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जानिए कहां अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान के विरोध में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने कराया मुंडन - kangana ranaut statement

यूपी के लखीमपुर खीरी में फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) के बयान के विरोध में स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों ने मुंडन करवाकर विरोध जताया. स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राज नारायण मिश्र के गांव भीखमपुर में लोगों ने कंगना के खिलाफ कार्रवाई की मांग की.

अभिनेत्री कंगना रनौत
अभिनेत्री कंगना रनौत
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Published : Nov 14, 2021, 8:38 PM IST

Updated : Nov 14, 2021, 8:54 PM IST

लखीमपुर खीरीः फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) द्वारा एक टीवी चैनल पर दिए गए बयान को लेकर जिले के भीखमपुर गांव के लोग भड़के हुए हैं. गांव में रविवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों ने अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान के विरोध में सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए मुंडन कराया. गांव के कुलदीप त्रिवेदी और ललित शुक्ला ने अपने बाल मुंडवाए.

भीखमपुर गांव में कंगना रनौत के खिलाफ विरोध.

गांव के 22 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन इस सांकेतिक प्रदर्शन में शामिल हुए और सभी ने एक स्वर में कंगना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. इसके साथ ही देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना करने की मांग की. दरअसल, एक टीवी चैनल में इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा था कि भारत को असली आजादी 2014 में मिली और जो 1947 में मिली, वो भीख थी. इसी बयान के विरोध में भीखमपुर गांव में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों ने विरोध जताते हुए मुंडन करवाया.

ये भी पढ़ें - DCW ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कंगना से पद्मश्री वापस लेने की मांग

स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों का कहना है कि आजादी का मतलब कंगना रनौत क्या जाने. उनके इस बयान से हमें ठेस पहुंची है. इसलिए हम चाहते हैं कि कंगना रनौत के खिलाफ कार्रवाई हो. उन्होंने कहा कि यह शहीदों और देश के लिए बलिदान देने वालों का अपमान है. अगर कंगना पर कार्रवाई नहीं हुई तो पूरा गांव भूख हड़ताल करेगा. स्वतंत्रता सेनानी और शहीद राजनारायन मिश्र के परिवार के नागेश्वर मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद कंगना के बयान को संज्ञान लेना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए.

उल्लेखनीय है कि भीखमपुर गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राज नारायण मिश्र को फांसी दी गई थी. इस गांव में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ब्रिटिश हुकूमत ने खेतों में नमक की बुआई करा दी थी. गांव के लोगों को हल जोड़कर बैल की जगह खेत जोते थे. ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ इस गांव से आवाज उठी थी. इस गांव से 22 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी निकले, जिनमें से पंडित राज नारायण मिश्र आखरी सेनानी थे. जिनको ब्रिटिश हुकूमत ने लखनऊ की जेल में फांसी की सजा दी थी. राज नारायण मिश्र पर उस समय ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का आरोप लगा था.

लखीमपुर खीरीः फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत (Kangana Ranaut) द्वारा एक टीवी चैनल पर दिए गए बयान को लेकर जिले के भीखमपुर गांव के लोग भड़के हुए हैं. गांव में रविवार को स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों ने अभिनेत्री कंगना रनौत के बयान के विरोध में सांकेतिक प्रदर्शन करते हुए मुंडन कराया. गांव के कुलदीप त्रिवेदी और ललित शुक्ला ने अपने बाल मुंडवाए.

भीखमपुर गांव में कंगना रनौत के खिलाफ विरोध.

गांव के 22 स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजन इस सांकेतिक प्रदर्शन में शामिल हुए और सभी ने एक स्वर में कंगना के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग की. इसके साथ ही देशद्रोह का मुकदमा दर्ज होना करने की मांग की. दरअसल, एक टीवी चैनल में इंटरव्यू में कंगना रनौत ने कहा था कि भारत को असली आजादी 2014 में मिली और जो 1947 में मिली, वो भीख थी. इसी बयान के विरोध में भीखमपुर गांव में स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के परिजनों ने विरोध जताते हुए मुंडन करवाया.

ये भी पढ़ें - DCW ने राष्ट्रपति को लिखा पत्र, कंगना से पद्मश्री वापस लेने की मांग

स्वतंत्रता सेनानियों के परिजनों का कहना है कि आजादी का मतलब कंगना रनौत क्या जाने. उनके इस बयान से हमें ठेस पहुंची है. इसलिए हम चाहते हैं कि कंगना रनौत के खिलाफ कार्रवाई हो. उन्होंने कहा कि यह शहीदों और देश के लिए बलिदान देने वालों का अपमान है. अगर कंगना पर कार्रवाई नहीं हुई तो पूरा गांव भूख हड़ताल करेगा. स्वतंत्रता सेनानी और शहीद राजनारायन मिश्र के परिवार के नागेश्वर मिश्र ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को खुद कंगना के बयान को संज्ञान लेना चाहिए और कार्रवाई करनी चाहिए.

उल्लेखनीय है कि भीखमपुर गांव निवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राज नारायण मिश्र को फांसी दी गई थी. इस गांव में स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान ब्रिटिश हुकूमत ने खेतों में नमक की बुआई करा दी थी. गांव के लोगों को हल जोड़कर बैल की जगह खेत जोते थे. ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ इस गांव से आवाज उठी थी. इस गांव से 22 स्वतंत्रता संग्राम सेनानी निकले, जिनमें से पंडित राज नारायण मिश्र आखरी सेनानी थे. जिनको ब्रिटिश हुकूमत ने लखनऊ की जेल में फांसी की सजा दी थी. राज नारायण मिश्र पर उस समय ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ सशस्त्र विद्रोह का आरोप लगा था.

Last Updated : Nov 14, 2021, 8:54 PM IST

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