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सुरक्षा कर्मियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के पीछे परिवार और स्वास्थ्य प्रमुख कारण : रिपोर्ट

गृह मंत्रालय ने केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) जैसे अर्धसैनिक बलों में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले जवानों का आंकड़ा जारी किया है. इस साल 3847 बीएसएफ कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है.

स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति
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Published : Jul 20, 2021, 10:38 PM IST

नई दिल्ली: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति(voluntary retirement) के कारणों का पता लगाने के लिए एक सरकारी विश्लेषण ने परिवार और स्वास्थ्य के मुद्दों को प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना है जो कर्मियों को ऐसी सेवानिवृत्ति लेने के लिए मजबूर करते हैं.

एक सरकारी विश्लेषण (official analysis) में कहा गया है कि बच्चों और पारिवारिक मुद्दों, स्वयं या परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के मुद्दों, सामाजिक और पारिवारिक दायित्वों और प्रतिबद्धता और बेहतर करियर के अवसरों और घरेलू कारण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के कुछ प्रमुख कारण हैं. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार इस साल 1083 बीएसएफ कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. 2020 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सभी रैंकों के बीएसएफ कर्मियों की संख्या 3303 थी और इस साल 3847 है.

55 एसएसबी कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली

बता दें सीआईएसएफ जैसे अन्य सभी केंद्रीय सशस्त्र बलों ने इस वर्ष 150 की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, 2020 में 469 स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और 2019 में 738 स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दर्ज की. वहीं सीआरपीएफ के कम से कम 195 जवानों ने इस साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. सीआरपीएफ कर्मियों के बीच स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की संख्या 2020 में 960 और 2019 में1988 थी. इसी तरह आईटीबीपी के 27 कर्मियों ने इस साल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली, 2020 में 432 और 2019 में 332 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल 55 एसएसबी कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली, जबकि 922 कर्मियों ने इस साल 2020 में और 386 ने 2019 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. इसी तरह, इस साल 19 एआर कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली, जबकि 445 ने 2020 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और 2019 में 514 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली.

पढ़ें : डीएमए ने सैन्य अधिकारियों के रिटायरमेंट और पेंशन को लेकर की यह सिफारिश, जानें


आवासीय इकाइयों पर संतोष
वहीं लोकसभा में इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि केंद्र सरकार सुरक्षाकर्मियों की शिकायतों के निवारण के लिए सुधारात्मक उपाय के रूप में कई कदम उठा रही है. राय ने कहा बल कर्मियों के संतुष्टि स्तर को बढ़ाने के लिए उपचारात्मक उपाय जैसे छुट्टी की मंजूरी, पसंद की पोस्टिंग का विकल्प, एक ही स्टेशनों पर जोड़ों की पोस्टिंग, पारिवारिक आवास प्रदान करना, चिकित्सा और शिक्षा सुविधाओं का प्रावधान नियमित रूप से किया जाता है. नित्यानंद राय ने कहा कि 51.53 प्रतिशत एआर कर्मियों को उनकी वर्तमान आवास इकाइयों में संतुष्टि है. इसी प्रकार 44.78 प्रतिशत बीएसएफ कर्मियों ने अपनी वर्तमान आवासीय इकाई पर संतोष व्यक्त किया, 43.80 प्रतिशत सीआईएसएफ कर्मियों ने अपनी आवासीय इकाइयों पर संतोष व्यक्त किया. आईटीबीपी कर्मियों में 39.93 प्रतिशत, एनएसजी में 80.88 प्रतिशत और एसएसबी के 26.17 प्रतिशत कर्मियों ने अपनी आवासीय इकाइयों पर संतोष व्यक्त किया.

नई दिल्ली: केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) कर्मियों की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति(voluntary retirement) के कारणों का पता लगाने के लिए एक सरकारी विश्लेषण ने परिवार और स्वास्थ्य के मुद्दों को प्रमुख कारणों के रूप में पहचाना है जो कर्मियों को ऐसी सेवानिवृत्ति लेने के लिए मजबूर करते हैं.

एक सरकारी विश्लेषण (official analysis) में कहा गया है कि बच्चों और पारिवारिक मुद्दों, स्वयं या परिवार के सदस्यों के स्वास्थ्य के मुद्दों, सामाजिक और पारिवारिक दायित्वों और प्रतिबद्धता और बेहतर करियर के अवसरों और घरेलू कारण स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति के कुछ प्रमुख कारण हैं. सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार इस साल 1083 बीएसएफ कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. 2020 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने वाले सभी रैंकों के बीएसएफ कर्मियों की संख्या 3303 थी और इस साल 3847 है.

55 एसएसबी कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली

बता दें सीआईएसएफ जैसे अन्य सभी केंद्रीय सशस्त्र बलों ने इस वर्ष 150 की स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति, 2020 में 469 स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति और 2019 में 738 स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति दर्ज की. वहीं सीआरपीएफ के कम से कम 195 जवानों ने इस साल पहले ही स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली है. सीआरपीएफ कर्मियों के बीच स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति की संख्या 2020 में 960 और 2019 में1988 थी. इसी तरह आईटीबीपी के 27 कर्मियों ने इस साल स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली, 2020 में 432 और 2019 में 332 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. सरकारी आंकड़ों के अनुसार इस साल 55 एसएसबी कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली, जबकि 922 कर्मियों ने इस साल 2020 में और 386 ने 2019 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली. इसी तरह, इस साल 19 एआर कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली, जबकि 445 ने 2020 में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली और 2019 में 514 कर्मियों ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ली.

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आवासीय इकाइयों पर संतोष
वहीं लोकसभा में इस मुद्दे पर जानकारी देते हुए गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने कहा कि केंद्र सरकार सुरक्षाकर्मियों की शिकायतों के निवारण के लिए सुधारात्मक उपाय के रूप में कई कदम उठा रही है. राय ने कहा बल कर्मियों के संतुष्टि स्तर को बढ़ाने के लिए उपचारात्मक उपाय जैसे छुट्टी की मंजूरी, पसंद की पोस्टिंग का विकल्प, एक ही स्टेशनों पर जोड़ों की पोस्टिंग, पारिवारिक आवास प्रदान करना, चिकित्सा और शिक्षा सुविधाओं का प्रावधान नियमित रूप से किया जाता है. नित्यानंद राय ने कहा कि 51.53 प्रतिशत एआर कर्मियों को उनकी वर्तमान आवास इकाइयों में संतुष्टि है. इसी प्रकार 44.78 प्रतिशत बीएसएफ कर्मियों ने अपनी वर्तमान आवासीय इकाई पर संतोष व्यक्त किया, 43.80 प्रतिशत सीआईएसएफ कर्मियों ने अपनी आवासीय इकाइयों पर संतोष व्यक्त किया. आईटीबीपी कर्मियों में 39.93 प्रतिशत, एनएसजी में 80.88 प्रतिशत और एसएसबी के 26.17 प्रतिशत कर्मियों ने अपनी आवासीय इकाइयों पर संतोष व्यक्त किया.

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