नई दिल्ली : विदेश मंत्री एस जयशंकर इस सप्ताह के अंत में अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ द्विपक्षीय वार्ता के लिए रूस की यात्रा करने वाले हैं. उनका यह यात्रा आठ जुलाई से शुरू हो सकता है. लावरोव इस साल अप्रैल में भारत आए थे. भारत और रूस इस साल के अंत में अपना वार्षिक शिखर सम्मेलन आयोजित करने वाले हैं.
इससे पहले विदेश मंत्री एस. जयशंकर मटेरा (इटली) में जी-20 मंत्रिस्तरीय बैठक के इतर अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, कनाडा, सऊदी अरब, इटली, मैक्सिको, फ्रांस, स्पेन, सिंगापुर और यूरोपीय संघ के अपने समकक्षों के साथ मुलाकात की थी, और उनके साथ कोविड-19 की स्थिति तथा परस्पर हित वाले वैश्विक एवं क्षेत्रीय मुद्दों पर चर्चा की.
दो राष्ट्रों के दौरे के दूसरे चरण में यूनान से इटली पहुंचे जयशंकर ने जी-20 मंत्रिस्तरीय बैठक के इतर अमेरिकी विदेश मंत्री एंटोनी ब्लिंकन से मुलाकात की और दोनों नेताओं ने हिंद-प्रशांत एवं अफगानिस्तान के हालात को लेकर चर्चा की.
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उन्होंने सऊदी अरब के अपने समकक्ष फैसल बिन फरहान के साथ भी बातचीत की जिस दौरान कोविड-19 की स्थिति पर चर्चा हुई और विमानों की जल्द आवाजाही बहाल करने का आग्रह किया. उन्होंने ट्वीट किया,सऊदी अरब के विदेश मंत्री फैसल बिन फरहान के साथ सौहार्दपूर्ण बैठक हुई. कोविड की स्थिति पर चर्चा की और विमानों की आवाजाही जल्द बहाल करने की अपील की. रणनीतिक भागीदारी और क्षेत्रीय स्थिति को लेकर भी वार्ता हुई. बाद में जयशंकर ने कनाडा के विदेश मंत्री मार्क गार्नियू से मुलाकात की और उनके साथ द्विपक्षीय मुद्दों पर वार्ता की.
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विदेश मंत्री ने यूरोपीय संघ के विदेश मामलों के उच्च प्रतिनिधि जोसेप बोरेल फोनटेलेस से भी मुलाकात की. बैठक के बाद उन्होंने कहा, नेताओं के शिखर सम्मेलन के एजेंडा पर चर्चा की। टीका उत्पादन एवं पहुंच पर बातचीत हुई. यूरोप यात्रा के लिए कोविशील्ड को अधिकृत करने पर बात हुई. हम आगे भी बातचीत जारी रखेंगे.
जी-20 शिखर सम्मेलन इटली में अक्टूबर में आयोजित होगा। भारत 2022 में जी-20 की अध्यक्षता कर सकता है. जी-20 एक प्रभावशाली समूह है, जो विश्व की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं को एक मंच पर लाता है. जी-20 के सदस्य देशों में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, जापान, भारत, इंडोनेशिया, इटली, मैक्सिको, रूस, दक्षिण अफ्रीका, सऊदी अरब, दक्षिण कोरिया, तुर्की, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं.