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किसान आंदोलन : दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

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Published : Jan 3, 2021, 7:19 AM IST

Updated : Jan 3, 2021, 9:35 PM IST

kisan
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21:15 January 03

पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की बैठक से पहले किसानों और पुलिस बीच हाथापाई

पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की बैठक से पहले किसानों ने नेता का विरोध शुरू कर दिया. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच हाथापाई हुई. किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने भाजपा की बैठक के खिलाफ किसानों के विरोध पर प्रतिक्रिया दी.

20:49 January 03

किसानों पर हरियाणा पुलिस ने किया लाठीचार्ज

किसानों पर हरियाणा पुलिस ने किया लाठीचार्ज

शाहजहांपुर बॉर्डर से हरियाणा सीमा में प्रवेश करने वाले किसानों पर हरियाणा पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. धारूहेड़ा के पास पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करने के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े. किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद नेशनल हाईवे 48 पर लंबा जाम लग गया है.

बता दे कि 3 दिन से किसान धारूहेड़ा के पास पड़ाव डाले हुए थे. पुलिस उन्हें आगे नहीं जाने दे रही थी. रविवार को सैंकड़ों किसान राजस्थान बॉर्डर से हरियाणा में प्रवेश किए, जिसके बाद उन्हें भी पुलिस ने धारूहेड़ा के पास रोक दिया. इसी बीच हरियाणा पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई. 

राजस्थान के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर सहित आस-पास के क्षेत्रों के किसान जो जीकेएस से जुड़े हुए थे, उन्होंने 3 दिन पहले राजस्थान हरियाणा बॉर्डर से जबरन हरियाणा में प्रवेश किया था. उन्हें पुलिस ने धारूहेड़ा में रोक दिया था. आज रविवार को भी हरियाणा के टिकरी बॉर्डर से बड़ी संख्या में किसान धारूहेड़ा पहुंचे, जिसके बाद किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच झड़प हो गई. 

फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है. जीकेएस किसान संगठन के प्रतिनिधि राजू पंजाबी ने कहा कि किसान आंदोलन जारी रखेगा और वो पीछे हटने वाले नहीं हैं. हरियाणा पुलिस की बर्बरता का जवाब शांतिपूर्वक आंदोलन से दिया जाएगा. 

19:47 January 03

राकेश टिकैत का बयान
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कल का एजेंडा रहेगा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बने. हम वापस नहीं जाएंगे. अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं. सरकार को जवाब देना होगा. 

19:45 January 03

मंजीत सिंह राय का बयान
दिल्ली में सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि आज संगरूर में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया. हम इसकी निंदा करते है. हम पंजाब सरकार को अवगत कराते हैं कि आपने अगर किसानों पर लाठीचार्ज बंद नहीं किए तो उनके खिलाफ पंजाब में मोर्चा खोला जाएगा.

19:38 January 03

दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, देखें वीडियो

जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर से किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की. इस दौरान रेवाड़ी पुलिस ने मसानी ओवरब्रिज के पास किसानों के काफिले को रोक लिया. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े.  

मिली जानकारी के अनुसार खेड़ा बॉर्डर से किसान लगातार दिल्ली कूच करने का प्रयास कर रहे हैं. ये भी बताया गया कि अब तक रेवाड़ी पुलिस ने 200 से ज्यादा आंसू गैस के गोले छोड़े हैं. खेड़ा बॉर्डर पर रेवाड़ी पुलिस और किसानों के बीच तनाव बना हुआ है.

रेवाड़ी पुलिस की यही कोशिश है कि किसी तरह से किसानों को यहीं रोका जाए. किसानों बीते कई दिनों से दिल्ली कूच का प्रयास कर रहे हैं. ये भी बता दें कि इन किसानों में सबसे ज्यादा किसान दक्षिणी हरियाणा और राजस्थान से हैं. फिलहाल तनाव की स्थिति बनी हुई है.  

इससे पहले गुरुवार को भी राजस्थान में किसानों के एक ग्रुप ने राजस्थान-हरियाणा के बॉर्डर शाहजहांपुर में जबरन घुसने की कोशिश की थी. करीब एक दर्जन ट्रैक्टरों ने हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए हरियाणा में प्रवेश कर लिया था और दिल्ली की तरफ रवाना हो गए थे.

किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष के दौरान किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की. हालांकि आंदोलनकारी किसानों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.

19:38 January 03

राजस्थान से हरियाणा सीमा में ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ सैंकड़ों किसानों ने किया प्रवेश, सिंघु बॉर्डर जाने की तैयारी

हरियाणा सीमा में किसानों ने की एंट्री

राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर कई दिनों से किसान संगठन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को भारतीय किसान यूनियन एकता संगठन से जुड़े किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर गए. ये किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जाने की तैयारी में हैं. 

टिकरी बॉर्डर से किसान नेता शिंगारा सिंह मान, मनजीत सिंह, जगदेव सिंह, गुरुप्रीत सिंह लुधियाना के नेतृत्व में किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचे, जहां हरियाणा प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग की हुई थी. पुलिस ने पहले तो किसानों को हरियाणा सीमा में एंट्री से रोक दिया लेकिन बाद में उन्होंने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ उन्हें हरियाणा में एंट्री करने दी. फिलहाल किसान रेवाड़ी के पास बावल में डेरा डाले हुए हैं.

