सिद्धार्थनगर: उत्तर प्रदेश में कुछ साल पहले अनामिका शुक्ला नाम की फर्जी शिक्षिका का मामला उछला था. एक अनामिका शुक्ला कई स्कूलों में शिक्षक बनकर काम कर रही थी. सभी जगह फर्जी दस्तावेजों के सहारे तैनाती ली गई थी. बाद में महिला को गिरफ्तार करके कार्रवाई की गई थी. ऐसा ही एक और मामला अब उजागर हुआ है. इस बार अनामिका शुक्ला की जगह नया नाम अमिता शुक्ला सामने आया है. अमिता शुक्ला के कागजातों पर सिद्धार्थनगर के अलावा बुलन्दशहर व बलरामपुर में भी शिक्षिकाएं नौकरी कर रही हैं.
फर्जी कागजात लगाकर नियुक्ति पाने वाले शिक्षकों की जांच कर रही एसटीएफ ने सिद्धार्थनगर के बीएसए को इसके बारे में जानकारी दी है. बताया है कि जिले के नौगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बसडीलिहा में कार्यरत प्रधानाचार्य, फतेहपुर में तैनात अमिता शुक्ला नामक टीचर के हूबहू प्रमाणपत्रों पर नौकरी कर रही है. इनकी नियुक्ति 2009 में सहायक अध्यापक के पद पर इटवा क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल सुखरामपुर में हुई थी. फिर प्रमोशन पाकर नौगढ़ ब्लॉक के प्राथमिक विद्यालय बसडीलिहा में प्रधानाचार्य के पद पर तैनात हुईं और लगभग 14 वर्ष से शिक्षा विभाग की आंख में धूल झोंककर नौकरी करती रहीं. पहला नोटिस जारी होने के बाद से शिक्षिका स्कूल से फरार हो गई.
मामले को लेकर बीएसए देवेंद्र कुमार पांडेय से बात की गई तो उन्होंने बताया कि एसटीएफ ने यह जानकारी दी है कि फतेहपुर में तैनात प्रधानाचार्य अमिता शुक्ला के जाली दस्तावेजों के आधार पर सिद्धार्थनगर में एक शिक्षिका नौकरी कर रही थी, जोकि प्राथमिक विद्यालय बसडीलिहा में तैनात है. इनको नोटिस दिया गया है. अगर एक सप्ताह में इन्होंने अपने पक्ष में मांगे गए मूल प्रमाणपत्र नहीं दिखाए तो इनकी सेवा समाप्त कर दी जाएगी. साथ ही वेतन की रिकवरी का प्रयास किया जाएग. बता दें कि फतेहपुर में तैनात अमिता शुक्ला के प्रमाणपत्रों को लगाकर सिद्धार्थनगर के अलावा बुलन्दशहर व बलरामपुर में भी शिक्षिकाएं नौकरी कर रही हैं.
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