लखनऊ: लखनऊ चिड़ियाघर में लगातार किसी न किसी जीव की मौत हो रही है. शनिवार को नवाब वाजिद अली शाह प्राणि उद्यान में रह रही मादा शुतुरमुर्ग की मौत हो गई. चिड़ियाघर के वरिष्ठ पशुरोग विशेषक उत्कर्ष शुक्ला ने बताया कि शुतुरमुर्ग की आईपीआरआई बरेली के परामर्श से बीते मई महीने से लगातार चिकित्सा चल रही थी, जोकि एस्परगिलोसिस (Aspirgilosis) नामक बीमारी से ग्रसित थी. शनिवार इस मादा शुतुरमुर्ग की मृत्यु हो गई. मादा शुतुरमुर्ग को लखनऊ चिड़ियाघर में 16 जुलाई वर्ष 2014 को तनुवास ब्रीडिंग सेंटर चेन्नई से लाया गया था.
शुतुरमुर्ग की मौत की खबर मिलते ही प्राणि उद्यान में मायूसी छा गई. यह मादा शुतुरमुर्ग दर्शकों में काफी लोकप्रिय थी. इस मादा शुतुरमुर्ग की उम्र लगभग 11-12 वर्ष थी. प्राणि उद्यान के पशु चिकित्सकों तथा पशु पालन विभाग, उत्तर प्रदेश लखनऊ के चिकित्साधिकारी के पैनल द्वारा मादा शुतुरमुर्ग का पोस्टमार्टम किया गया. पोस्टमार्टम के बाद सम्भावित मृत्यु का कारण सेप्टिसिमिया पाया गया.
लखनऊ चिड़ियाघर की निदेशक अदिति शर्मा ने बताया कि मादा शुतुरमुर्ग अब सैलानियों को दीदार के लिए नहीं दिखाई देगी. शुतुरमुर्ग लंबे समय से एक बीमारी से ग्रसित थी. उसका इलाज बरेली के विशेषज्ञ कर रहे थे. पिछले कुछ दिनों से शुतुरमुर्ग की तबीयत अस्वस्थ चल रही थी. कीपर्स का कहना है कि शुतुरमुर्ग खाना-पीना भी ठीक से नहीं कर रही थी. तबीयत अचानक बिगड़ गई और अब वह इस दुनिया में नहीं है. शुतुरमुर्ग के शरीर को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है. पोस्टमार्टम की रिपोर्ट आने के बाद ही किस कारण से उसकी मौत हुई है, इस बात का खुलासा हो पाएगा. पोस्टमार्टम के बाद ही मादा शुतुरमुर्ग का अंतिम संस्कार किया जाएगा. विस्तृत रिपोर्ट के लिए अंग के नमूनों को सुरक्षित कर आईवीआरआई बरेली भेजा जाएगा.
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