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जेएनयू वीसी की नियुक्ति पर किसान संगठन नाराज

जेएनयू की नई वीसी प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित बनाई गई हैं. किसान संगठनों ने इस पर नाराजगी व्यक्ति की है. किसान नेता योगेंद्र यादव ने इस संबंध में ट्वीट किया है. अभिजीत ठाकुर की रिपोर्ट.

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जेएनयू वीसी की नियुक्ति पर किसान संगठन नाराज
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Published : Feb 7, 2022, 5:56 PM IST

नई दिल्ली : किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की नई कुलपति के रूप में प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित (Santishree Dhulipudi Pandit) की नियुक्ति की निंदा की. कुलपति की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. हालांकि कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन एसकेएम और अन्य किसान नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी.

शांतिश्री सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय की कुलपति रही हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार कोई महिला कुलपति बनी है.किसान आंदोलन की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर उन्होंने राय व्यक्त की थी, जिसे लेकर किसान संगठन खफा थे.

जैसे ही प्रतिष्ठित जेएनयू की नई कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति की खबर आई, एसकेएम ने नियुक्ति पर टिप्पणी की. सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ प्रतिक्रिया दी.

एसकेएम नेता योगेंद्र यादव ने पंडित के पुराने ट्वीट्स को साझा करते हुए ट्वीट किया जेएनयू की नए वीसी का परिचय - स्पष्ट रूप से अपने छात्रों और फैकल्टी के लिए छात्रवृत्ति का एक आदर्श मॉडल. एसकेएम के आधिकारिक हैंडल ने भी कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी.

शिक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि शांतिश्री धूलिपुडी पंडित को राष्ट्रपति ने पांच साल की अवधि के लिए जेएनयू के वीसी के रूप में नियुक्त किया है. नियुक्ति एम जगदीश कुमार के बाद हुई है, पूर्व वीसी को पिछले सप्ताह यूजीसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने हाल ही में अपना पांच साल का कार्यकाल भी पूरा किया है.

पढ़ें- प्रो. शांतिश्री पंडित बनी जेएनयू की नई कुलपति, रह चुकी हैं जेएनयू की छात्रा

नई दिल्ली : किसान संगठन संयुक्त किसान मोर्चा (Samyukt Kisan Morcha) ने सोमवार को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) की नई कुलपति के रूप में प्रोफेसर शांतिश्री धूलिपुड़ी पंडित (Santishree Dhulipudi Pandit) की नियुक्ति की निंदा की. कुलपति की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है. हालांकि कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है, लेकिन एसकेएम और अन्य किसान नेताओं ने इस पर प्रतिक्रिया दी.

शांतिश्री सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय की कुलपति रही हैं. जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इतिहास में पहली बार कोई महिला कुलपति बनी है.किसान आंदोलन की आलोचना करते हुए सोशल मीडिया पर उन्होंने राय व्यक्त की थी, जिसे लेकर किसान संगठन खफा थे.

जैसे ही प्रतिष्ठित जेएनयू की नई कुलपति के रूप में उनकी नियुक्ति की खबर आई, एसकेएम ने नियुक्ति पर टिप्पणी की. सोशल मीडिया पर उनके ट्वीट के स्क्रीनशॉट के साथ प्रतिक्रिया दी.

एसकेएम नेता योगेंद्र यादव ने पंडित के पुराने ट्वीट्स को साझा करते हुए ट्वीट किया जेएनयू की नए वीसी का परिचय - स्पष्ट रूप से अपने छात्रों और फैकल्टी के लिए छात्रवृत्ति का एक आदर्श मॉडल. एसकेएम के आधिकारिक हैंडल ने भी कुछ ऐसी ही प्रतिक्रिया दी.

शिक्षा मंत्रालय की ओर से बताया गया है कि शांतिश्री धूलिपुडी पंडित को राष्ट्रपति ने पांच साल की अवधि के लिए जेएनयू के वीसी के रूप में नियुक्त किया है. नियुक्ति एम जगदीश कुमार के बाद हुई है, पूर्व वीसी को पिछले सप्ताह यूजीसी के अध्यक्ष के रूप में नियुक्त किया गया था. उन्होंने हाल ही में अपना पांच साल का कार्यकाल भी पूरा किया है.

पढ़ें- प्रो. शांतिश्री पंडित बनी जेएनयू की नई कुलपति, रह चुकी हैं जेएनयू की छात्रा

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