भारतीय किसान यूनियन एकता से जुड़े 1100-1200 किसान 325 ट्रैक्टर, 30 अतिरिक्त ट्रॉलियों, 40 छोटी गाड़ियों, 1 टाटा 407 से टिकरी बॉर्डर से शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचे. पीयूसीएल की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव के नेतृत्व में 30-35 महिलाएं और राजस्थान महिला कामगार यूनियन जयपुर से 30-35 महिलाएं किसानों के समर्थन में शाहजहांपुर पहुंची और किसानों को समर्थन दिया.

कविता श्रीवास्तव ने कहा कि वो 6 जनवरी को अपनी साथी महिलाओं के साथ दिल्ली के लिए निकलेंगे. तब तक वो शाहजहांपुर में ही आंदोलन करेंगे. जीकेस किसान संगठन के रणदीप सिंह राजू के नेतृत्व में लगभग ढाई सौ से अधिक किसान 25-30 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और निजी वाहनों से संगवाड़ी बावल की तरफ गए.

17:18 January 03

आंदोलन का 39वां दिन, किसानों की मौत पर सोनिया गांधी ने जताया दुख

आंदोलन का 39वां दिन, किसानों की मौत पर सोनिया गांधी ने जताया दुख
आंदोलन का 39वां दिन, किसानों की मौत पर सोनिया गांधी ने जताया दुख

12:31 January 03

किसानों के समर्थन में पहुंचे सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट

कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल

जयपुर के शहीद स्मारक पर कांग्रेस 'किसान बचाओ, देश बचाओ' धरना कर रही है. इसमें कई शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने भाग लिया. सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी मौके पर पहुंचे.

10:56 January 03

किसानों के हौसले बुलंद

किसानों के हौसले बुलंद
किसानों के हौसले बुलंद

सिंघू (दिल्ली-हरियाणा) बॉर्डर पर आज सुबह हुई बारिश से बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में जलभराव हुआ. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, बारिश से लंगर, टेंट में पानी चला गया और कपड़े भीग गए, लेकिन फिर भी किसानों के हौसले बुलंद हैं.

10:53 January 03

एक और किसान की मौत 

  • सोनीपत : कुंडली बॉर्डर पर एक और किसान की हुई मौत
  • मृतक कुलबीर गोहाना के गंगाना गांव का रहने वाला था
  • 45 वर्षीय कुलबीर की कुंडली बॉर्डर पर पारकर मॉल के पास हुई मौत
  • परिजनों ने कहा- ठंड से हुई कुलबीर की मौत
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा
  • पुलिस ने शव को सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा
  • सिंघु बॉर्डर पर अभी तक आठ किसानों की हो चुकी है मौत

10:08 January 03

जलभराव को साफ करते प्रदर्शनकारी

जलभराव को साफ करते प्रदर्शनकारी
जलभराव को साफ करते प्रदर्शनकारी

आज सुबह हुई बारिश से गाजीपुर बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल पर हुए जलभराव को प्रदर्शनकारी साफ करते दिखे.  

09:49 January 03

ठंड और बारिश के बीच प्रदर्शन

ठंड और बारिश के बीच प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को अब बरसात की मार झेलनी पड़ रही है. रविवार सुबह आई बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. किसानों द्वारा बनाए गए तम्बुओं में पानी भरने लगा और ओढ़ने के कम्बल भी भींगने लगे. रविवार सुबह दिल्ली एनसीआर में झमा झम बारिश हुई. गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान जहां एक तरफ सर्द भरी हवाओं से जूझ रहे थे, तो वहीं अचानक आई बारिश ने किसानों की समस्याओं को दो गुना बढ़ा दिया.

बॉर्डर पर बैठी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग किसानों को बारिश की माल झेलनी पड़ी. किसानों की व्यवस्थाओं पर बारिश ने पानी फेर दिया. किसान जहां एक तरफ बारिश से कैसे बचा जाए, इसकी तैयारी कर रहा था, तो वहीं बॉर्डर पर खाने की सामग्रियों को भी बचाने के लिए जूझता दिखा.

गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह हुई बारिश के हालातों और किसानों की स्थिति बताते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया, जैसे पहाड़ो पर बारिश का पानी नीचे गिरता है उसी तरह यहां की स्थिति बनी हुई है. किसानों के टेंट यहां लगे हुए हैं. किसान यहां बीते एक महीने से रह रहे हैं. उन्होंने किसानों से अपील की कि जो भी किसान गाजीपुर बॉर्डर पर आएं, वो अपने ट्रैक्टर पर पॉलीथिन, त्रिपाल अन्य सारी चीजें लेकर आएं.

हालांकि जब बारिश थमी तो फिर से लंगर सेवा शुरू हो गई. एक तरफ कुछ प्रदर्शनकारी किसान बारिश से बचने के उपाय तलाश रहे हैं तो वहीं कुछ किसान अन्य किसान भाइयों की सेवा में लगे हुए हैं.

