उत्तर कन्नड़: लक्षद्वीप में लापता एक मौसम संबंधी उपकरण मिल गया है. इस मशीन को मछुआरों ने पकड़ा और मौसम विभाग को सौंप दिया है. यह उपकरण तीन अक्टूबर को अपनी जगह से गायब हो गया था.
उल्लेखनीय है कि यह मौसम उपकरण एक निश्चित समय पर वातावरण की स्थिति और समुद्री मौसम के पूर्वानुमान का पता लगाने में मदद करता है. यह मशीन समुद्र में परिवर्तन, हवा की गति, दिशा और वर्षा के पूर्वानुमान के लिए उपयोगी है.
बताया जाता है कि तीन अक्टूबर को यह लक्षद्वीप में अपनी जगह में नहीं दिखा था, जिसके बाद इसके खोने की जानकारी मछुआरों को दी गई थी. मशीन की तस्वीर मछुआरों को व्हाट्सएप्प पर भेजी गयी थी.
उत्तर कन्नड़ जिले के कारवार के मछुआरों को चार दिन पहले यह मशीन महाराष्ट्र के मालवन बीच के पास मिली. उन्होंने कारवार में समुद्री जीव विज्ञान अनुसंधान केंद्र को इस बारे में सूचित किया.
कारवार में समुद्री जीव विज्ञान शोध केंद्र के प्रमुख जगन्नाथ राठौड़ ने बताया कि यह मशीन तीन अक्टूबर को लक्षद्वीप में अपनी जगह में नहीं पाई गई थी. बाद में पता चला कि यह केरल सीमा को पार कर गई है. केरल में मछुआरों ने इसे पांच अक्टूबर को देखा था, लेकिन उनमें से किसी ने भी इसे पकड़ने की कोशिश नहीं की. मशीन हवा की गति और लहरों में बहकर अपनी जगह से 700 किमी दूर चली गई थी. चार दिन पहले ही कारवार मछुआरे महाराष्ट्र सीमा पर मछली पकड़ने के दौरान उस मशीन को मालवन के पास पाया. वे किसी तरह पकड़े और अपनी नाव से तट पर लाए और कारवार के शोध केंद्र में इसे सौंप दिया.