ETV Bharat / bharat

किसान नेता राकेश टिकैत को जान से मारने की धमकी - farmers protest against farm laws

singhu border delhi
राकेश टिकैत
author img

By

Published : Dec 26, 2020, 7:13 AM IST

Updated : Dec 26, 2020, 10:54 PM IST

22:03 December 26

सिंघु बॉर्डर पहुंचे दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव

आज दिल्ली पुलिस के कमिश्नर सिंघु बॉर्डर पर हालात का जायजा लेने के लिए पहुंचे. पहले टिकरी बॉर्डर पर हालात का जायजा लिया और फिर सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने के बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बात की.

हरियाणा पुलिस के अधिकारियों से भी लगातार होती है बात 
मीडिया से बात करते हुए दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि हरियाणा के इलाके में ज्यादातर किसान बैठे हुए हैं और हरियाणा व दिल्ली पुलिस का आपस में कोआर्डिनेशन होता है, समय-समय पर एक दूसरे से बातें होती हैं. वहीं पर न्यू ईयर और 26 जनवरी के कार्यक्रम को देखते हुए बॉर्डर पर फोर्स की तैनाती की गई है, ताकि किसी प्रकार का कोई उपद्रव ना हो. किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन इन सब बातों को देखते हुए बॉर्डर पर पर्याप्त फोर्स है और जरूरत पड़ने पर यहां पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की जाएगी.

सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर लिया हालात का जायजा
अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को आंदोलन के दौरान ड्यूटी पर आ रही समस्याओं के बारे में जाना, साथ ही पुलिस अधिकारियों को अलर्ट करते हुए कहा कि दिल्ली में और आंदोलन करने के लिए किसान नहीं आने चाहिए, जिससे दिल्ली में अव्यवस्था हो सकती है. जवान और किसान दोनों एक दूसरे के सामने मोर्चे पर डटे हुए हैं. लगातार किसान नेताओं के सरकार से बातचीत जारी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकलने की वजह से जवान और किसान एक दूसरे के सामने सर्द रातों में मोर्चे पर खड़े हुए हैं. इसी बावत आज दिल्ली पुलिस के मुख्य एसएन श्रीवास्तव अपने पुलिसकर्मियों के हाल जानने और बॉर्डर का जायजा लेने के लिए दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे है.

बैरिकेडिंग को दुरुस्त रखने के लिए आदेश 
साथ ही सिंघु बॉर्डर की बैरिकेडिंग को और दुरुस्त करने के लिए पुलिस अधिकारियों को आदेश दिए और अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि ड्यूटी के दौरान किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी

21:04 December 26

राकेश टिकैत का बयान

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को अज्ञात नंबर से जान से मारने की धमकी मिली है. इसके बाद कौशांबी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. आपको बता दें कि पिछले 32 दिन से राकेश टिकैत के नेतृत्व में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर किसानों का धरना चल रहा है.

18:31 December 26

एनडीए से अलग हुए हनुमान बेनीवाल, कृषि कानूनों के विरोध में लिया फैसला

हनुमान बेनीवाल का बयान

केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अब 29 दिसंबर को सरकार और किसानों के बीच होने वाली वार्ता के बाद आगे का फैसला लेंगे.

पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना के नेतृत्व में किसानों के साथ हनुमान बेनीवाल ने शाहजहांपुर बॉर्डर की तरफ कदम बढ़ाए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. बेनीवाल ने किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार कहते हैं कि एनडीए हमारा परिवार है, लेकिन अन्य दल उनसे किनारा कर रहे हैं.

बेनीवाल ने कहा कि किसान हितों को देखते हुए मैं किसान का बेटा हूं और किसान के साथ ही रहना चाहूंगा. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि जब लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा यह तीनों बिल पारित किए गए, उस समय उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव दिखाकर उनको बाहर निकाल दिया गया था नहीं तो वह भी बिल को वहीं फाड़ देते. बेनीवाल ने कहा यदि वास्तव में प्रधानमंत्री किसानों के हितैषी हैं तो स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करें. उसी से किसानों का भला हो सकता है नहीं तो कालाबाजारी बढ़ेगी और किसान भूखा मरेगा, जमीनों पर उद्योगपतियों का कब्जा होगा.

