा सका. इन 7 मजदूरों में से 3 महिलाएं भी थीं. बताया जा रहा है कि यहां अवैध तरीके से फेल्सपार की माइनिंग की जाती है.

हादसे के बाद प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया. दोहपर को शुरू हुई ऑपरेशन देर शाम तक चला. जिसमें सभी शवों को खदान से निकाल लिया गया. सभी शवों को भीलवाड़ा मुख्यालय भेजा गया. रात के सभी शव मोर्चरी में रखे गए. गुरूवार की सुबह मृतकों का अंतिम संस्कार किया जाएगा. खान में दबने से मजदूर कन्‍हैया भील, प्रहलाद भाट, गणेश भील, धर्मा भाट और महिला मजदूर हिंगला भाट, मीना भील और एक अन्‍य मीना भील की मौत हो गई.

कई घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन

मजदूरों को निकालने के लिए करीब 7-8 घंटे तक रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन चला. रेस्‍क्‍यू के दौरान एक-एक शव को खदान से बाहर निकाला गया. हादसे के बाद जिला कलेक्‍टर शिव प्रसाद एम नकाते, एसपी विकास शर्मा, माण्‍डल विधायक रामलाल जाट सहित मेडिकल और एसडीआरएफ की टीम मौके पर मौजूद रही.

अवैध माइंस ने ले ली जान

आसीन्‍द थाना क्षेत्र के लाछूड़ा गांव में नूर मोहम्‍मद के खेत में अवैध र्क्‍वाटज निकलाने की खदान संचालित हो रही थी. जिसे संग्राम सिंह नाम का व्‍यक्ति संचालित कर रहा था. दुर्घटना की सूचना मिलते ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर मलबे में दबे मजदूरों को निकालने के लिए रेस्‍क्‍यू ऑपरेशन शुरू किया था.

पढ़ेंः हिमाचल में एक और भूस्खलन, पांच लोगों की मौत

Last Updated : Aug 11, 2021, 11:00 PM IST
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