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जिस प्रोफेसर ने लौटाई थी तीन साल की सैलरी उसने मांगी माफी, जानें क्या लिखा - ETV Bharat Bihar News

मुजफ्फरपुर में सैलरी लौटाने वाले चर्चित प्रोफेसर ललन कुमार ने अपने कॉलेज के प्रिंसिपल को पत्र लिखकर मांफी मांग ली (Professor Lalan Kumar Apologizes to College Principal) है. उन्होंने माफीनामा में कहा है कि भावावेश में उन्होंने ऐसा किया. पढे़ं पूरी खबर..

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Published : Jul 8, 2022, 10:56 PM IST

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्परपुर जिले के सैलरी लौटाने वाले नीतिश्वर सिंह कॉलेज के चर्चित प्रोफेसर ललन कुमार (Muzaffarpur Assistant Professor Dr Lalan Kumar) ने कॉलेज के प्रिंसिपल को लिखित आवेदन देकर माफी मांग ली है. कॉलेज में पढ़ाई ना होने का आरोप लगाते हुए 24 लाख रुपये लौटाने वाले प्रोफेसर ने कहा कि उन्होंने भावावेश में ये कदम उठाया था, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि उन्होंने गलत फैसला लिया था. प्रोफेसर ललन कुमार ने लिखित माफीनामा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मनोज कुमार द्वारा अग्रसरित कराते हुए यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ आरके ठाकुर को भेजा है.

ये भी पढ़ें-बिहार : नहीं हुआ एक भी क्लास तो प्रोफेसर ने लौटा दी पूरे 3 साल की सैलरी

प्रोफेसर ललन कुमार ने सौंपा माफीनामा: कॉलेज के प्रिंसिपल ने प्रोफेसर के माफीनामा को कुलसचिव को सौंप दिए हैं. इस माफीनामे में प्रोफेसर ललन ने लिखा है कि '6 बार प्रयास के बावजूद ट्रांसफर नहीं होने पर उन्होंने भावावेश में फैसला ले लिया था.' उन्होंने कहा कि उनकी मंशा कॉलेज की छवि को खराब करने की नहीं थी. कॉलेज के अन्य साथियों से बातचीत के बाद उन्हें अहसास हुआ कि उन्होंने गलत कर दिया है. अपने माफीनामें में उन्होंने वादा किया है कि वे भविष्य में अब ऐसा कुछ नहीं करेंगे.

कुछ दिनों से परेशान थे ललन कुमार: प्रोफेसर ललन कुमार के द्वारा दिए गये माफीनामे को लेकर प्रिंसिपल डॉ मनोज कुमार ने बताया कि किसी के दवाब में उन्होंने ऐसा नहीं किया हैं. उन्हें ये समझ में आया हैं कि उन्होंने जो किया वो गलत है. प्रिंसिपल ने बताया कि वो मानसिक रूप से परेशान थे, इसलिए उन्होंने दो दिनों की छुट्टी ली है.

"कोई दबाव नहीं था. वो कल शाम मेरे चेंबर में आए और कहा कि सर मुझसे भुल हो गई और उन्होंने एक चिट्ठी समर्पित की. जिसे मैंने स्वीकार कर लिया. जैसा उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि उन्होंने भावाआवेश में आकर ऐसा कदम उठाया. अब उनकी बात पर ही यकीन करना होगा. कॉलेज की छवि किसी से बिगाड़ने से और बनाने से नहीं बनता है. 50 सालों का कॉलेज का इतिहास रहा है और एक पुण्यआत्मा के नाम से वो विद्यालय है. तो होती रहती है. एक महाविद्यालय की जीवन यात्रा में इस तरह की बातें होती रहती है. उसका निराकरण कर लिया जाएगा. हमलोग कोशिश करेंगे की वो सारी चीजें समाप्त हो जाए."- प्रो. डॉ मनोज कुमार, प्रिंसिपल, नीतिश्वर कॉलेज, मुजफ्फरपुर

जरूरत पड़ने पर होगा ट्रांसफर: इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ आरके ठाकुर ने बताया कि उन्होंने माफीनामा भेजा है और इस मामले पर वो उनसे बात करेंगे. वहीं, उन्होंने रिपोर्ट के बाद आवश्यक कार्रवाई करने की भी बात कही है. हालांकि, कुलसचिव ने बताया कि अगर जरूरत हुई तो उनका सही जगह ट्रांसफर भी करेंगे.