17:51 December 26

अगली बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि (Modalities).  

2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान.

3. 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020' में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए रूरी हैं.

4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे में जरूरी बदलाव.

17:34 December 26

29 को कानूनों को हटाने और एमएसपी पर होगी सकती है चर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि केंद्र के साथ अगली बैठक में कानून को हटाने और एमएसपी की गारंटी देने पर चर्चा होगी.

प्रेस को संबोधित करते हुए स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे केंद्र के साथ वार्ता का एक और दौर आयोजित करने का प्रस्ताव दिया हैं.

क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में टोल प्लाजा स्थायी रूप से खुले रहेंगे. 30 दिसंबर को वह सिंघू सीमा से एक ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेंगे. 

17:27 December 26

केंद्र के साथ बैठक करने के लिए किसान राजी, 29 को हो सकती है बैठक

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया गया है कि किसान केंद्र सरकार से बात करेंगे. इसको लेकर उन्होंने कृषि मंत्रालय को पत्र भेज दिया है. 29 दिसंबर को केंद्र और किसनों के बीच अगली बैठक हो सकती है.

16:29 December 26

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक जारी, सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय आज

farmers protest against farm laws
किसान संगठनों की बैठक

मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक सिंघु बॉर्डर के निकट कुंडली में जारी है. प्राप्त सूचना के मुताबिक चालीस से ज्यादा किसान संगठनों के नेता इस बैठक में शामिल हैं जो सरकार द्वारा बीते 24 दिसंबर को भेजे गए पत्र और प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं. आज शाम 5 बजे के बाद आंदोलनरत मोर्चा सरकार के बातचीत फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर अपना निर्णय दे सकता है. 

15:29 December 26

farmers protest against farm laws
प्रियंका गांधी

किसानों के समर्थन में कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से किसानों के समर्थन में आवाज उठाने की अपील की. 

14:22 December 26

विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बाॅर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल हुआ. संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं. इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्यम वर्ग पर पड़ेगा.

14:18 December 26

किसानों ने नेशनल हाईवे 9 को आज फिर दूसरी तरफ से भी जाम किया

दिल्ली की आवाजाही बंद

दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद बॉर्डर पर बैठे किसानों ने नेशनल हाईवे 9 को आज फिर दूसरी तरफ से भी जाम कर दिया है. जिसकी वजह से दिल्ली से आने वाले ट्रैफिक को गाजीपुर से आनंद विहार की तरफ डायवर्ट करना पड़ा है. किसानों का कहना है कि उनके ट्रैक्टर ट्रॉली बॉर्डर पर नहीं आने दिए जा रहे हैं. उत्तराखंड और यूपी के कई हिस्सों में ट्रैक्टर ट्रॉली को रोका जा रहा है. जिसके चलते युवा किसान काफी गुस्से में हैं.
किसानों का कहना है कि उनका राष्ट्रीय नेतृत्व में जो फैसला करेगा,उस आदेश तक नेशनल हाईवे 9 को दोनों तरफ से बंद रखा जाएगा. उनका कहना है कि पहले भी यह मांग उठ चुकी है कि ट्रैक्टरों को ना रोका जाए. पुलिस लगातार ट्रैक्टरों को रोक रही है, ताकि बॉर्डर पर वह ना पहुंच पाएं. इसके चलते किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अगर यही हालात रहे तो दूसरे रास्तों को रोकने पर भी विचार किया जाएगा. 

दिल्ली की आवाजाही बंद
इससे पहले लगातार किसान गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाले रास्ते को ब्लॉक कर के बैठे हुए हैं. लेकिन समय-समय पर वह दिल्ली से आने वाले रास्ते को भी नेशनल हाईवे पर बंद कर देते हैं. जिसका नतीजा आज यह हुआ है कि दोनों तरफ का ट्रैफिक ब्लॉक हो गया है. जो लोग दिल्ली से गाजियाबाद आ रहे हैं उनको आनंद विहार से घूमकर मोहन नगर होते हुए शहर के रास्ते से जाना पड़ रहा है. हालांकि किसानों ने किसी एंबुलेंस और इमरजेंसी वाहनों को नहीं रोका.

