मुंबई : मुंबई पुलिस ने भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के वरिष्ठ अधिकारी परमबीर सिंह व पांच अन्य पुलिस कर्मियों तथा दो अन्य लोगों के विरूद्ध एक बिल्डर से उसके खिलाफ मामले को वापस लेने के एवज में 15 करोड़ रूपये की कथित रूप से मांग किए जाने के सिलसिले में प्राथमिकी दर्ज की है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने बृहस्पतिवार को यह जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि बिल्डर की शिकायत के आधार पर दक्षिणी मुंबई के मरीन ड्राइव पुलिस थाने में यह मामला दर्ज किया है. उन्होंने इस मामले का अधिक विवरण नहीं दिया.
इस मामले में जिन अन्य पांच पुलिसकर्मियों को आरोपी बनाया गया है. उनमें पुलिस उपायुक्त (अपराध) अकबर पठान, निरीक्षक श्रीकांक शिंदे, आशा कोरके, नंदकुमार गोपाले एवं संजय पाटिल शामिल हैं.
उन्होंने कहा कि इस संदर्भ में बिल्डर के दो साझेदारों सुनील जैन एवं संजय पूर्णिमा को मामले में गिरफ्तार किया गया है. शिकायत के अनुसार जैन और पूर्णिमा ने पुलिस अधिकारियों के साथ साठगांठ कर बिल्डर के खिलाफ कुछ मामलों को वापस लेने की एवज में उससे 15 करोड़ रूपये की मांग की थी.
अधिकारी ने बताया कि बिल्डर ने अपनी शिकायत में मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त तथा अन्य का नाम लिया है. यह मामला भारतीय दंड विधान की धारा 387,388,389 (सभी जबरन धन वसूली से संबंधित), 420 (धोखाधड़ी), 120 बी (आपराधिक षड्यंत्र), 403 (संपत्ति का गलत उपयोग), 409 (लोकसेवक द्वारा विश्वास का आपराधिक हनन) तथा अन्य सुसंगत धाराओं के तहत दर्ज किया गया है.
उद्योगपति मुकेश अंबानी के आवास के समीप विस्फोटकों से लदा वाहन मिलने के मामले में निलंबित पुलिस अधिकारी सचिन वाझे की गिरफ्तारी के बाद इस साल मार्च में सिंह को मुंबई पुलिस के शीर्ष पद से हटा कर महानिदेशक होमगार्ड बना दिया गया था.
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सिंह अनुसूचित जाति एवं जनजाति (उत्पीड़न से निवारण) अधिनियम के तहत भी एक मामले का सामना कर रहे हैं. यह मामला पुलिस निरीक्षक अकोला केबीआर घडगे कि शिकायत पर इस साल अप्रैल में दर्ज किया गया था.