"हां माफी नामा उन्होंने प्राचार्य महोदय के द्वारा अग्रसारित करके दिया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि इसमें मैं जो कुछ भी वो इमोशन के तहत किया हूं, मतलब वो भावावेश में किए हैं और उन्होंने ये भी लिखा है कि ऐसी कोशिश या गलती भविष्य में नहीं करने की बात उन्होंने लिखी है. अब इन समस्याओं से हमसब बाहर आ जाएं. तब देखेंगे हमलोग. और उन्होंने क्यों ऐसा किया ये भी जानने की कोशिश करेंगे और उस मुताबिक हमलोग काम करेंगे. अगर सही लगा तो उनको सही जगह पर भेजेंगे."- डॉ आरके ठाकुर, कुलसचिव, BRABU मुजफ्फरपुर

बता दें कि प्रोफेसर ललन द्वारा हाल ही में यह बयान दिया गया था कि कॉलेज में बच्चे नहीं हैं तो पढ़ाएं किसको. इसलिए प्राप्त कई माह के वेतन की राशि वह वापस कर दिए हैं. इस बात की पड़ताल जब ईटीवी भारत की टीम करने में जुटी तो पता चला कि प्रोफेसर साहब सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में पर गए थे और अपने आप को शिक्षा जगत का मिसाल बनाने का झूठा दम दिखाए थे. जिसका पर्दाफाश हो गया. कॉलेज के प्रिंसिपल और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है.

किसान परिवार से आते हैं प्रोफेसर ललन: सामान्य किसान परिवार से आने के बाद भी वैशाली निवासी डाॅ. ललन इंटर की पढ़ाई के बाद दिल्ली गए. दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन, जेएनयू से पीजी और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी, एमफिल की डिग्री ली. गाेल्ड मेडलिस्ट डाॅ. ललन काे एकेडमिक एक्सीलेंस प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है. इनकी मानें ताे शिक्षक इसी तरह सैलरी लेते रहे ताे 5 साल में उनकी एकेडमिक डेथ हाे जाएगी. करियर तभी बढ़ेगा जब लगातार एकेडमिक अचीवमेंट हाे.

ये भी पढ़ें-इस रिक्शे वाले की ईमानदारी के हो खूब हो रहे चर्चे...ऐसे बना मिसाल

मुजफ्फरपुर : बिहार के मुजफ्परपुर जिले के सैलरी लौटाने वाले नीतिश्वर सिंह कॉलेज के चर्चित प्रोफेसर ललन कुमार (Muzaffarpur Assistant Professor Dr Lalan Kumar) ने कॉलेज के प्रिंसिपल को लिखित आवेदन देकर माफी मांग ली है. कॉलेज में पढ़ाई ना होने का आरोप लगाते हुए 24 लाख रुपये लौटाने वाले प्रोफेसर ने कहा कि उन्होंने भावावेश में ये कदम उठाया था, लेकिन अब ऐसा लग रहा है कि उन्होंने गलत फैसला लिया था. प्रोफेसर ललन कुमार ने लिखित माफीनामा कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ मनोज कुमार द्वारा अग्रसरित कराते हुए यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ आरके ठाकुर को भेजा है.

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प्रोफेसर ललन कुमार ने सौंपा माफीनामा: कॉलेज के प्रिंसिपल ने प्रोफेसर के माफीनामा को कुलसचिव को सौंप दिए हैं. इस माफीनामे में प्रोफेसर ललन ने लिखा है कि '6 बार प्रयास के बावजूद ट्रांसफर नहीं होने पर उन्होंने भावावेश में फैसला ले लिया था.' उन्होंने कहा कि उनकी मंशा कॉलेज की छवि को खराब करने की नहीं थी. कॉलेज के अन्य साथियों से बातचीत के बाद उन्हें अहसास हुआ कि उन्होंने गलत कर दिया है. अपने माफीनामें में उन्होंने वादा किया है कि वे भविष्य में अब ऐसा कुछ नहीं करेंगे.

कुछ दिनों से परेशान थे ललन कुमार: प्रोफेसर ललन कुमार के द्वारा दिए गये माफीनामे को लेकर प्रिंसिपल डॉ मनोज कुमार ने बताया कि किसी के दवाब में उन्होंने ऐसा नहीं किया हैं. उन्हें ये समझ में आया हैं कि उन्होंने जो किया वो गलत है. प्रिंसिपल ने बताया कि वो मानसिक रूप से परेशान थे, इसलिए उन्होंने दो दिनों की छुट्टी ली है.

