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तेलंगाना: धान की खरीद में देरी से परेशान किसान कर रहे विरोध प्रदर्शन - मडगुलापल्ली गैरीडेपल्ली और हुजूरनगर

तेलंगाना के कुछ जिलों में धान की फसल की खरीद में देरी का खामियाजा किसानों को उठाना पड़ रहा है. लापरवाही और संबंधित अधिकारियों की दूरदर्शिता की कमी के कारण सैकड़ों किसान चावल मिलों में धान से लदे ट्रैक्टरों के साथ इंतजार करने को मजबूर हैं. साथ ही न्यूनतम मूल्य न मिलने से परेशान किसान विरोध प्रदर्शन पर उतर आए हैं.

धान
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Published : Nov 6, 2021, 7:27 PM IST

हैदराबाद: फसल कटाई के लिए तैयार है. पौधे नीचे झुक गये हैं, ताकि उसके अनाज के बोझ को कम किया जा सके. किसान भी भरपूर फसल बेचकर पैसा कमाना चाहते हैं. आसमान में बादल छाए हैं और भारी बारिश की आशंका है. अगर बारिश में भीगने के लिए छोड़ दिया गया, तो पूरी फसल गटर में चली जाएगी. इसलिए, किसान जल्दी फसल तैयार करने के लिए निकल पड़े और फसलों को लेकर मिलों तक पहुंचाना शुरू कर दिया.

हालांकि, अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी के कारण अनाज बेचने में भारी देरी हो रही है. और कोई रास्ता नहीं होने के कारण, किसानों ने अपनी मेहनत की फसल के लिए न्यूनतम मूल्य देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लापरवाही और संबंधित अधिकारियों की दूरदर्शिता की कमी के कारण सैकड़ों किसान चावल मिलों में धान से लदे ट्रैक्टरों के साथ इंतजार करने को मजबूर हैं. एक तरफ मिल मालिक अनाज खरीदने को तैयार नहीं हैं तो दूसरी तरफ अधिकारी निर्णय लेने में ढिलाई बरत रहे हैं. वहीं, बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान हो रहा है.

मिर्यालगुडा में 200 छोटी और बड़ी चावल मिलें हैं. नलगोंडा जिले के अलावा, खम्मम, वारंगल और गुंटूर जिलों के किसान भी इन मिलों में धान लाते हैं. धान की खरीद आमतौर पर दीपावली के बाद शुरू होती है. भूजल की अधिक उपलब्धता के कारण, किसान इस वर्ष जल्दी बुवाई करने लगे. त्योहार से पहले काटे गए धान को मिलों में ले जाया गया. वर्तमान में कुछ ही मिलें हैं जो धान खरीद रही हैं जबकि अधिक से अधिक किसान अपनी फसल को लेकर मिलों के पास पहुंच रहे हैं. इस वजह से खरीद में काफी देरी हो रही है. अप्रत्याशित बारिश के कारण अनाज का रंग फीका पड़ रहा है. स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए मिल मालिक सामान्य से कम कीमत चुका रहे हैं.

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अगले 10 दिनों में नलगोंडा जिले में 4.50 लाख एकड़ खेत में लगी धान की फसल की कटाई होगी. सभी उत्पादों को मिरयालगुडा पहुंचाया जाएगा. इससे पहले कि स्थिति और बिगड़े, किसान अधिकारियों से आवश्यक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, अधिकारी और पुलिस अपील कर रहे हैं कि जिन किसानों को टोकन जारी किया गया है, वे ही मिलों में अपने उत्पाद लाएं. मिलों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे टोकन प्राप्त किसानों से अनाज खरीदेंगे. मिरयालगुड़ा में 46 मिलों में अभी खरीद चल रही है. समस्या यह है कि बारिश की चपेट में आने के बाद से बड़ी संख्या में किसानों ने मिलों के बाहर भीड़ लगानी शुरू कर दी है. मिर्यालागुडा मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गौर श्रीनिवास ने कहा कि मिलों को उत्पाद लोड करने में 2 दिन लगेंगे.