प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि, ये परमात्मा की मर्जी है और किसान अन्नदाता और परमात्मा यही दो शक्ति है. जो अन्नदाता खेतों में काम करता था वह सड़क पर है. सरकार को तुरंत कानूनों को वापस लेना चाहिए और नए वर्ष पर किसानों को शुभकामनाएं देना चाहिए.

हालांकि जिन तंबुओं के पास जल भराव हुआ है नौजवान किसान उनकी निकासी कर रहे है और वाइपर से सड़कों पर कीचड़ निकाल रहे हैं.

07:06 January 03

एक और किसान ने गंवाई जान

किसान कश्मीर लाल
किसान कश्मीर लाल

पंजाब के फाजिल्का के एक गांव में रहने वाले 65 वर्षीय किसान कश्मीर लाल का निधन हो गया है. मृतक के परिवार के एक सदस्य ने कहा कि कश्मीर लाल सिंह 28 दिसंबर को दिल्ली गए थे जहां उन्हें 31 दिसंबर को पहला दिल का दौरा पड़ा था. उन्हें इलाज के लिए बहादुरगढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

डॉक्टरों ने उसके सीने में दर्द की जांच की और उन्हें दवा दी. उन्होंने कहा कि कश्मीर सिंह अगले दिन जलालाबाद में अपने घर लौट आए. घर लौटने के कुछ समय बाद, वह माहमू जोइआ टोल प्लाजा में चल रहे धरने में शामिल हुए. जैसे ही वह रात करीब 8 बजे धरना से घर लौट रहे थे, उन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.  

किसान संगठनों ने कहा कि उन्होंने सरकार से मांग की कि मृतक कश्मीर लाल के परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए और 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

06:36 January 03

किसान आंदोलन जारी

नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनरत है. आज प्रदर्शन का 39वां दिन है. किसान और सरकार के बीच अब तक बात नहीं बन पाई है. 

सरकार के साथ अगले दौर की वार्ता से पहले अल्टीमेटम जारी करते हुए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को जब देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा, तब दिल्ली की ओर ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी.

किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि अब निर्णायक कार्रवाई की घड़ी आ गई है क्योंकि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देने की उनकी मांगों पर अब तक ध्यान नहीं दिया है.

उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर होने वाली परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे.

प्रदर्शन कर रहे करीब 40 किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा, किसान आंदोलन ने भारत सरकार को अल्टीमेटम दिया है और घोषणा की कि किसान 26 जनवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि उनकी प्रस्तावित परेड किसान परेड के नाम से होगी और यह गणतंत्र दिवस परेड के बाद निकाली जाएगी.

गौरतलब है कि सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के बीच अगले दौर की वार्ता चार जनवरी को प्रस्तावित है. संगठनों ने शुक्रवार को कहा था कि अगर बैठक में गतिरोध दूर नहीं हो पाता तो उन्हें सख्त कदम उठाना होगा.

संवाददाता सम्मेलन के बाद किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा कि किसान संगठनों को चार जनवरी को होने वाली बैठक से उम्मीद है, लेकिन वे पिछले अनुभवों के मद्देनजर सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते हैं.

बता दें कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं -सिंघू, टिकरी एवं गाजीपुर- पर गत एक महीने से अधिक समय से केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और अन्य दो मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब एवं हरियाणा के हैं.

किसान संगठनों के नेताओं ने संवाददाताओं से कहा, हम शांतिपूर्वक रहना चाहते हैं और हमने सरकार से बातचीत के दौरान कहा कि उसके पास दो विकल्प है- या तो तीनों कानूनों को रद्द करें या बलपूर्वक हमें (दिल्ली की सीमा पर चल रहे धरनास्थल से) हटाएं. अब निर्णायक कार्रवाई का समय आ गया है और हमने जनता की सर्वोच्चता को प्रदर्शित करने के लिए 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस को चुना है.

पाल ने कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी जाती हैं तो हजारों किसानों के पास 26 जनवरी को अपने ट्रैक्टर, ट्रॉली एवं राष्ट्रीय ध्वज के साथ दिल्ली कूच करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

किसान परेड के समय और मार्ग के बारे में पूछने पर पाल ने कहा कि संगठन बाद में इसकी घोषणा करेंगे.

किसान नेता ने कहा कि उनके कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग के रास्ते छह जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च में कोई बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि यह 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड का पूर्वाभ्यास होगा.

स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार का किसानों की 50 प्रतिशत मांगों को स्वीकार करने का दावा सरासर झूठ है. उन्होंने कहा, हमें अब तक लिखित में कुछ नहीं मिला है.

एक अन्य किसान नेता ने कहा, हम शांतिप्रिय हैं और बने रहेंगे लेकिन दिल्ली की सीमा पर तब तक जमे रहेंगे जब तक नए कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता.

