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छत्तीसगढ़ के कांकेर में तेंदुए का खौफ, दहशत में स्कूलों को किया गया बंद

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Published : Jul 12, 2022, 9:27 PM IST

कांकेर में जंगली जानवरों के खौफ से लोग परेशान (Kanker latest news) हैं. सोमवार रात से मादा तेंदुआ अपने तीन शावकों के साथ कांकेर के ठेलकाबोड़ गांव में डेरा जमाए ( Leopard roaming in residential areas of Kanker) हुए है. खौफ से स्कूल को बंद कर दिया गया (Leopard fear school closed in Kanker ) है.

fear of leopard in kanker
कांकेर में तेंदुए का खौफ

कांकेर: कांकेर के ठेलकाबोड़ गांव में सोमवार रात से एक मादा तेंदुआ अपने तीन शावकों के साथ पहाड़ी में डेरा जमाए हुए हैं. जिसे लेकर ग्रामीणों में खौफ है. बताया जा रहा है कि जिस पहाड़ी पर एक गुफा में मादा तेंदुआ अपने बच्चों के साथ है, उसके आस-पास कई ग्रामीणों का घर है. कई ग्रामीणों ने मादा तेंदुआ को गुफा से बाहर निकलते देखा है. ठीक उसके तीस मीटर नीचे प्राथमिक स्कूल है. सोमवार रात से ग्रामीण जागकर पहरेदारी कर रहे (Leopard fear school closed in Kanker )हैं.

कांकेर में तेंदुए का खौफ

तेंदुए के खौफ में स्कूल बंद: तेंदुए के खौफ से मंगलवार को प्राथमिक शाला की छुट्टी कर दी गई. कांकेर डीएफओ आलोक वाजपेयी का कहना है," सोमवार शाम से ही मादा तेंदुआ और उसके शावक को देखते हुए वन विभाग और पुलिस की टीम की तैनाती की गई है. लोगों को समझाया जा रहा है कि एक दो दिनों के लिए एहतियात बरतें, क्योंकि मादा तेंदुआ के साथ जब शावक रहती है तो वह आक्रामक जल्दी हो जाती है. मंगलवार रात को उसको पकड़कर दूसरे वन क्षेत्र में भेजने का प्रयास करेंगे. साथ ही प्राथमिक स्कूल होने के कारण कांकेर कलेक्टर को कहा गया है कि जब तक तेंदुआ दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाता, तब तक शाला का संचालन किसी दूसरी जगह किया जाए.''

बकरियों का किया था शिकार: कांकेर वन परिक्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक इन दिनों देखने को मिल रहा है. परिक्षेत्र अंतर्गत आतुरगांव के गुडरापारा में तेंदुआ ने दो दिन पहले तीन बकरियों को अपना शिकार बनाया था.

यह भी पढ़ें: कांकेर में तेंदुआ ने बकरियों को बनाया शिकार तो भालू ने किया महिला को घायल

जंगली जानवरों पर नियंत्रण पाना मुश्किल: शहर हो या गांव सभी जगह लोग जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं. कहीं भालू उत्पात मचा रहा है तो कहीं तेंदुआ. वन अमला भी भालू और तेंदुआ को पकड़कर दूर जंगलों में छोड़ रहा है. लेकिन इसके बाद भी भालू और तेंदुओं का उत्पात जारी है. अब इन पर नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो रहा है.

कांकेर: कांकेर के ठेलकाबोड़ गांव में सोमवार रात से एक मादा तेंदुआ अपने तीन शावकों के साथ पहाड़ी में डेरा जमाए हुए हैं. जिसे लेकर ग्रामीणों में खौफ है. बताया जा रहा है कि जिस पहाड़ी पर एक गुफा में मादा तेंदुआ अपने बच्चों के साथ है, उसके आस-पास कई ग्रामीणों का घर है. कई ग्रामीणों ने मादा तेंदुआ को गुफा से बाहर निकलते देखा है. ठीक उसके तीस मीटर नीचे प्राथमिक स्कूल है. सोमवार रात से ग्रामीण जागकर पहरेदारी कर रहे (Leopard fear school closed in Kanker )हैं.

कांकेर में तेंदुए का खौफ

तेंदुए के खौफ में स्कूल बंद: तेंदुए के खौफ से मंगलवार को प्राथमिक शाला की छुट्टी कर दी गई. कांकेर डीएफओ आलोक वाजपेयी का कहना है," सोमवार शाम से ही मादा तेंदुआ और उसके शावक को देखते हुए वन विभाग और पुलिस की टीम की तैनाती की गई है. लोगों को समझाया जा रहा है कि एक दो दिनों के लिए एहतियात बरतें, क्योंकि मादा तेंदुआ के साथ जब शावक रहती है तो वह आक्रामक जल्दी हो जाती है. मंगलवार रात को उसको पकड़कर दूसरे वन क्षेत्र में भेजने का प्रयास करेंगे. साथ ही प्राथमिक स्कूल होने के कारण कांकेर कलेक्टर को कहा गया है कि जब तक तेंदुआ दूसरी जगह शिफ्ट नहीं किया जाता, तब तक शाला का संचालन किसी दूसरी जगह किया जाए.''

बकरियों का किया था शिकार: कांकेर वन परिक्षेत्र में जंगली जानवरों का आतंक इन दिनों देखने को मिल रहा है. परिक्षेत्र अंतर्गत आतुरगांव के गुडरापारा में तेंदुआ ने दो दिन पहले तीन बकरियों को अपना शिकार बनाया था.

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जंगली जानवरों पर नियंत्रण पाना मुश्किल: शहर हो या गांव सभी जगह लोग जंगली जानवरों के आतंक से परेशान हैं. कहीं भालू उत्पात मचा रहा है तो कहीं तेंदुआ. वन अमला भी भालू और तेंदुआ को पकड़कर दूर जंगलों में छोड़ रहा है. लेकिन इसके बाद भी भालू और तेंदुओं का उत्पात जारी है. अब इन पर नियंत्रण कर पाना मुश्किल हो रहा है.

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