कोलकाता : पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में फर्जी टीकाकरण अभियान की जांच के दौरान चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. आरोपी देबांजन देव ने बताया कि उसने खुद को कोलकाता नगर निगम का संयुक्त आयुक्त बताते हुए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से भी संपर्क किया था.इतना ही नहीं उसने डिप्टी सेक्रेटरी के नाम से फर्जी ईमेल भी आईडी बनाई थी.
फर्जी टीकाकरण अभियान के आरोप में गिरफ्तार देबांजन देव ने उस फर्जी ईमेल आईडी से सीरम इंस्टीट्यूशन से कोविशील्ड वैक्सीन को भेजने का अनुरोध किया था.
देबांजन ने पूछताछ के दौरान पुलिस को बताया कि उसके कई सरकारी एजेंसियों के प्रतिनिधियों के साथ अच्छे संबंध थे. देबंजन को उनसे आधिकारिक स्टांप पेपर और लेटरपैड मिले.
सूत्रों के मुताबिक जांच अधिकारी कई और लोगों के शामिल होने की आशंका जता रहे हैं. पुलिस ने देबांजन देव (28) और उसके साथियों से पूछताछ की. आगे भी जरूरत पड़ने पर उन्हें दोबारा बुलाया जा सकता है.
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गौरतलब है कि देबांजन ने कसबा इलाके में टीकाकरण शिविर लगाया था, जहां तृणमूल कांग्रेस की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने भी टीका लगवाया था. टीका लगने के एक दिन बाद भी मिमी को टीकाकरण प्रमाण पत्र नहीं मिला.
संदेह होने पर मिमी चक्रवर्ती (Mimi Chakraborty) ने राज्य मंत्री जावेद अहमद खान को सूचित किया. इसके अलावा स्थानीय पुलिस को भी मामले की सूचना दी गई. पुलिस ने कोलकाता नगर निगम (KMC) के अधिकारियों से पूछताछ की. केएमसी ने पुष्टि की कि उन्होंने कस्बा (Kasba) में कोरोना टीकाकरण शिविर को कोई अनुमति नहीं दी है. इसके बाद फर्जी टीकाकरण का खुलासा हुआ था.