किसानों नेताओं ने स्पष्ट किया कि सरकार के साथ पिछले दौर की हुई वार्ता में किसान आंदोलन की दो छोटी मांगों पर सहमति बनी थी लेकिन उस बारे में भी अब तक लिखित या कानूनी रूप से कुछ नहीं मिला है जबकि प्रमुख मांगों पर अब भी गतिरोध बना हुआ है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा, हमारी मांग तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की है, लेकिन केंद्र ने किसान संगठनों से वैकल्पिक प्रस्ताव के साथ आने को कहा है और इसके जवाब में किसान नेताओं ने कहा कि कानून को वापस लेने का कोई विकल्प नहीं है.

बयान में कहा गया, सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद का कानूनी अधिकार देने की हमारी मांग पर सहमति नहीं जताई है. हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.

किसान नेता बीएस राजेवाल ने रेखांकित करते हुए कहा कि अदालत ने भी कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन व्यक्ति का अधिकार है. उन्होंने कहा, हम यहां संघर्ष के लिए नहीं हैं.

उल्लेखनीय है कि गत बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता के बाद सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बिजली के दामों में बढ़ोतरी एवं पराली जलाने पर जुर्माने के मुद्दों पर सहमति बनी थी, लेकिन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर गतिरोध बना हुआ है.

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, पिछली बैठक में हमने सरकार से सवाल किया कि क्या वह 23 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करेगी. उन्होंने कहा, नहीं. फिर आप देश की जनता को क्यों गलत जानकारी दे रहे हैं.

पढ़ें :- धरनास्थल पर लगाए गए शौचालय में किसान ने लगाई फांसी

किसान नेता अशोक धावले ने कहा, अब तक हमारे प्रदर्शन के दौरान करीब 50 किसान शहीद हो चुके हैं.

आंदोलन के दौरान किसानों की मौत की खबरों पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए विपक्षी दलों ने कहा है कि सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़कर किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, सर्द मौसम में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसान भाइयों की मौत की खबरें विचलित करने वाली हैं. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, अभी तक 57 किसानों की जान जा चुकी है और सैकड़ों बीमार हैं. महीने भर से अपनी जायज मांगों के लिए बैठे किसानों की बातें न मानकर सरकार घोर असंवेदनशीलता का परिचय दे रही है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, निष्ठुर सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़ते हुए तीन काले कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हिंदी में ट्वीट किया, नव वर्ष के पहले दिन ही किसान आंदोलन में गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान की शहादत की ख़बर विचलित करने वाली है. घने कोहरे और ठंड में किसान लगातार अपने जीवन का बलिदान दे रहे हैं लेकिन सत्ताधारी हृदयहीन बने बैठे हैं.

इस बीच कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 75 वर्षीय एक किसान ने शनिवार को सुबह उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर गाजीपुर में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली. स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर के रहने वाले सरदार कश्मीर सिंह ने एक चल शौचालय में रस्सी का इस्तेमाल कर फांसी लगा ली.

इंदिरापुरम के पुलिस उपाधीक्षक अंशु जैन ने बताया कि गुरुमुखी भाषा में लिखा एक सुसाइड नोट उनके पास से मिला है.

21:15 January 03

पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की बैठक से पहले किसानों और पुलिस बीच हाथापाई

पंजाब भाजपा अध्यक्ष अश्विनी शर्मा की बैठक से पहले किसानों ने नेता का विरोध शुरू कर दिया. इस दौरान पुलिस और किसानों के बीच हाथापाई हुई. किसानों ने पुलिस बैरिकेड तोड़ दिए. पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज किया. पंजाब प्रदेश अध्यक्ष अश्विनी शर्मा ने भाजपा की बैठक के खिलाफ किसानों के विरोध पर प्रतिक्रिया दी.

20:49 January 03

किसानों पर हरियाणा पुलिस ने किया लाठीचार्ज

किसानों पर हरियाणा पुलिस ने किया लाठीचार्ज

शाहजहांपुर बॉर्डर से हरियाणा सीमा में प्रवेश करने वाले किसानों पर हरियाणा पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. धारूहेड़ा के पास पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद पुलिस ने किसानों पर लाठीचार्ज करने के साथ ही आंसू गैस के गोले भी छोड़े. किसानों और पुलिस के बीच हुई झड़प के बाद नेशनल हाईवे 48 पर लंबा जाम लग गया है.

बता दे कि 3 दिन से किसान धारूहेड़ा के पास पड़ाव डाले हुए थे. पुलिस उन्हें आगे नहीं जाने दे रही थी. रविवार को सैंकड़ों किसान राजस्थान बॉर्डर से हरियाणा में प्रवेश किए, जिसके बाद उन्हें भी पुलिस ने धारूहेड़ा के पास रोक दिया. इसी बीच हरियाणा पुलिस और किसानों के बीच झड़प हो गई. 

राजस्थान के हनुमानगढ़, श्रीगंगानगर सहित आस-पास के क्षेत्रों के किसान जो जीकेएस से जुड़े हुए थे, उन्होंने 3 दिन पहले राजस्थान हरियाणा बॉर्डर से जबरन हरियाणा में प्रवेश किया था. उन्हें पुलिस ने धारूहेड़ा में रोक दिया था. आज रविवार को भी हरियाणा के टिकरी बॉर्डर से बड़ी संख्या में किसान धारूहेड़ा पहुंचे, जिसके बाद किसानों और हरियाणा पुलिस के बीच झड़प हो गई. 

