नई दिल्ली : कर्नाटक में ओमीक्रोन वेरिएंट के दो केस मिलने के बाद भारत के स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. इन्होंने कोविड-19 को लेकर बरती जाने वाली सावधानियों को सख्ती से लागू करने पर जोर दिया है. विशेषज्ञों का मानना है कि कोविड की सावधानियों और कोविड-19 टीके की पूरी खुराक का कड़ाई से पालन करने के साथ-साथ भारत इस नई चुनौती का सामना कर सकता है.
इस बारे में ईटीवी भारत से बात करते हुए इंडियन सोसाइटी ऑफ इमरजेंसी मेडिसिन के अध्यक्ष डॉ. तामोरिश कोले ने कहा कि यह (ओमीक्रोन) वेरिएंट हमारे लिए एक नई चुनौती बनकर आया है. उन्होंने कहा कि भारत में इस प्रकार के उम्मीद के पता लगने की उम्मीद थी. हालांकि यह वेरिएंट अत्यधिक संक्रामक है.
कोले ने कहा कि दुनिया भर में वैज्ञानिक समुदाय भी एक चुनौती का सामना कर रहा है क्योंकि ओमीक्रोन मामलों की संख्या कम है. उन्होंने कहा किहमें स्थिति से सावधानीपूर्वक निपटना होगा. ओमीक्रोन को 26 नवंबर को WHO द्वारा चिंता का एक संस्करण (Variant of Concern) घोषित किया गया है.
प्रारंभिक साक्ष्य से पता चलता है कि ओमीक्रोन पुन: संक्रमण के जोखिम को भी बढ़ा सकता है. इसकी वजह से म्यूटेंट में परिवर्तन की वजह से दक्षिण अफ्रीका के लगभग सभी प्रांतों में इससे संक्रमित होने वाले लोगों की संख्या में इजाफा हो रहा है.
वहीं ऑर्गनाइज्ड मेडिसिन एकेडमिक गिल्ड (OMAG) की अध्यक्ष डॉ. सुनीला गर्ग ने कहा, 'फिलहाल, डेल्टा से ओमीक्रोन से ज्यादा गंभीर है, लेकिन हमारे पास भारत में ओमीक्रोन के ज्यादा मामले नहीं हैं. उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक समुदाय को ओमीक्रोन पर अधिक अध्ययन करने की आवश्यकता है क्योंकि हम संस्करण के बारे में अधिक नहीं जानते हैं.
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भारतीय SARS CoV-2-जीनोमिक्स सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम (INSACOG) ने कहा कि यह वेरिएंट संक्रमण को फैलाने में सक्षम है. जबिक पूर्व में टीकों से इससे बचने में सक्षम होने की भविष्यवाणी की गई थी. INSACOG की नवीनतम रिपोर्ट के अनुसार, ओमीक्रोन में 30 अमीनो एसिड परिवर्तन (रिसेप्टर बाइंडिंग डोमेन में 15), तीन छोटे विलोपन और मूल वायरस की तुलना में स्पाइक प्रोटीन का एक छोटा सा सम्मिलन है.
INSACOG ने कहा, इस प्रकार (ओमीक्रोन) में अन्य जीनोमिक क्षेत्रों में भी बदलाव आया है. न्यूक्लियोकैप्सिड (N) प्रोटीन में बदलाव में 203-204 साइट म्यूटेशन शामिल हैं, जो हाल ही में संक्रामकता को बढ़ाने के लिए जिम्मेदार हैं. इस तरह का बदलाव डेल्टा वेरिएंट में भी देखा गया . हाल ही में डेल्टा वृद्धि के बाद ओमीक्रोन की प्रतिरक्षा से बचने और संप्रेषणीयता को मापने के लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता है.
हाल ही में डेल्टा वृद्धि के बाद ओमीक्रोन के संक्रमण से बचने के लिए आगे के अध्ययन की आवश्यकता है. INSACOG ने कहा कि कई लोग पहले से हुए संक्रमण या टीकाकरण आदि विषयों को लेकर इस वेरिएंट की गंभीरता से अनिभिज्ञ हैं. साथ ही कहा गया है कि इस वेरिएंट की संक्रमण क्षमता को देखते हुए 40 सभी शेष बचे हुए जोखिम वाले लोगों के टीकाकरण और 40 वर्ष और उससे अधिक उम्र के लोगों के लिए बूस्टर खुराक पर विचार किया जा सकता है.