13:39 December 26

बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे

निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे
निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे

कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे हुए हैं।

13:38 December 26

हम यही बैठे रहेंगे..चाहें 1 साल या उससे अधिक समय लग जाएं : किसान

हम यही बैठे रहेंगे..
हम यही बैठे रहेंगे..

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, एक प्रदर्शनकारी ने बताया जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यही बैठे रहेंगे..चाहें 1 साल या उससे अधिक समय लग जाएं.

13:36 December 26

गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन जारी

गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन जारी
गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन जारी

गाज़ीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर की तरह दूसरा टेंट सिटी तैयार किया गया.

13:34 December 26

एक महीने से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

एक महीने से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी
एक महीने से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

 बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला ने बताया हमें यहां आज पूरा एक महीना हो गया है. सरकार इन कानूनों को रद्द कर दे और हम वापस चले जाएंगे.

13:32 December 26

किसान अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे है

आप नेता राघव चड्ढा ने कहा बीते 31 दिनों से देश का अन्नदाता दिल्ली के दरवाजे पर बैठा है और अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे है भाजपा सरकार का इस समय एक ही लक्ष्य है कि किसानों को निराश करो, थका दो और भगा दो.

13:23 December 26

टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत

 टिकरी बॉर्डर पर एक और युवा किसान की मौत हो गई है. बता दे किसान कैथल के सेरधा गांव निवासी था. किसान का अंतिम संस्कार आज सेरधा गांव में किया जाएगा.

13:21 December 26

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बीते 30 दिनों से से किसान आंदोलन जारी है और बॉर्डर पर लगातार एक महीने से आंदोलन के दौरान किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है. बॉर्डर पर तरह-तरह के लंगर लगातार चल रहे हैं और किसानों के साथ-साथ आसपास के इलाके के लोग भी लंगर का मजा उठा रहे हैं.

बच्चों की डिमांड पर लगाया पिज्जा लंगर

बॉर्डर पर बच्चों की डिमांड को देखते हुए पिज्जा लंगर लगा हुआ है. लंगर के संचालक गुरलियाकत सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि यहां बीते एक सप्ताह से पिज्जा लंगर चल रहा है. बॉर्डर पर हजारों लंगर चल रहे हैं हर 10 मीटर पर लंगर की व्यवस्था है. आंदोलन में आए किसानों के छोटे-छोटे बच्चों की डिमांड थी कि लंगर में बच्चों को पिज्जा भी चाहिए तो गुरलियाकत सिंह ने अपनी संस्था के माध्यम से बॉर्डर पर पिज्जा लंगर की व्यवस्था भी कराई. लंगर में सेवादार पूरी श्रद्धा और साफ-सफाई के साथ पिज्जा बना रहे हैं. पहले मैदा का बेस तैयार किया जाता है फिर चीज म्योनीज और सॉस लगाकर उसके ऊपर सब्जी डाली जाती है. मशीन में इसे तैयार कर बाहर लोगों और बच्चों को दिया जाता है.

झुग्गी बस्ती के बच्चे भी उठा रहे हैं पिज्जा का लुफ्त
गुरलियाकत का सिंह का कहना है कि यह आंदोलन पिछले एक महीने से चल रहा है और किसान यहां पर शांतिपूर्ण ढंग से अपना प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार किसानों की मांग नहीं मान रही है और यह आंदोलन ऐसे ही लंबे समय तक चलता रहेगा. साथ ही बॉर्डर पर चलने वाले लंगरों के बारे में बताया कि जब तक किसान आंदोलन बॉर्डर पर चलेगा तब तक यह लंगर भी इसी तरह व्यवस्थित तरीके से चलते रहेंगे. बॉर्डर पर पिज्जा अब शुरू हो चुका है और आंदोलन के खत्म होने के साथ ही यहां से समाप्त किया जाएगा. अब इस पिज्जा लंगर का लुफ्त झुग्गी बस्ती के बच्चे भी उठा रहे हैं.

