विजयवाड़ा : आंध्र प्रदेश के डीजीपी के फर्जा ट्विटर अकाउंट मामले में ट्विटर ने कोई जानकारी नहीं दी है. इसलिए ऐसा लग रहा है कि विजयवाड़ा पुलिस इस संबंध में ट्विटर अधिकारी को नोटिस जारी करेगी. ट्विटर ने विजयवाड़ा पुलिस द्वारा भेजे गए एक ई-मेल को नजरअंदाज कर दिया है. जिसमें आंध्र प्रदेश के डीजीपी के नाम से एक फर्जी डीजीपी ट्विटर अकाउंट मामले का विवरण मांगा गया था.
अब तक कुल तीन बार अपील की गई हैं लेकिन प्रतिक्रिया शून्य रही है. ग्राहक की जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया गया है. अज्ञात व्यक्तियों ने तीन सप्ताह पहले ट्विटर पर डीजीपी आंध्र प्रदेश के नाम से एक फर्जी अकाउंट खोला था. गौतम सवांग की फोटो भी अकाउंट में पोस्ट की गई थी.
पुलिस द्वारा ट्विटर कंपनी के संज्ञान में लाए जाने के बाद अकाउंट को डिलीट कर दिया गया. इस संबंध में विजयवाड़ा साइबर थाने में मामला दर्ज किया गया है. किस आईपी एड्रेस से उन्होंने वो फर्जी ट्विटर अकाउंट बनाया. इसके पीछे कौन हैं? क्या कोई साजिश छिपी है? इन एंगल से जांच शुरू की गई है.
मामले को आगे बढ़ाने के लिए आईपी पते का विवरण आवश्यक है. इसके लिए पुलिस ने मेल के जरिए ट्विटर से संपर्क किया. कंपनी ने जवाब दिया कि यह जानकारी नहीं दी जा सकती है और यह उनके ग्राहकों के व्यक्तिगत अधिकारों का उल्लंघन करेगा.
पुलिस ने एक और मेल भेजा लेकिन कोई जवाब नहीं आया. तीसरी बार चेतावनी भी दी गई यदि जांच में सहयोग नहीं दिया गया तो कानूनी कार्रवाई की जाएगी. केंद्र सरकार ने हाल ही में ट्विटर को आईटी एक्ट के तहत अब तक दी गई छूट को हटा दिया है. नतीजतन, कंपनी न केवल ट्विटर पर हर चीज के लिए जिम्मेदार है बल्कि कानूनी मामलों से भी निपटना है.
नए कानून के तहत मांगी गई कोई भी जानकारी जांच के हिस्से के रूप में दी जानी चाहिए. देश के विभिन्न हिस्सों में विभिन्न मामलों को लेकर पुलिस पहले ही ट्विटर को नोटिस जारी कर चुकी है. ज्ञात हुआ है कि विजयवाड़ा पुलिस ट्विटर अधिकारी को सूचना प्राप्त करने के लिए नोटिस भी जारी करेगी.