हरिद्वार (उत्तराखंड): मशहूर कवि कुमार विश्वास रविवार को सपरिवार उत्तराखंड के एक दिवसीय दौरे पर रहे, जहां उन्होंने सुबह केदारनाथ धाम और फिर दोपहर में बदरीविशाल के दर्शन किए. इसके बाद उन्होंने हरिद्वार गंगा आरती में भाग लिया. गंगा आरती के बाद उन्होंने हरिद्वार की सिद्धपीठ मां चंडी देवी के भी दर्शन किए. इस दौरान निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर कैलाशानंद गिरी और खानपुर विधायक उमेश कुमार भी मौजूद रहे.
कुमार विश्वास ने हरिद्वार में गंगा आरती में भाग लेने के बाद मां गंगा का आशीर्वाद भी लिया. इस दौरान कुमार विश्वास ने एक भजन भी सुनाया. इसके बाद कुमार विश्वास ने कहा, 'यह मेरे पुण्यों का उद्भव है कि आज मैं अपने माता-पिता के साथ, जो मैंने विश्वविद्यालय बनाने का संकल्प लिया है, उसकी अनुमति लेने के लिए बदरी विशाल-बाबा केदार और हरिद्वार में मां गंगा के दर पर आया हूं. हरकी पैड़ी पर गंगासभा के सौजन्य से गंगा आरती में पुण्य प्राप्त करने का शोभाग्य प्राप्त हुआ'. उन्होंने कहा कि गंगा कोई नदी नहीं है. बल्कि भारत की संस्कृति की रेखा है. जिसके दोनों किनारों पर ये देश स्तंभित होता है.
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कुमार विश्वास ने सनातन धर्म के सवाल पर कहा, 'मैं इस विषय पर कोई ज्यादा टिप्पणी नहीं करूंगा. क्योंकि मेरा यह मानना है कि एक ऐसी चिरंजीवी विचारधारा, जो हजारों वर्षों से इस तरह खड़ी हुई है कि जिस पर इतने प्रकार के हमले हुए हैं. लेकिन उसके बाद भी विश्व भर में उसकी कीर्ति, उसको गाने वाले, उसमें आस्था रखने वाले, उसमें जन्म लेकर स्वयं विलीन हो जाने वाले करोड़ों-करोड़ों लोग युगों-युगों से हैं. तो किसी के बयान देने या किसी के कुछ कहने से मुझ जैसे व्यक्ति को नहीं लगता कि उसके लिए कोई टिप्पणी करनी चाहिए. मैं तो उसे धर्म में हूं, जहां धर्म के विपरीत बोलने वालों को भी ईश्वर शरण देता है और उनको क्षमा करता है.