नलगोंडा जिले के किसान पतले अनाज की किस्म की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने इस बात का विरोध करते हुए सड़कों को जाम कर दिया है कि बारिश में भींगने की वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो रही है जिससे उनकी गाढ़ी कमाई का नुकसान हो रहा है. विरोध प्रदर्शनों के कारण नारकेटपल्ली-अडंकी राजमार्ग पर सैकड़ों वाहन फंस गए. नलगोंडा जिला पुलिस ने नेरेदुचरला मंडल, चिलीपल्ली में सूर्यापेट से नलगोंडा में प्रवेश करने वाले धान से लदे ट्रैक्टरों को रोक दिया है. मिरयालगुडा-कोडाद हाईवे पर वाहनों के आवागमन में बाधा थी. अधिकारियों ने तब ट्रैक्टरों को टोकन जारी करना शुरू कर दिया है और उन्हें मिलों की ओर जाने दिया है.

दो जिलों के पुलिस और अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं होने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके बार-बार विरोध या अनुरोधों करने के बाद भी अधिकारियों ने जवाब नहीं दिया है. किसानों ने कहा, पिछले साल इसी तरह की स्थिति का सामना करने के बावजूद, अधिकारियों ने इस बार भी हालात को काबू में करने के लिए कोई उपाय नहीं किए हैं. पिछले 4 दिनों से अधिकारी फसलों की खरीद व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मिर्यालागुडा, नेरेदुचारला और वेमुलपल्ली में किसान स्थानों (रयथु वेदिका) पर टोकन जारी कर रहे हैं.

किसान सुबह से ही अपनी बारी का इंतजार करते हैं. इस बीच, मडगुलापल्ली, गैरीडेपल्ली और हुजूरनगर से हर दिन अनाज से लदे हजारों ट्रैक्टर आ रहे हैं, जिससे स्थिति बेकाबू हो गयी है. समस्या तब और बढ़ गई जब अधिकारियों ने 3 दिनों में केवल 2400 टोकन जारी करने का फैसला किया. खरीद स्थलों पर पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से किसानों की परेशानी और बढ़ गयी है. इसके अलावा, वे ट्रैक्टरों के किराये को लेकर भी चिंतित हैं. पालकवीदु मंडल सेंटर के मिल मालिकों ने स्पष्ट किया है कि किसानों द्वारा समय से पहले फसल लाने से समस्या उत्पन्न हुई है और सभी मिलों में आज से खरीद शुरू हो जाएगी. यह स्पष्ट है कि दोनों जिलों के अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच समन्वय की कमी और अधिकारियों की ओर से खराब मूल्यांकन के कारण स्थिति बिगड़ी है.

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नलगोंडा जिला के अपर कलेक्टर (राजस्व) चंद्रशेखर ने कहा, 'हमने अपने अधीनस्थों को सभी किसानों को कवर करने के लिए पर्याप्त टोकन जारी करने के लिए कहा है. हमने यह भी सुझाव दिया है कि मिल मालिक किसानों के साथ अच्छे से पेश आएं. एक-दो दिन में खरीद शुरू होने पर स्थिति में सुधार होगा. कामारेड्डी जिले के लिंगमपेट मंडल के धान खरीद केंद्र में एक किसान की मौत हो गई. ऐलापुर निवासी भैरैया (57) की अनाज खरीद में देरी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. भैरैया अपने अनाज के ढेर की रखवाली करने आया. वह रात में वहीं सो गया. आधी रात में जब वह शौच के लिए उठा तो अचानक दिल का दौरा पड़ा. वह अनाज के ढेर पर गिरा गया और उसकी मौत हो गयी.

सुबह में किसानों ने उसे मृत पाया. सभी किसान भावुक हो गए जब उन्होंने देखा कि वह अनाज के ढेर पर मरा पड़ा था. भैरैया के पास एक एकड़ का अपना खेत था और तीन एकड़ खेत पट्टे पर दिया था. उन्होंने हाल ही में फसल तैयार की और पिछले महीने की 27 तारीख को लिंगमपेट सेंटर पर उसे बेचने के लिए केंद्र लाया था. उसी दिन वहां के स्टाफ ने सीरियल नंबर दिया. उसे 70वां नंबर आया. तब से भैरैया अपनी बारी आने का इंतज़ार करने लगा. वह दिन-रात अनाज के ढेरों की रखवाली करने लगा. कल रात अचानक अनाज के ढेर पर दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई.