07:04 December 26

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

नई दिल्ली : केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने बातचीत के लिए सरकार की नई पेशकश पर विचार के लिए शुक्रवार को बैठक की. संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं.

यूनियनों ने कहा कि शनिवार को उनकी एक और बैठक होगी जिसमें ठहरी हुयी बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा.

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है.

प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं में से एक ने नाम उजागर नहीं करने की इच्छा के साथ कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की उनकी मांग बनी रहेगी.

उन्होंने कहा, 'केंद्र के पत्र पर फैसला करने के लिए कल हमारी एक और बैठक होगी. उस बैठक में, हम सरकार के साथ बातचीत फिर शुरू करने का फैसला कर सकते हैं क्योंकि उसके पिछले पत्रों से प्रतीत होता है कि वह अब तक हमारे मुद्दों को नहीं समझ पाया है.'

उन्होंने कहा कि सरकार के पत्रों में कोई प्रस्ताव नहीं है और यही वजह है कि किसान संगठन नए सिरे से बातचीत करने और उन्हें अपनी मांगों को समझाने का फैसला कर सकते हैं.

एक अन्य नेता ने कहा, 'एमएसपी को इन तीन कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग से अलग नहीं किया जा सकता है. इन कानूनों में, निजी मंडियों का जिक्र किया गया है. यह कौन सुनिश्चित करेगा कि हमारी फसल तय एमएसपी पर बेची जाए अगर यह नहीं है?'

कई किसान यूनियनों की शुक्रवार को बैठक हुई लेकिन केंद्र के ताजा पत्र को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका.

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने विरोध कर रहे किसान यूनियनों को गुरुवार को एक पत्र लिखा और उन्हें नए सिरे से बातचीत के लिए आमंत्रित किया.

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने शुक्रवार को केंद्र से मांग की कि वह ट्रेनों की व्यवस्था करे जिससे देश के विभिन्न हिस्सों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों तक पहुंच सकें. समिति ने कहा कि वे सभी किसानों के टिकटों के खर्च का भुगतान करने के लिए तैयार हैं.

22:03 December 26

सिंघु बॉर्डर पहुंचे दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव

आज दिल्ली पुलिस के कमिश्नर सिंघु बॉर्डर पर हालात का जायजा लेने के लिए पहुंचे. पहले टिकरी बॉर्डर पर हालात का जायजा लिया और फिर सिंघु बॉर्डर पर पहुंचने के बाद उन्होंने पुलिस अधिकारियों से बात की.

हरियाणा पुलिस के अधिकारियों से भी लगातार होती है बात 
मीडिया से बात करते हुए दिल्ली पुलिस के कमिश्नर एसएन श्रीवास्तव ने कहा कि हरियाणा के इलाके में ज्यादातर किसान बैठे हुए हैं और हरियाणा व दिल्ली पुलिस का आपस में कोआर्डिनेशन होता है, समय-समय पर एक दूसरे से बातें होती हैं. वहीं पर न्यू ईयर और 26 जनवरी के कार्यक्रम को देखते हुए बॉर्डर पर फोर्स की तैनाती की गई है, ताकि किसी प्रकार का कोई उपद्रव ना हो. किसानों की संख्या लगातार बढ़ रही है लेकिन इन सब बातों को देखते हुए बॉर्डर पर पर्याप्त फोर्स है और जरूरत पड़ने पर यहां पर अतिरिक्त पुलिस बल की तैनाती भी की जाएगी.

सिंघु बॉर्डर पर पहुंचकर लिया हालात का जायजा
अधिकारियों और पुलिसकर्मियों को आंदोलन के दौरान ड्यूटी पर आ रही समस्याओं के बारे में जाना, साथ ही पुलिस अधिकारियों को अलर्ट करते हुए कहा कि दिल्ली में और आंदोलन करने के लिए किसान नहीं आने चाहिए, जिससे दिल्ली में अव्यवस्था हो सकती है. जवान और किसान दोनों एक दूसरे के सामने मोर्चे पर डटे हुए हैं. लगातार किसान नेताओं के सरकार से बातचीत जारी है, लेकिन अभी तक कोई नतीजा नहीं निकलने की वजह से जवान और किसान एक दूसरे के सामने सर्द रातों में मोर्चे पर खड़े हुए हैं. इसी बावत आज दिल्ली पुलिस के मुख्य एसएन श्रीवास्तव अपने पुलिसकर्मियों के हाल जानने और बॉर्डर का जायजा लेने के लिए दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर पहुंचे है.