फिलहाल मौके पर भारी पुलिस बल तैनात है. जीकेएस किसान संगठन के प्रतिनिधि राजू पंजाबी ने कहा कि किसान आंदोलन जारी रखेगा और वो पीछे हटने वाले नहीं हैं. हरियाणा पुलिस की बर्बरता का जवाब शांतिपूर्वक आंदोलन से दिया जाएगा. 

19:47 January 03

राकेश टिकैत का बयान
भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि कल का एजेंडा रहेगा स्वामीनाथन कमेटी की रिपोर्ट, तीन कृषि क़ानूनों की वापसी और एमएसपी पर कानून बने. हम वापस नहीं जाएंगे. अब तक 60 किसान शहीद हो चुके हैं. सरकार को जवाब देना होगा. 

19:45 January 03

मंजीत सिंह राय का बयान
दिल्ली में सिंघू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर किसान नेता मंजीत सिंह राय ने कहा कि आज संगरूर में किसानों पर लाठीचार्ज किया गया. हम इसकी निंदा करते है. हम पंजाब सरकार को अवगत कराते हैं कि आपने अगर किसानों पर लाठीचार्ज बंद नहीं किए तो उनके खिलाफ पंजाब में मोर्चा खोला जाएगा.

19:38 January 03

दिल्ली कूच कर रहे किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले

किसानों पर पुलिस ने दागे आंसू गैस के गोले, देखें वीडियो

जयपुर-दिल्ली नेशनल हाईवे स्थित खेड़ा बॉर्डर से किसानों ने दिल्ली कूच करने की कोशिश की. इस दौरान रेवाड़ी पुलिस ने मसानी ओवरब्रिज के पास किसानों के काफिले को रोक लिया. किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी छोड़े.  

मिली जानकारी के अनुसार खेड़ा बॉर्डर से किसान लगातार दिल्ली कूच करने का प्रयास कर रहे हैं. ये भी बताया गया कि अब तक रेवाड़ी पुलिस ने 200 से ज्यादा आंसू गैस के गोले छोड़े हैं. खेड़ा बॉर्डर पर रेवाड़ी पुलिस और किसानों के बीच तनाव बना हुआ है.

रेवाड़ी पुलिस की यही कोशिश है कि किसी तरह से किसानों को यहीं रोका जाए. किसानों बीते कई दिनों से दिल्ली कूच का प्रयास कर रहे हैं. ये भी बता दें कि इन किसानों में सबसे ज्यादा किसान दक्षिणी हरियाणा और राजस्थान से हैं. फिलहाल तनाव की स्थिति बनी हुई है.  

इससे पहले गुरुवार को भी राजस्थान में किसानों के एक ग्रुप ने राजस्थान-हरियाणा के बॉर्डर शाहजहांपुर में जबरन घुसने की कोशिश की थी. करीब एक दर्जन ट्रैक्टरों ने हरियाणा पुलिस की बैरिकेडिंग तोड़ते हुए हरियाणा में प्रवेश कर लिया था और दिल्ली की तरफ रवाना हो गए थे.

किसानों और पुलिस के बीच संघर्ष के दौरान किसानों को रोकने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले और पानी की बौछार की. हालांकि आंदोलनकारी किसानों पर इसका कोई असर नहीं पड़ा.

19:38 January 03

राजस्थान से हरियाणा सीमा में ट्रैक्टर-ट्रॉली के साथ सैंकड़ों किसानों ने किया प्रवेश, सिंघु बॉर्डर जाने की तैयारी

हरियाणा सीमा में किसानों ने की एंट्री

राजस्थान हरियाणा बॉर्डर पर कई दिनों से किसान संगठन कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. रविवार को भारतीय किसान यूनियन एकता संगठन से जुड़े किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियों के साथ हरियाणा की सीमा में प्रवेश कर गए. ये किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर जाने की तैयारी में हैं. 

टिकरी बॉर्डर से किसान नेता शिंगारा सिंह मान, मनजीत सिंह, जगदेव सिंह, गुरुप्रीत सिंह लुधियाना के नेतृत्व में किसान शाहजहांपुर बॉर्डर पर पहुंचे, जहां हरियाणा प्रशासन की तरफ से बैरिकेडिंग की हुई थी. पुलिस ने पहले तो किसानों को हरियाणा सीमा में एंट्री से रोक दिया लेकिन बाद में उन्होंने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के साथ उन्हें हरियाणा में एंट्री करने दी. फिलहाल किसान रेवाड़ी के पास बावल में डेरा डाले हुए हैं.

भारतीय किसान यूनियन एकता से जुड़े 1100-1200 किसान 325 ट्रैक्टर, 30 अतिरिक्त ट्रॉलियों, 40 छोटी गाड़ियों, 1 टाटा 407 से टिकरी बॉर्डर से शाहजहांपुर हरियाणा बॉर्डर पर पहुंचे. पीयूसीएल की अध्यक्ष कविता श्रीवास्तव के नेतृत्व में 30-35 महिलाएं और राजस्थान महिला कामगार यूनियन जयपुर से 30-35 महिलाएं किसानों के समर्थन में शाहजहांपुर पहुंची और किसानों को समर्थन दिया.

