जालोर. राज्य में रास्ते को लेकर सरकार की ओर से अलग कानून बनाए जाने के बावजूद आज भी ऐसे कई मामले सामने आते हैं जिसमें आम रास्ता नहीं होने के कारण लोगोें को काफी मुश्किल का सामना करना पड़ता है. ऐसा ही एक मामला जालोर जिले के बागोड़ा उपखंड के राउता गांव में सामने आया है जिसने (Jalore administration system revealed) प्रशासन की व्यवस्थाओं की पोल खोल दी है. यहां पर रास्ता नहीं होने के कारण दो दिन पहले एक प्रसूता को खेतों से घूमकर पैदल ही अस्पताल तक जाना पड़ा था. अस्पताल में प्रसूता की डिलेवरी हुई. इसके बाद लौटते वक्त भी महिला और नवजात शिशु को चारपाई पर लेटाकर फिर करीब एक किलोमीटर खेतों से घूमकर परिजनों को घर वापस लेकर आना पड़ा.
गनीमत रही की प्रसूता की हालत नहीं बिगड़ी, वरना महिला और नवजात की जान पर बन आती. जानकारी के अनुसार बागोड़ा क्षेत्र के राउता गांव में सांवलाराम की पुत्री सोभाग की डिलेवरी होने वाली थी. ऐसे में प्रसूता को अस्पताल ले जाने के लिए घर से सीधा रास्ता नहीं होने के कारण पैदल ही खेतों से घूमकर जाना पड़ा था. डिलेवरी के बाद प्रसूता और नवजात को परिजन चारपाई पर लेटाकर घर लेकर लौटे. इस दौरान किसी ने इसका वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. वीडियो वायरल होने के बाद शनिवार को प्रशासनिक अमला राउता पहुंचा और पीड़ित परिवार के घर से अस्पताल तक आने जाने का मार्ग खुलवाने में जुट गया है.
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सरकारी कैंप में फरियाद के बावजूद नहीं मिला था रास्ता
जानकारी के अनुसार पीड़ित सांवलाराम के खेत के चारों तरफ दूसरे लोगों के खेत हैं. इसमें से गुजरने के लिए जो रास्ता था वह पड़ोसी खातेदारों ने बंद कर दिया है. ऐसे में कई बार पीड़ित ने प्रशासनिक अधिकारियों के दफ्तर व कैंपों में जाकर रास्ता दिलवाने की फरियाद लगाई थी लेकिन अधिकारियों की उदासीनता के कारण रास्ता नहीं मिल पाया था.
तहसीलदार नानगाराम ने बताया कि रास्ता बंद होने के कारण प्रसूता को खेतों के रास्ते से चारपाई पर लेटाकर अस्पताल से घर लाने के मामले की जानकारी पर प्रशासन ने तुरंत टीम गांव भेजी. रास्ते को लेकर जो भी विवाद था उसे सुलझा लिया गया है. महिला के घर से अस्पताल तक आने-जाने का रास्ता खुलवा दिया गया है.