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दूसरे लॉकडाउन के दौरान बढ़े पारिवारिक झगड़े, मामूली बातों पर कलह - कोरोना वायरस की दूसरी लहर

कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर राज्य में लगाए दो महीने के लिए लॉकडाउन के दौरान पारिवारिक कलह की घटनाएं बढ़ी हैं. यह बात वनिता हेल्पलाइन पर महिलाओं द्वारा फोन कर अपनी समस्या बताए जाने के बाद सामने आई है.

पारिवारिक झगड़ों की संख्या बढ़ी
पारिवारिक झगड़ों की संख्या बढ़ी
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Published : Jul 2, 2021, 10:24 PM IST

बेंगलुरु : कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर राज्य में लगाए दो महीने के लिए लॉकडाउन के दौरान पारिवारिक कलह की घटनाएं बढ़ी हैं. यह बात वनिता हेल्पलाइन पर महिलाओं द्वारा फोन कर अपनी समस्या बताए जाने के बाद सामने आई है. लॉकडाउन के दौरान घर में रहना अनिवार्य था, फलस्वरूप पति-पत्नी के झगड़े के अलावा बच्चों के लिए तलाकशुदा जोड़े के झगड़े और महिलाओं पर हमले सहित पारिवारिक कलह के विभिन्न मामले सामने आए हैं. इसको लेकर महिलाओं ने अपना दर्द बयां किया.

इस संबंध में हेल्पलाइन सेंटर की प्रमुख रानी शेट्टी ने बताया कि जिन लोगों को पारिवारिक समस्याओं और शोषण का सामना करना पड़ा, उन्होंने सामान्य दिनों में शिकायत देने के लिए मल्लेश्वरम में वनिता हेल्पलाइन पर अपनी परेशानी साझा की. लेकिन महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान फोन पर अपना दर्द बताया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान रोजाना 20 से ज्यादा कॉल आ रही थीं. वहीं अप्रैल-मई में 210 शिकायतें मिलीं.

ये भी पढ़ें - ये कैसी सजा? पिता और भाइयों ने लड़की को पेड़ से लटकाकर पीटा

उन्होंने कहा कि हालांकि इनमें से ज्यादातर शिकायतों का समाधान फोन काउंसलिंग से कर दिया गया है. लेकिन विशेष बात यह भी है कि पत्नियां बहुत अधिक पारिवारिक हिंसा का विषय रही हैं. क्योंकि छोटी-छोटी बातों को लेकर उन पर जानलेवा हमला भी हुआ है.

रानी शेट्टी के मुताबिक हेल्पलाइन पर भी अलग तरह की शिकायत आई. इसमें एक व्यक्ति को घरवालों की बात को सुनकर पत्नी के चरित्र पर शक हुआ और उसने बिना किसी कारण के पत्नी का हाथ काट दिया. इस मामले में पुलिस को जानकारी दिए जाने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का सिफारिश की गई है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे परिवार के वातावरण में मद्यपान, कर्ज और बेरोजगारी का होना भी शामिल है.

बेंगलुरु : कोरोना वायरस की दूसरी लहर के मद्देनजर राज्य में लगाए दो महीने के लिए लॉकडाउन के दौरान पारिवारिक कलह की घटनाएं बढ़ी हैं. यह बात वनिता हेल्पलाइन पर महिलाओं द्वारा फोन कर अपनी समस्या बताए जाने के बाद सामने आई है. लॉकडाउन के दौरान घर में रहना अनिवार्य था, फलस्वरूप पति-पत्नी के झगड़े के अलावा बच्चों के लिए तलाकशुदा जोड़े के झगड़े और महिलाओं पर हमले सहित पारिवारिक कलह के विभिन्न मामले सामने आए हैं. इसको लेकर महिलाओं ने अपना दर्द बयां किया.

इस संबंध में हेल्पलाइन सेंटर की प्रमुख रानी शेट्टी ने बताया कि जिन लोगों को पारिवारिक समस्याओं और शोषण का सामना करना पड़ा, उन्होंने सामान्य दिनों में शिकायत देने के लिए मल्लेश्वरम में वनिता हेल्पलाइन पर अपनी परेशानी साझा की. लेकिन महिलाओं ने लॉकडाउन के दौरान फोन पर अपना दर्द बताया. उन्होंने बताया कि लॉकडाउन के दौरान रोजाना 20 से ज्यादा कॉल आ रही थीं. वहीं अप्रैल-मई में 210 शिकायतें मिलीं.

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उन्होंने कहा कि हालांकि इनमें से ज्यादातर शिकायतों का समाधान फोन काउंसलिंग से कर दिया गया है. लेकिन विशेष बात यह भी है कि पत्नियां बहुत अधिक पारिवारिक हिंसा का विषय रही हैं. क्योंकि छोटी-छोटी बातों को लेकर उन पर जानलेवा हमला भी हुआ है.

रानी शेट्टी के मुताबिक हेल्पलाइन पर भी अलग तरह की शिकायत आई. इसमें एक व्यक्ति को घरवालों की बात को सुनकर पत्नी के चरित्र पर शक हुआ और उसने बिना किसी कारण के पत्नी का हाथ काट दिया. इस मामले में पुलिस को जानकारी दिए जाने के साथ ही दोषियों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने का सिफारिश की गई है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे परिवार के वातावरण में मद्यपान, कर्ज और बेरोजगारी का होना भी शामिल है.

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