"कोई दबाव नहीं था. वो कल शाम मेरे चेंबर में आए और कहा कि सर मुझसे भुल हो गई और उन्होंने एक चिट्ठी समर्पित की. जिसे मैंने स्वीकार कर लिया. जैसा उन्होंने चिट्ठी में लिखा है कि उन्होंने भावाआवेश में आकर ऐसा कदम उठाया. अब उनकी बात पर ही यकीन करना होगा. कॉलेज की छवि किसी से बिगाड़ने से और बनाने से नहीं बनता है. 50 सालों का कॉलेज का इतिहास रहा है और एक पुण्यआत्मा के नाम से वो विद्यालय है. तो होती रहती है. एक महाविद्यालय की जीवन यात्रा में इस तरह की बातें होती रहती है. उसका निराकरण कर लिया जाएगा. हमलोग कोशिश करेंगे की वो सारी चीजें समाप्त हो जाए."- प्रो. डॉ मनोज कुमार, प्रिंसिपल, नीतिश्वर कॉलेज, मुजफ्फरपुर

जरूरत पड़ने पर होगा ट्रांसफर: इस पूरे मामले पर यूनिवर्सिटी के कुलसचिव डॉ आरके ठाकुर ने बताया कि उन्होंने माफीनामा भेजा है और इस मामले पर वो उनसे बात करेंगे. वहीं, उन्होंने रिपोर्ट के बाद आवश्यक कार्रवाई करने की भी बात कही है. हालांकि, कुलसचिव ने बताया कि अगर जरूरत हुई तो उनका सही जगह ट्रांसफर भी करेंगे.

"हां माफी नामा उन्होंने प्राचार्य महोदय के द्वारा अग्रसारित करके दिया है. जिसमें उन्होंने लिखा है कि इसमें मैं जो कुछ भी वो इमोशन के तहत किया हूं, मतलब वो भावावेश में किए हैं और उन्होंने ये भी लिखा है कि ऐसी कोशिश या गलती भविष्य में नहीं करने की बात उन्होंने लिखी है. अब इन समस्याओं से हमसब बाहर आ जाएं. तब देखेंगे हमलोग. और उन्होंने क्यों ऐसा किया ये भी जानने की कोशिश करेंगे और उस मुताबिक हमलोग काम करेंगे. अगर सही लगा तो उनको सही जगह पर भेजेंगे."- डॉ आरके ठाकुर, कुलसचिव, BRABU मुजफ्फरपुर

बता दें कि प्रोफेसर ललन द्वारा हाल ही में यह बयान दिया गया था कि कॉलेज में बच्चे नहीं हैं तो पढ़ाएं किसको. इसलिए प्राप्त कई माह के वेतन की राशि वह वापस कर दिए हैं. इस बात की पड़ताल जब ईटीवी भारत की टीम करने में जुटी तो पता चला कि प्रोफेसर साहब सस्ती लोकप्रियता के चक्कर में पर गए थे और अपने आप को शिक्षा जगत का मिसाल बनाने का झूठा दम दिखाए थे. जिसका पर्दाफाश हो गया. कॉलेज के प्रिंसिपल और डॉक्टर भीमराव अंबेडकर बिहार विश्वविद्यालय के कुलसचिव ने भी इस बात की पुष्टि कर दी है.

किसान परिवार से आते हैं प्रोफेसर ललन: सामान्य किसान परिवार से आने के बाद भी वैशाली निवासी डाॅ. ललन इंटर की पढ़ाई के बाद दिल्ली गए. दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन, जेएनयू से पीजी और फिर दिल्ली यूनिवर्सिटी से पीएचडी, एमफिल की डिग्री ली. गाेल्ड मेडलिस्ट डाॅ. ललन काे एकेडमिक एक्सीलेंस प्रेसिडेंट अवॉर्ड भी मिल चुका है. इनकी मानें ताे शिक्षक इसी तरह सैलरी लेते रहे ताे 5 साल में उनकी एकेडमिक डेथ हाे जाएगी. करियर तभी बढ़ेगा जब लगातार एकेडमिक अचीवमेंट हाे.

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