कविता श्रीवास्तव ने कहा कि वो 6 जनवरी को अपनी साथी महिलाओं के साथ दिल्ली के लिए निकलेंगे. तब तक वो शाहजहांपुर में ही आंदोलन करेंगे. जीकेस किसान संगठन के रणदीप सिंह राजू के नेतृत्व में लगभग ढाई सौ से अधिक किसान 25-30 ट्रैक्टर-ट्रॉलियों और निजी वाहनों से संगवाड़ी बावल की तरफ गए.

17:18 January 03

आंदोलन का 39वां दिन, किसानों की मौत पर सोनिया गांधी ने जताया दुख

आंदोलन का 39वां दिन, किसानों की मौत पर सोनिया गांधी ने जताया दुख
आंदोलन का 39वां दिन, किसानों की मौत पर सोनिया गांधी ने जताया दुख

12:31 January 03

किसानों के समर्थन में पहुंचे सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट

कृषि कानूनों के खिलाफ कांग्रेस का हल्ला बोल

जयपुर के शहीद स्मारक पर कांग्रेस 'किसान बचाओ, देश बचाओ' धरना कर रही है. इसमें कई शीर्ष कांग्रेस नेताओं ने भाग लिया. सीएम अशोक गहलोत और सचिन पायलट भी मौके पर पहुंचे.

10:56 January 03

किसानों के हौसले बुलंद

किसानों के हौसले बुलंद
किसानों के हौसले बुलंद

सिंघू (दिल्ली-हरियाणा) बॉर्डर पर आज सुबह हुई बारिश से बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में जलभराव हुआ. एक प्रदर्शनकारी ने बताया, बारिश से लंगर, टेंट में पानी चला गया और कपड़े भीग गए, लेकिन फिर भी किसानों के हौसले बुलंद हैं.

10:53 January 03

एक और किसान की मौत 

  • सोनीपत : कुंडली बॉर्डर पर एक और किसान की हुई मौत
  • मृतक कुलबीर गोहाना के गंगाना गांव का रहने वाला था
  • 45 वर्षीय कुलबीर की कुंडली बॉर्डर पर पारकर मॉल के पास हुई मौत
  • परिजनों ने कहा- ठंड से हुई कुलबीर की मौत
  • पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा
  • पुलिस ने शव को सोनीपत के सिविल हॉस्पिटल में पोस्टमार्टम के लिए भेजा
  • सिंघु बॉर्डर पर अभी तक आठ किसानों की हो चुकी है मौत

10:08 January 03

जलभराव को साफ करते प्रदर्शनकारी

जलभराव को साफ करते प्रदर्शनकारी
जलभराव को साफ करते प्रदर्शनकारी

आज सुबह हुई बारिश से गाजीपुर बॉर्डर के प्रदर्शन स्थल पर हुए जलभराव को प्रदर्शनकारी साफ करते दिखे.  

09:49 January 03

ठंड और बारिश के बीच प्रदर्शन

ठंड और बारिश के बीच प्रदर्शन

कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे किसानों को अब बरसात की मार झेलनी पड़ रही है. रविवार सुबह आई बारिश ने किसानों की परेशानी बढ़ा दी है. किसानों द्वारा बनाए गए तम्बुओं में पानी भरने लगा और ओढ़ने के कम्बल भी भींगने लगे. रविवार सुबह दिल्ली एनसीआर में झमा झम बारिश हुई. गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसान जहां एक तरफ सर्द भरी हवाओं से जूझ रहे थे, तो वहीं अचानक आई बारिश ने किसानों की समस्याओं को दो गुना बढ़ा दिया.

बॉर्डर पर बैठी महिलाओं, बच्चों और बुजुर्ग किसानों को बारिश की माल झेलनी पड़ी. किसानों की व्यवस्थाओं पर बारिश ने पानी फेर दिया. किसान जहां एक तरफ बारिश से कैसे बचा जाए, इसकी तैयारी कर रहा था, तो वहीं बॉर्डर पर खाने की सामग्रियों को भी बचाने के लिए जूझता दिखा.

गाजीपुर बॉर्डर पर सुबह हुई बारिश के हालातों और किसानों की स्थिति बताते हुए भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने बताया, जैसे पहाड़ो पर बारिश का पानी नीचे गिरता है उसी तरह यहां की स्थिति बनी हुई है. किसानों के टेंट यहां लगे हुए हैं. किसान यहां बीते एक महीने से रह रहे हैं. उन्होंने किसानों से अपील की कि जो भी किसान गाजीपुर बॉर्डर पर आएं, वो अपने ट्रैक्टर पर पॉलीथिन, त्रिपाल अन्य सारी चीजें लेकर आएं.

हालांकि जब बारिश थमी तो फिर से लंगर सेवा शुरू हो गई. एक तरफ कुछ प्रदर्शनकारी किसान बारिश से बचने के उपाय तलाश रहे हैं तो वहीं कुछ किसान अन्य किसान भाइयों की सेवा में लगे हुए हैं.