बैरिकेडिंग को दुरुस्त रखने के लिए आदेश 
साथ ही सिंघु बॉर्डर की बैरिकेडिंग को और दुरुस्त करने के लिए पुलिस अधिकारियों को आदेश दिए और अधिकारियों को चेताते हुए कहा कि ड्यूटी के दौरान किसी प्रकार की कोताही नहीं बरती जाएगी

21:04 December 26

राकेश टिकैत का बयान

भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत को अज्ञात नंबर से जान से मारने की धमकी मिली है. इसके बाद कौशांबी थाने में एफआईआर दर्ज की गई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है. आपको बता दें कि पिछले 32 दिन से राकेश टिकैत के नेतृत्व में दिल्ली और उत्तर प्रदेश की सीमा पर किसानों का धरना चल रहा है.

18:31 December 26

एनडीए से अलग हुए हनुमान बेनीवाल, कृषि कानूनों के विरोध में लिया फैसला

हनुमान बेनीवाल का बयान

केंद्र सरकार के तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग को लेकर दिल्ली के सिंघू बॉर्डर पर जारी किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के संयोजक हनुमान बेनीवाल ने एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अब 29 दिसंबर को सरकार और किसानों के बीच होने वाली वार्ता के बाद आगे का फैसला लेंगे.

पूर्व संसदीय सचिव रामस्वरूप कसाना के नेतृत्व में किसानों के साथ हनुमान बेनीवाल ने शाहजहांपुर बॉर्डर की तरफ कदम बढ़ाए. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार किसानों के साथ अन्याय कर रही है. बेनीवाल ने किसान आंदोलन को समर्थन देते हुए एनडीए से अलग होने का एलान कर दिया. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री बार-बार कहते हैं कि एनडीए हमारा परिवार है, लेकिन अन्य दल उनसे किनारा कर रहे हैं.

बेनीवाल ने कहा कि किसान हितों को देखते हुए मैं किसान का बेटा हूं और किसान के साथ ही रहना चाहूंगा. बेनीवाल ने आरोप लगाया कि जब लोकसभा में केंद्र सरकार द्वारा यह तीनों बिल पारित किए गए, उस समय उनकी कोरोना रिपोर्ट पॉजिटिव दिखाकर उनको बाहर निकाल दिया गया था नहीं तो वह भी बिल को वहीं फाड़ देते. बेनीवाल ने कहा यदि वास्तव में प्रधानमंत्री किसानों के हितैषी हैं तो स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करें. उसी से किसानों का भला हो सकता है नहीं तो कालाबाजारी बढ़ेगी और किसान भूखा मरेगा, जमीनों पर उद्योगपतियों का कब्जा होगा.

17:51 December 26

अगली बैठक में इन मुद्दों पर होगी चर्चा

1. तीन केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द/निरस्त करने के लिए अपनाए जाने वाली क्रियाविधि (Modalities).  

2. सभी किसानों और कृषि वस्तुओं के लिए राष्ट्रीय किसान आयोग द्वारा सुझाए लाभदायक MSP पर खरीद की कानूनी गारंटी देने की प्रक्रिया और प्रावधान.

3. 'राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र और आसपास के क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए आयोग अध्यादेश, 2020' में ऐसे संशोधन जो अध्यादेश के दंड प्रावधानों से किसानों को बाहर करने के लिए रूरी हैं.

4. किसानों के हितों की रक्षा के लिए 'विद्युत संशोधन विधेयक 2020' के मसौदे में जरूरी बदलाव.

17:34 December 26

29 को कानूनों को हटाने और एमएसपी पर होगी सकती है चर्चा

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने बताया कि केंद्र के साथ अगली बैठक में कानून को हटाने और एमएसपी की गारंटी देने पर चर्चा होगी.