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हालांकि अभी तक ओमीक्रोन 29 देशों में पाया गया है. वहीं भारत में पिछले 24 घंटों में कर्नाटक में ओमीक्रोन के दो मामलों का पता चला है. केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि विदेश से भारत आने के बाद 10 यात्री भी आरटी पीसीआर की जांच में पॉजिटिव पाए गए हैं.
इस बारे में स्वास्थ्य में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि आज 6174 यात्रियों के साथ 36 फ्लाइट भारत में आईं, जिनमें से 10 लोगों की आरटी पीसीआर रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई हैं. दूसरी ओर, कर्नाटक में पिछले 24 घंटों में दो ओमीक्रोन मामलों का पता चला है. उन्होंने बताया कि दो ओमीक्रोन संक्रमित व्यक्तियों के सभी संपर्कों का पता लगा लिया गया है. उन्होंने बताया कि दो मिले संक्रमित लोगों में एक व्यक्ति 76 साल का और दूसरा 46 साल का है.
बता दें कि WHO के द्वारा ओमीक्रोन को चिंता का विषय (Variant of Concern) घोषित करने के बाद, स्वास्थ्य मंत्रालय ने एक हाई अलर्ट जारी किया है और सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से विदेश से आने वाले सभी यात्रियों की सख्ती से निगरानी करने को कहा है.
अग्रवाल ने भारत में कोविड-19 महामारी की वर्तमान स्थिति और इसकी रोकथाम पर एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सभी हवाईअड्डे ओमीक्रोन वेरिएंट का पता लगाने के लिए एक विशेष जीनोमिक अनुक्रमण प्रयोगशाला से जुड़े हुए हैं. हालांकि उन्होंने कहा कि घबराने की जरूरत नहीं है. अग्रवाल ने कहा, वर्तमान में हमें जो चाहिए वह कोविड के उचित व्यवहार का पालन करना और सामाजिक दूरी बनाए रखना है. वैज्ञानिक आंकड़ों का हवाला देते हुए अग्रवाल ने कहा कि ओमीक्रोन अभी भी हल्का पाया जाता है और ओमीक्रोन संक्रमितों में कोई गंभीरता नहीं है. हालांकि, ओमीक्रोन तेजी से फैलता है. ग्रवाल ने कहा, यह डेल्टा वेरिएंट की तुलना में पांच गुना अधिक संक्रामक है.
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राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (national centre for disease control) के निदेशक डॉ. सुरजीत कुमार सिंह ने भी यही राय व्यक्त करते हुए कहा कि जब से डब्ल्यूएचओ ने 26 नवंबर को ओमीक्रोन को चिंता का एक संस्करण (Variant of Concern) घोषित किया है, तब से अब तक 883 नमूनों का लिया जा चुका है. सिंह ने कहा, नवंबर के महीने में 6400 नमूनों का जीनोमिक सीक्वेंसिग की गई है. उन्होंने कहा कि सभी एयरपोर्ट को सेंसिटिव कर दिया गया है.
वहीं विकास पर बात करते हुए नीति आयोग के सदस्य और कोविड 19 पर राष्ट्रीय कार्य बल के अध्यक्ष डॉ. वीके पॉल ने कहा, 'हमें टीकाकरण की पूरी खुराक को पूरा करने में तेजी लानी चाहिए. हमारे लिए टीकाकरण, सभी प्रकार के प्रकारों के खिलाफ एक प्रमुख सुरक्षा है. उन्होंने सुझाव दिया कि लोगों को सावधान रहना चाहिए और सभी कोविड उपयुक्त व्यवहार का पालन करना चाहिए. उन्होंने कोविड-19 वैक्सीन की बूस्टर खुराक के बारे में पूछे जाने पर कहा कि बूस्टर खुराक के लिए वैज्ञानिक अनुसंधान अभी भी जारी है. डॉ पॉल ने कहा, जब भी हमें बूस्टर खुराक के लिए कोई ठोस वैज्ञानिक प्रमाण मिलेगा तभी हम उसी के अनुसार घोषणा करेंगे.