प्रदर्शनकारी किसान ने बताया कि, ये परमात्मा की मर्जी है और किसान अन्नदाता और परमात्मा यही दो शक्ति है. जो अन्नदाता खेतों में काम करता था वह सड़क पर है. सरकार को तुरंत कानूनों को वापस लेना चाहिए और नए वर्ष पर किसानों को शुभकामनाएं देना चाहिए.

हालांकि जिन तंबुओं के पास जल भराव हुआ है नौजवान किसान उनकी निकासी कर रहे है और वाइपर से सड़कों पर कीचड़ निकाल रहे हैं.

07:06 January 03

एक और किसान ने गंवाई जान

किसान कश्मीर लाल
किसान कश्मीर लाल

पंजाब के फाजिल्का के एक गांव में रहने वाले 65 वर्षीय किसान कश्मीर लाल का निधन हो गया है. मृतक के परिवार के एक सदस्य ने कहा कि कश्मीर लाल सिंह 28 दिसंबर को दिल्ली गए थे जहां उन्हें 31 दिसंबर को पहला दिल का दौरा पड़ा था. उन्हें इलाज के लिए बहादुरगढ़ के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

डॉक्टरों ने उसके सीने में दर्द की जांच की और उन्हें दवा दी. उन्होंने कहा कि कश्मीर सिंह अगले दिन जलालाबाद में अपने घर लौट आए. घर लौटने के कुछ समय बाद, वह माहमू जोइआ टोल प्लाजा में चल रहे धरने में शामिल हुए. जैसे ही वह रात करीब 8 बजे धरना से घर लौट रहे थे, उन्हें दूसरा दिल का दौरा पड़ा, जिसके बाद उन्हें एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.  

किसान संगठनों ने कहा कि उन्होंने सरकार से मांग की कि मृतक कश्मीर लाल के परिवार को सरकारी नौकरी दी जाए और 10 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए।

06:36 January 03

किसान आंदोलन जारी

नई दिल्ली : केंद्र के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ किसान आंदोलनरत है. आज प्रदर्शन का 39वां दिन है. किसान और सरकार के बीच अब तक बात नहीं बन पाई है. 

सरकार के साथ अगले दौर की वार्ता से पहले अल्टीमेटम जारी करते हुए प्रदर्शनकारी किसान संगठनों ने कहा कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो 26 जनवरी को जब देश गणतंत्र दिवस मना रहा होगा, तब दिल्ली की ओर ट्रैक्टर परेड निकाली जाएगी.

किसान संगठनों के नेताओं ने कहा कि अब निर्णायक कार्रवाई की घड़ी आ गई है क्योंकि सरकार ने तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी देने की उनकी मांगों पर अब तक ध्यान नहीं दिया है.

उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को ब्रिटिश प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन गणतंत्र दिवस पर राजपथ पर होने वाली परेड में बतौर मुख्य अतिथि शामिल होंगे.

प्रदर्शन कर रहे करीब 40 किसान संघों के संगठन संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा, किसान आंदोलन ने भारत सरकार को अल्टीमेटम दिया है और घोषणा की कि किसान 26 जनवरी को दिल्ली की ओर मार्च करेंगे.

किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि उनकी प्रस्तावित परेड किसान परेड के नाम से होगी और यह गणतंत्र दिवस परेड के बाद निकाली जाएगी.

गौरतलब है कि सरकार और प्रदर्शन कर रहे किसान संगठनों के बीच अगले दौर की वार्ता चार जनवरी को प्रस्तावित है. संगठनों ने शुक्रवार को कहा था कि अगर बैठक में गतिरोध दूर नहीं हो पाता तो उन्हें सख्त कदम उठाना होगा.

संवाददाता सम्मेलन के बाद किसान नेता अभिमन्यु कोहर ने कहा कि किसान संगठनों को चार जनवरी को होने वाली बैठक से उम्मीद है, लेकिन वे पिछले अनुभवों के मद्देनजर सरकार पर भरोसा नहीं कर सकते हैं.

बता दें कि हजारों की संख्या में किसान दिल्ली की सीमाओं -सिंघू, टिकरी एवं गाजीपुर- पर गत एक महीने से अधिक समय से केंद्र के तीन कृषि कानूनों को वापस लेने, फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी देने और अन्य दो मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इनमें अधिकतर किसान पंजाब एवं हरियाणा के हैं.

किसान संगठनों के नेताओं ने संवाददाताओं से कहा, हम शांतिपूर्वक रहना चाहते हैं और हमने सरकार से बातचीत के दौरान कहा कि उसके पास दो विकल्प है- या तो तीनों कानूनों को रद्द करें या बलपूर्वक हमें (दिल्ली की सीमा पर चल रहे धरनास्थल से) हटाएं. अब निर्णायक कार्रवाई का समय आ गया है और हमने जनता की सर्वोच्चता को प्रदर्शित करने के लिए 26 जनवरी, गणतंत्र दिवस को चुना है.

पाल ने कहा कि अगर किसानों की मांगें नहीं मानी जाती हैं तो हजारों किसानों के पास 26 जनवरी को अपने ट्रैक्टर, ट्रॉली एवं राष्ट्रीय ध्वज के साथ दिल्ली कूच करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है.