प्रेस को संबोधित करते हुए स्वराज इंडिया के योगेंद्र यादव ने कहा कि उन्होंने 29 दिसंबर को सुबह 11 बजे केंद्र के साथ वार्ता का एक और दौर आयोजित करने का प्रस्ताव दिया हैं.

क्रांतिकारी किसान यूनियन के अध्यक्ष दर्शन पाल ने कहा कि पंजाब और हरियाणा में टोल प्लाजा स्थायी रूप से खुले रहेंगे. 30 दिसंबर को वह सिंघू सीमा से एक ट्रैक्टर मार्च का आयोजन करेंगे. 

17:27 December 26

केंद्र के साथ बैठक करने के लिए किसान राजी, 29 को हो सकती है बैठक

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में निर्णय लिया गया है कि किसान केंद्र सरकार से बात करेंगे. इसको लेकर उन्होंने कृषि मंत्रालय को पत्र भेज दिया है. 29 दिसंबर को केंद्र और किसनों के बीच अगली बैठक हो सकती है.

16:29 December 26

संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक जारी, सरकार के प्रस्ताव पर निर्णय आज

farmers protest against farm laws
किसान संगठनों की बैठक

मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के विरोध में दिल्ली की सीमा पर आंदोलन कर रहे किसान संगठनों के संयुक्त किसान मोर्चे की बैठक सिंघु बॉर्डर के निकट कुंडली में जारी है. प्राप्त सूचना के मुताबिक चालीस से ज्यादा किसान संगठनों के नेता इस बैठक में शामिल हैं जो सरकार द्वारा बीते 24 दिसंबर को भेजे गए पत्र और प्रस्ताव पर चर्चा कर रहे हैं. आज शाम 5 बजे के बाद आंदोलनरत मोर्चा सरकार के बातचीत फिर से शुरू करने के प्रस्ताव पर अपना निर्णय दे सकता है. 

15:29 December 26

farmers protest against farm laws
प्रियंका गांधी

किसानों के समर्थन में कांग्रेस की प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया. उन्होंने ट्वीट कर कांग्रेस के कार्यकर्ताओं से किसानों के समर्थन में आवाज उठाने की अपील की. 

14:22 December 26

विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल

कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बाॅर्डर पर चल रहे विरोध प्रदर्शन में राजस्थान शिक्षक संघ शामिल हुआ. संगठन के एक प्रतिनिधि ने बताया हमारे संगठन ने सरकार के खिलाफ राजस्थान में जगह-जगह प्रदर्शन किए हैं. इन कानूनों का प्रभाव पूरे मध्यम वर्ग पर पड़ेगा.

14:18 December 26

किसानों ने नेशनल हाईवे 9 को आज फिर दूसरी तरफ से भी जाम किया

दिल्ली की आवाजाही बंद

दिल्ली से सटे जनपद गाजियाबाद बॉर्डर पर बैठे किसानों ने नेशनल हाईवे 9 को आज फिर दूसरी तरफ से भी जाम कर दिया है. जिसकी वजह से दिल्ली से आने वाले ट्रैफिक को गाजीपुर से आनंद विहार की तरफ डायवर्ट करना पड़ा है. किसानों का कहना है कि उनके ट्रैक्टर ट्रॉली बॉर्डर पर नहीं आने दिए जा रहे हैं. उत्तराखंड और यूपी के कई हिस्सों में ट्रैक्टर ट्रॉली को रोका जा रहा है. जिसके चलते युवा किसान काफी गुस्से में हैं.
किसानों का कहना है कि उनका राष्ट्रीय नेतृत्व में जो फैसला करेगा,उस आदेश तक नेशनल हाईवे 9 को दोनों तरफ से बंद रखा जाएगा. उनका कहना है कि पहले भी यह मांग उठ चुकी है कि ट्रैक्टरों को ना रोका जाए. पुलिस लगातार ट्रैक्टरों को रोक रही है, ताकि बॉर्डर पर वह ना पहुंच पाएं. इसके चलते किसानों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है. अगर यही हालात रहे तो दूसरे रास्तों को रोकने पर भी विचार किया जाएगा. 

दिल्ली की आवाजाही बंद
इससे पहले लगातार किसान गाजियाबाद से दिल्ली की तरफ जाने वाले रास्ते को ब्लॉक कर के बैठे हुए हैं. लेकिन समय-समय पर वह दिल्ली से आने वाले रास्ते को भी नेशनल हाईवे पर बंद कर देते हैं. जिसका नतीजा आज यह हुआ है कि दोनों तरफ का ट्रैफिक ब्लॉक हो गया है. जो लोग दिल्ली से गाजियाबाद आ रहे हैं उनको आनंद विहार से घूमकर मोहन नगर होते हुए शहर के रास्ते से जाना पड़ रहा है. हालांकि किसानों ने किसी एंबुलेंस और इमरजेंसी वाहनों को नहीं रोका.

13:39 December 26

बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे

निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे
निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे

कृषि कानूनों के खिलाफ बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में किसान अभी भी डटे हुए हैं।

13:38 December 26

हम यही बैठे रहेंगे..चाहें 1 साल या उससे अधिक समय लग जाएं : किसान

हम यही बैठे रहेंगे..
हम यही बैठे रहेंगे..

कृषि कानूनों के खिलाफ टिकरी बॉर्डर (दिल्ली-हरियाणा बॉर्डर) पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है, एक प्रदर्शनकारी ने बताया जब तक कृषि कानूनों को रद्द नहीं किया जाता तब तक हम यही बैठे रहेंगे..चाहें 1 साल या उससे अधिक समय लग जाएं.

13:36 December 26

गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन जारी

गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन जारी
गाजीपुर बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन जारी

गाज़ीपुर (दिल्ली-यूपी) बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों के लिए सिंघु बॉर्डर की तरह दूसरा टेंट सिटी तैयार किया गया.

13:34 December 26

एक महीने से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

एक महीने से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी
एक महीने से किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी

 बुराड़ी के निरंकारी समागम ग्राउंड में कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. भारतीय किसान यूनियन के बिंदर सिंह गोलेवाला ने बताया हमें यहां आज पूरा एक महीना हो गया है. सरकार इन कानूनों को रद्द कर दे और हम वापस चले जाएंगे.

13:32 December 26

किसान अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे है

आप नेता राघव चड्ढा ने कहा बीते 31 दिनों से देश का अन्नदाता दिल्ली के दरवाजे पर बैठा है और अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे है भाजपा सरकार का इस समय एक ही लक्ष्य है कि किसानों को निराश करो, थका दो और भगा दो.

13:23 December 26

टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान की मौत

 टिकरी बॉर्डर पर एक और युवा किसान की मौत हो गई है. बता दे किसान कैथल के सेरधा गांव निवासी था. किसान का अंतिम संस्कार आज सेरधा गांव में किया जाएगा.

13:21 December 26

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर किसान आंदोलन जारी

दिल्ली के सिंघु बॉर्डर पर बीते 30 दिनों से से किसान आंदोलन जारी है और बॉर्डर पर लगातार एक महीने से आंदोलन के दौरान किसानों के लिए लंगर की व्यवस्था की गई है. बॉर्डर पर तरह-तरह के लंगर लगातार चल रहे हैं और किसानों के साथ-साथ आसपास के इलाके के लोग भी लंगर का मजा उठा रहे हैं.

बच्चों की डिमांड पर लगाया पिज्जा लंगर

बॉर्डर पर बच्चों की डिमांड को देखते हुए पिज्जा लंगर लगा हुआ है. लंगर के संचालक गुरलियाकत सिंह ने ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान बताया कि यहां बीते एक सप्ताह से पिज्जा लंगर चल रहा है. बॉर्डर पर हजारों लंगर चल रहे हैं हर 10 मीटर पर लंगर की व्यवस्था है. आंदोलन में आए किसानों के छोटे-छोटे बच्चों की डिमांड थी कि लंगर में बच्चों को पिज्जा भी चाहिए तो गुरलियाकत सिंह ने अपनी संस्था के माध्यम से बॉर्डर पर पिज्जा लंगर की व्यवस्था भी कराई. लंगर में सेवादार पूरी श्रद्धा और साफ-सफाई के साथ पिज्जा बना रहे हैं. पहले मैदा का बेस तैयार किया जाता है फिर चीज म्योनीज और सॉस लगाकर उसके ऊपर सब्जी डाली जाती है. मशीन में इसे तैयार कर बाहर लोगों और बच्चों को दिया जाता है.

