गुवाहाटी : विदेश मंत्री एस जयशंकर ने सोमवार को कहा कि राज्यों के विकास के लिए जापान का सहयोग अंतरराष्ट्रीय नीतियों का उदाहरण है तथा भारत की 'एक्ट ईस्ट' नीति को लागू करने में असम का महत्वपूर्ण स्थान है.
असम, भारत और एशिया के भविष्य विषय पर अपने संबोधन में विदेश मंत्री ने कहा कि एक ठोस विदेश नीति किसी राष्ट्र, क्षेत्र और राज्य की प्रगति में सीधे योगदान दे सकती है, ऐसे में राष्ट्र के विकास एवं वृद्धि के लिये अंतरराष्ट्रीय गठजोड़ का उपयोग करना महत्वपूर्ण है.
उन्होंने कहा कि हमें विदेश में मजबूत संबंध बनाने पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस बात पर गौर करना है कि इसकी दृष्टि एवं नीतियों का उपयोग देश में किया जा सके. जयशंकर ने कहा कि जापान के साथ मजबूत संबंधों ने अंतर पैदा किया है, खासकर असम के विकास में.
विदेश मंत्री ने कहा, 'भारत की एक्ट ईस्ट' नीति को लागू करने में असम का सबसे महत्वपूर्ण स्थान है. असम का सर्वांगीण विकास 'एक्ट ईस्ट' नीति की सफलता का आधार है.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, असम के विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और जापान अंतरराष्ट्रीय सहयोग एजेंसी (जीका) के सहयोग से कार्यान्वित परियोजनाएं इस बात का उदाहरण है कि किस प्रकार अंतरराष्ट्रीय नीतियां और गठजोड़ द्वारा राज्यों के विकास में योगदान किया जा सकता है.
विदेश मंत्री ने कहा कि असम बहुत सी चुनौतियों का सामना कर रहा है. कनेक्टिविटी की चुनौती सबसे बड़ी है. एक्ट ईस्ट पॉलिसी से असम ज्यादा कनेक्टेड होगा, ज्यादा ऊर्जावान होगा, ज़्यादा योगदान कर पाएगा और ज़्यादा रोजगार मिलेंगे.
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विदेश मंत्री एस जयशंकर के साथ भारत में जापान के राजदूत सतोशी सुजुकी भी यहां आए हैं और उन्होंने असम में जीका के सहयोग से कार्यान्वित होने वाली परियोजनाओं की समीक्षा की.