किसान परेड के समय और मार्ग के बारे में पूछने पर पाल ने कहा कि संगठन बाद में इसकी घोषणा करेंगे.

किसान नेता ने कहा कि उनके कुंडली-मानेसर-पलवल (केएमपी) राजमार्ग के रास्ते छह जनवरी को प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च में कोई बदलाव नहीं आया है. उन्होंने कहा कि यह 26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड का पूर्वाभ्यास होगा.

स्वराज इंडिया के नेता योगेंद्र यादव ने कहा कि सरकार का किसानों की 50 प्रतिशत मांगों को स्वीकार करने का दावा सरासर झूठ है. उन्होंने कहा, हमें अब तक लिखित में कुछ नहीं मिला है.

एक अन्य किसान नेता ने कहा, हम शांतिप्रिय हैं और बने रहेंगे लेकिन दिल्ली की सीमा पर तब तक जमे रहेंगे जब तक नए कृषि कानूनों को वापस नहीं ले लिया जाता.

किसानों नेताओं ने स्पष्ट किया कि सरकार के साथ पिछले दौर की हुई वार्ता में किसान आंदोलन की दो छोटी मांगों पर सहमति बनी थी लेकिन उस बारे में भी अब तक लिखित या कानूनी रूप से कुछ नहीं मिला है जबकि प्रमुख मांगों पर अब भी गतिरोध बना हुआ है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने एक बयान में कहा, हमारी मांग तीन कृषि कानूनों को वापस लेने की है, लेकिन केंद्र ने किसान संगठनों से वैकल्पिक प्रस्ताव के साथ आने को कहा है और इसके जवाब में किसान नेताओं ने कहा कि कानून को वापस लेने का कोई विकल्प नहीं है.

बयान में कहा गया, सरकार ने सैद्धांतिक तौर पर भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद का कानूनी अधिकार देने की हमारी मांग पर सहमति नहीं जताई है. हमारे पास कोई विकल्प नहीं है.

किसान नेता बीएस राजेवाल ने रेखांकित करते हुए कहा कि अदालत ने भी कहा कि शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन व्यक्ति का अधिकार है. उन्होंने कहा, हम यहां संघर्ष के लिए नहीं हैं.

उल्लेखनीय है कि गत बुधवार को छठे दौर की औपचारिक वार्ता के बाद सरकार और प्रदर्शनकारी किसान संगठनों के बीच बिजली के दामों में बढ़ोतरी एवं पराली जलाने पर जुर्माने के मुद्दों पर सहमति बनी थी, लेकिन विवादित कृषि कानूनों को वापस लेने एवं न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी को लेकर गतिरोध बना हुआ है.

किसान नेता गुरनाम सिंह चढूनी ने कहा, पिछली बैठक में हमने सरकार से सवाल किया कि क्या वह 23 फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद करेगी. उन्होंने कहा, नहीं. फिर आप देश की जनता को क्यों गलत जानकारी दे रहे हैं.

पढ़ें :- धरनास्थल पर लगाए गए शौचालय में किसान ने लगाई फांसी

किसान नेता अशोक धावले ने कहा, अब तक हमारे प्रदर्शन के दौरान करीब 50 किसान शहीद हो चुके हैं.

आंदोलन के दौरान किसानों की मौत की खबरों पर सरकार को आड़े हाथ लेते हुए विपक्षी दलों ने कहा है कि सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़कर किसानों की मांगें मान लेनी चाहिए.

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा ने ट्वीट किया, सर्द मौसम में दिल्ली बॉर्डर पर बैठे किसान भाइयों की मौत की खबरें विचलित करने वाली हैं. मीडिया में आई खबरों के मुताबिक, अभी तक 57 किसानों की जान जा चुकी है और सैकड़ों बीमार हैं. महीने भर से अपनी जायज मांगों के लिए बैठे किसानों की बातें न मानकर सरकार घोर असंवेदनशीलता का परिचय दे रही है.

पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, निष्ठुर सरकार को अपना अड़ियल रवैया छोड़ते हुए तीन काले कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए.

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हिंदी में ट्वीट किया, नव वर्ष के पहले दिन ही किसान आंदोलन में गाजीपुर बॉर्डर पर एक किसान की शहादत की ख़बर विचलित करने वाली है. घने कोहरे और ठंड में किसान लगातार अपने जीवन का बलिदान दे रहे हैं लेकिन सत्ताधारी हृदयहीन बने बैठे हैं.

इस बीच कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे 75 वर्षीय एक किसान ने शनिवार को सुबह उत्तर प्रदेश-दिल्ली सीमा पर गाजीपुर में कथित तौर पर खुदकुशी कर ली. स्थानीय पुलिस ने यह जानकारी दी.

उन्होंने बताया कि उत्तर प्रदेश के रामपुर जिले के बिलासपुर के रहने वाले सरदार कश्मीर सिंह ने एक चल शौचालय में रस्सी का इस्तेमाल कर फांसी लगा ली.

इंदिरापुरम के पुलिस उपाधीक्षक अंशु जैन ने बताया कि गुरुमुखी भाषा में लिखा एक सुसाइड नोट उनके पास से मिला है.

Last Updated : Jan 3, 2021, 9:35 PM IST
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