झुग्गी बस्ती के बच्चे भी उठा रहे हैं पिज्जा का लुफ्त
गुरलियाकत का सिंह का कहना है कि यह आंदोलन पिछले एक महीने से चल रहा है और किसान यहां पर शांतिपूर्ण ढंग से अपना प्रदर्शन कर रहे हैं. सरकार किसानों की मांग नहीं मान रही है और यह आंदोलन ऐसे ही लंबे समय तक चलता रहेगा. साथ ही बॉर्डर पर चलने वाले लंगरों के बारे में बताया कि जब तक किसान आंदोलन बॉर्डर पर चलेगा तब तक यह लंगर भी इसी तरह व्यवस्थित तरीके से चलते रहेंगे. बॉर्डर पर पिज्जा अब शुरू हो चुका है और आंदोलन के खत्म होने के साथ ही यहां से समाप्त किया जाएगा. अब इस पिज्जा लंगर का लुफ्त झुग्गी बस्ती के बच्चे भी उठा रहे हैं.

07:04 December 26

किसान आंदोलन लाइव अपडेट

नई दिल्ली : केंद्र के नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान यूनियनों ने बातचीत के लिए सरकार की नई पेशकश पर विचार के लिए शुक्रवार को बैठक की. संगठनों में से कुछ ने संकेत दिया कि वे मौजूदा गतिरोध का हल खोजने के लिए केंद्र के साथ बातचीत फिर से शुरू करने का फैसला कर सकते हैं.

यूनियनों ने कहा कि शनिवार को उनकी एक और बैठक होगी जिसमें ठहरी हुयी बातचीत को फिर से शुरू करने के लिए केंद्र के न्यौते पर कोई औपचारिक फैसला किया जाएगा.

केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के एक अधिकारी ने भी कहा कि सरकार को उम्मीद है कि अगले दौर की बैठक दो-तीन दिनों में हो सकती है.

प्रदर्शन कर रहे किसान नेताओं में से एक ने नाम उजागर नहीं करने की इच्छा के साथ कहा कि न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर कानूनी गारंटी की उनकी मांग बनी रहेगी.

उन्होंने कहा, 'केंद्र के पत्र पर फैसला करने के लिए कल हमारी एक और बैठक होगी. उस बैठक में, हम सरकार के साथ बातचीत फिर शुरू करने का फैसला कर सकते हैं क्योंकि उसके पिछले पत्रों से प्रतीत होता है कि वह अब तक हमारे मुद्दों को नहीं समझ पाया है.'

उन्होंने कहा कि सरकार के पत्रों में कोई प्रस्ताव नहीं है और यही वजह है कि किसान संगठन नए सिरे से बातचीत करने और उन्हें अपनी मांगों को समझाने का फैसला कर सकते हैं.

एक अन्य नेता ने कहा, 'एमएसपी को इन तीन कानूनों को वापस लेने की हमारी मांग से अलग नहीं किया जा सकता है. इन कानूनों में, निजी मंडियों का जिक्र किया गया है. यह कौन सुनिश्चित करेगा कि हमारी फसल तय एमएसपी पर बेची जाए अगर यह नहीं है?'

कई किसान यूनियनों की शुक्रवार को बैठक हुई लेकिन केंद्र के ताजा पत्र को लेकर कोई फैसला नहीं हो सका.

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल ने विरोध कर रहे किसान यूनियनों को गुरुवार को एक पत्र लिखा और उन्हें नए सिरे से बातचीत के लिए आमंत्रित किया.

अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति ने शुक्रवार को केंद्र से मांग की कि वह ट्रेनों की व्यवस्था करे जिससे देश के विभिन्न हिस्सों से किसान दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे विरोध प्रदर्शनों तक पहुंच सकें. समिति ने कहा कि वे सभी किसानों के टिकटों के खर्च का भुगतान करने के लिए तैयार हैं.

Last Updated : Dec 26, 2020, 10:54 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.