हैदराबाद: फसल कटाई के लिए तैयार है. पौधे नीचे झुक गये हैं, ताकि उसके अनाज के बोझ को कम किया जा सके. किसान भी भरपूर फसल बेचकर पैसा कमाना चाहते हैं. आसमान में बादल छाए हैं और भारी बारिश की आशंका है. अगर बारिश में भीगने के लिए छोड़ दिया गया, तो पूरी फसल गटर में चली जाएगी. इसलिए, किसान जल्दी फसल तैयार करने के लिए निकल पड़े और फसलों को लेकर मिलों तक पहुंचाना शुरू कर दिया.

हालांकि, अधिकारियों के बीच समन्वय की कमी के कारण अनाज बेचने में भारी देरी हो रही है. और कोई रास्ता नहीं होने के कारण, किसानों ने अपनी मेहनत की फसल के लिए न्यूनतम मूल्य देने की मांग को लेकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. लापरवाही और संबंधित अधिकारियों की दूरदर्शिता की कमी के कारण सैकड़ों किसान चावल मिलों में धान से लदे ट्रैक्टरों के साथ इंतजार करने को मजबूर हैं. एक तरफ मिल मालिक अनाज खरीदने को तैयार नहीं हैं तो दूसरी तरफ अधिकारी निर्णय लेने में ढिलाई बरत रहे हैं. वहीं, बेमौसम बारिश से फसल को नुकसान हो रहा है.

मिर्यालगुडा में 200 छोटी और बड़ी चावल मिलें हैं. नलगोंडा जिले के अलावा, खम्मम, वारंगल और गुंटूर जिलों के किसान भी इन मिलों में धान लाते हैं. धान की खरीद आमतौर पर दीपावली के बाद शुरू होती है. भूजल की अधिक उपलब्धता के कारण, किसान इस वर्ष जल्दी बुवाई करने लगे. त्योहार से पहले काटे गए धान को मिलों में ले जाया गया. वर्तमान में कुछ ही मिलें हैं जो धान खरीद रही हैं जबकि अधिक से अधिक किसान अपनी फसल को लेकर मिलों के पास पहुंच रहे हैं. इस वजह से खरीद में काफी देरी हो रही है. अप्रत्याशित बारिश के कारण अनाज का रंग फीका पड़ रहा है. स्थिति का अनुचित लाभ उठाते हुए मिल मालिक सामान्य से कम कीमत चुका रहे हैं.

ये भी पढ़े- जिन्ना काे लेकर अपने बयान पर कायम अखिलेश, बोले- 'जो कहा था सही कहा था'

अगले 10 दिनों में नलगोंडा जिले में 4.50 लाख एकड़ खेत में लगी धान की फसल की कटाई होगी. सभी उत्पादों को मिरयालगुडा पहुंचाया जाएगा. इससे पहले कि स्थिति और बिगड़े, किसान अधिकारियों से आवश्यक कदम उठाने की मांग कर रहे हैं. दूसरी ओर, अधिकारी और पुलिस अपील कर रहे हैं कि जिन किसानों को टोकन जारी किया गया है, वे ही मिलों में अपने उत्पाद लाएं. मिलों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि वे टोकन प्राप्त किसानों से अनाज खरीदेंगे. मिरयालगुड़ा में 46 मिलों में अभी खरीद चल रही है. समस्या यह है कि बारिश की चपेट में आने के बाद से बड़ी संख्या में किसानों ने मिलों के बाहर भीड़ लगानी शुरू कर दी है. मिर्यालागुडा मिलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष गौर श्रीनिवास ने कहा कि मिलों को उत्पाद लोड करने में 2 दिन लगेंगे.

नलगोंडा जिले के किसान पतले अनाज की किस्म की खरीद प्रक्रिया में तेजी लाने की आवश्यकता को लेकर चिंतित हैं. उन्होंने इस बात का विरोध करते हुए सड़कों को जाम कर दिया है कि बारिश में भींगने की वजह से उनकी फसलें बर्बाद हो रही है जिससे उनकी गाढ़ी कमाई का नुकसान हो रहा है. विरोध प्रदर्शनों के कारण नारकेटपल्ली-अडंकी राजमार्ग पर सैकड़ों वाहन फंस गए. नलगोंडा जिला पुलिस ने नेरेदुचरला मंडल, चिलीपल्ली में सूर्यापेट से नलगोंडा में प्रवेश करने वाले धान से लदे ट्रैक्टरों को रोक दिया है. मिरयालगुडा-कोडाद हाईवे पर वाहनों के आवागमन में बाधा थी. अधिकारियों ने तब ट्रैक्टरों को टोकन जारी करना शुरू कर दिया है और उन्हें मिलों की ओर जाने दिया है.

दो जिलों के पुलिस और अधिकारियों के बीच तालमेल नहीं होने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने आरोप लगाया है कि उनके बार-बार विरोध या अनुरोधों करने के बाद भी अधिकारियों ने जवाब नहीं दिया है. किसानों ने कहा, पिछले साल इसी तरह की स्थिति का सामना करने के बावजूद, अधिकारियों ने इस बार भी हालात को काबू में करने के लिए कोई उपाय नहीं किए हैं. पिछले 4 दिनों से अधिकारी फसलों की खरीद व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए मिर्यालागुडा, नेरेदुचारला और वेमुलपल्ली में किसान स्थानों (रयथु वेदिका) पर टोकन जारी कर रहे हैं.

किसान सुबह से ही अपनी बारी का इंतजार करते हैं. इस बीच, मडगुलापल्ली, गैरीडेपल्ली और हुजूरनगर से हर दिन अनाज से लदे हजारों ट्रैक्टर आ रहे हैं, जिससे स्थिति बेकाबू हो गयी है. समस्या तब और बढ़ गई जब अधिकारियों ने 3 दिनों में केवल 2400 टोकन जारी करने का फैसला किया. खरीद स्थलों पर पीने के पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं की कमी से किसानों की परेशानी और बढ़ गयी है. इसके अलावा, वे ट्रैक्टरों के किराये को लेकर भी चिंतित हैं. पालकवीदु मंडल सेंटर के मिल मालिकों ने स्पष्ट किया है कि किसानों द्वारा समय से पहले फसल लाने से समस्या उत्पन्न हुई है और सभी मिलों में आज से खरीद शुरू हो जाएगी. यह स्पष्ट है कि दोनों जिलों के अधिकारियों और पुलिस कर्मियों के बीच समन्वय की कमी और अधिकारियों की ओर से खराब मूल्यांकन के कारण स्थिति बिगड़ी है.

ये भी पढ़े- 22 राज्यों ने पेट्रोल और डीजल पर वैट घटाया, पढ़ें सबसे ज्यादा कहां घटे दाम

नलगोंडा जिला के अपर कलेक्टर (राजस्व) चंद्रशेखर ने कहा, 'हमने अपने अधीनस्थों को सभी किसानों को कवर करने के लिए पर्याप्त टोकन जारी करने के लिए कहा है. हमने यह भी सुझाव दिया है कि मिल मालिक किसानों के साथ अच्छे से पेश आएं. एक-दो दिन में खरीद शुरू होने पर स्थिति में सुधार होगा. कामारेड्डी जिले के लिंगमपेट मंडल के धान खरीद केंद्र में एक किसान की मौत हो गई. ऐलापुर निवासी भैरैया (57) की अनाज खरीद में देरी के दौरान दिल का दौरा पड़ने से मौत हो गई. भैरैया अपने अनाज के ढेर की रखवाली करने आया. वह रात में वहीं सो गया. आधी रात में जब वह शौच के लिए उठा तो अचानक दिल का दौरा पड़ा. वह अनाज के ढेर पर गिरा गया और उसकी मौत हो गयी.

सुबह में किसानों ने उसे मृत पाया. सभी किसान भावुक हो गए जब उन्होंने देखा कि वह अनाज के ढेर पर मरा पड़ा था. भैरैया के पास एक एकड़ का अपना खेत था और तीन एकड़ खेत पट्टे पर दिया था. उन्होंने हाल ही में फसल तैयार की और पिछले महीने की 27 तारीख को लिंगमपेट सेंटर पर उसे बेचने के लिए केंद्र लाया था. उसी दिन वहां के स्टाफ ने सीरियल नंबर दिया. उसे 70वां नंबर आया. तब से भैरैया अपनी बारी आने का इंतज़ार करने लगा. वह दिन-रात अनाज के ढेरों की रखवाली करने लगा. कल रात अचानक अनाज के ढेर पर दिल का दौरा पड़ने से उसकी मौत हो गई.

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