मुंबई : महाराष्ट्र के जालना जिले में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर पुलिस द्वारा लाठीचार्ज की निंदा करते हुए महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है और यह राज्य सरकार की विफलता को भी दिखाता है.
महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख ने कहा, 'प्रदर्शन शांतिपूर्ण तरीके से किया जा रहा था. प्रदर्शन के साथ अमानवीय व्यवहार किया गया और लाठीचार्ज किया गया. मैं इस घटना की निंदा करता हूं. वर्षों से मराठा आरक्षण के लिए लाखों लोग प्रदर्शन कर रहे हैं और ऐसी स्थिति पहले कभी नहीं आई' पूर्व मंत्री अनिल देशमुख ने कहा कि वह राज्य के गृह मंत्री रह चुके हैं और पहले भी ऐसे प्रदर्शन होते रहे हैं लेकिन ऐसी स्थिति से निपटना सरकार का कर्तव्य है.
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#WATCH | Mumbai: It is sad that the march for the Maratha reservation in Jalna, which was taking place peacefully, was lathi-charged inhumanly. I strongly oppose this: Former Maharashtra Home Minister and leader of NCP (Sharad Pawar faction) Anil Deshmukh https://t.co/2HEyT86frP pic.twitter.com/i5rpKecqIj
— ANI (@ANI) September 1, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
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— ANI (@ANI) September 1, 2023#WATCH | Mumbai: It is sad that the march for the Maratha reservation in Jalna, which was taking place peacefully, was lathi-charged inhumanly. I strongly oppose this: Former Maharashtra Home Minister and leader of NCP (Sharad Pawar faction) Anil Deshmukh https://t.co/2HEyT86frP pic.twitter.com/i5rpKecqIj
— ANI (@ANI) September 1, 2023
उन्होंने आगे कहा, 'अगर प्रदर्शन में असामाजिक तत्व हैं तो लाठीचार्ज स्वीकार्य है. बीजेपी ने जिस तरह से स्थिति को संभाला है, उसकी निंदा की जानी चाहिए. बीजेपी मराठा आरक्षण पर बड़े-बड़े बयान देती थी. जब देवेंद्र फड़णवीस सीएम थे, उन्होंने विधानसभा में वादा किया था कि वह मराठा समुदाय की कुछ मांगों को पूरा करेंगे. उन्हें बताना चाहिए कि उन्होंने मराठा समुदाय की कितनी मांगों को पूरा किया है. यह सरकार की पूरी तरह से विफल है और लोग निश्चित रूप से जवाबी कार्रवाई करेंगे.
क्या है मामला : मराठा भूख हड़ताल के चौथे दिन पुलिस ने प्रदर्शनकारियों पर लाठी चार्ज किया था. प्रदर्शनकारियों का आरोप है कि पुलिस ने आंसू गैस के गोले भी दागे थे. हालांकि पुलिस का दावा है कि प्रदर्शनकारियों की तरफ से पहले पत्थरबाजी की गई जिसके कारण पुलिस को बल प्रयोग करना पड़ा. जानकारी के अनुसार 20-25 पुलिसकर्मी इस पथराव में घायल हो गए थे. और कुछ ग्रामीणों को भी चोटें आईं थी.
मराठा समुदाय के लोग आरक्षण की मांग को लेकर प्रदर्शन कर रहे थे, उन्होंने सरकार को आरक्षण देने का अल्टीमेटम दिया था. सरकार द्वारा कोई ठोस निर्णय न लेने के कारण प्रदर्शनकारियों ने भूख हडताल शुरु कर दी. आरोप है कि पुलिस द्वारा समझाने के प्रयास में प्रदर्शनकारी अक्रोशित हो गए और उन्होंने पथराव शुरु कर दिया.
(एएनआई)