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Exclusive: रानीपोखरी पुल के नीचे चल रहा था 'खेल', तस्वीरों में देखें पुल टूटने का सच

देहरादून-ऋषिकेश हाईवे पर जो रानीपोखरी पुल टूटा, उसकी नींव करीब 8 महीने पहले ही हिला दी गई थी. इसकी सच्चाई तस्वीरें बयां कर रही है. जब पुल का मरम्मत कार्य किया जा रहा था, उस दौरान पुल के नीचे से ही खनन सामग्री उठाई गई थी.

तस्वीरों में देखें पुल टूटने का सच
तस्वीरों में देखें पुल टूटने का सच
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Published : Aug 28, 2021, 4:09 AM IST

डोईवालाः उत्तराखंड में रानीपोखरी पुल टूटने के बाद भले ही मुख्यमंत्री धामी और मंत्री सतपाल महाराज की ओर से जांच के आदेश दे दिए गए हों, लेकिन इस पुल को लेकर ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं हैं, जो साफ बयां कर रही है कि किस तरीके से सारे नियम कानून ताक पर रखकर पुल के नीचे से खनन सामग्री उठाई गई. इतना ही नहीं भारी भरकम गड्ढे़ भी पुल के नीचे कर दिए गए थे. ऐसे में पूरे मामले में लोनिवि अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है.

दरअसल, ईटीवी भारत के पास दिसंबर 2020 की कुछ ऐसी तस्वीरें हैं, जो रानीपोखरी पुल के टूटने के कारण को पुख्ता कर रही है. लोक निर्माण विभाग की ओर से पुल को बचाने के लिए ब्लॉक और सुरक्षा दीवार बनाई गई थी. इसके लिए खनन सामग्री पुल के नीचे से ही उठाई गई थी. ये सारा खेल लोनिवि अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा था. अब भले ही जांच की बात की जा रही हो, लेकिन एक साल पहले ही ठेकेदारों ने पुल की नींव हिला डाली थी. ऐसे में उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? ये बड़ा सवाल है.

तस्वीरें बयां कर रहीं सच्चाई

ये भी पढ़ेंः रानीपोखरी पुल टूटने की सरकार कराएगी जांच, त्रिवेंद्र बोले- नए पुल पर जल्द काम

बता दें कि 27 अगस्त यानी शुक्रवार को देहरादून-ऋषिकेश हाईवे पर रानीपोखरी में पुल का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया था. जब पुल गिरा उस समय उसके ऊपर वाहन दौड़ रहे थे. पुल का जो हिस्सा टूटा वहां कुछ वाहन फंस गए और कुछ पलट गए. दो छोटे हाथी वाहन के साथ एक और वाहन नीचे फंसे हुए हैं. गनीमत यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है. उधर, मुख्यमंत्री धामी ने पुल टूटने की जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही डोईवाला से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पुल ध्वस्त होने की घटना पर दुख जताया है.

डोईवालाः उत्तराखंड में रानीपोखरी पुल टूटने के बाद भले ही मुख्यमंत्री धामी और मंत्री सतपाल महाराज की ओर से जांच के आदेश दे दिए गए हों, लेकिन इस पुल को लेकर ऐसी तस्वीरें भी सामने आईं हैं, जो साफ बयां कर रही है कि किस तरीके से सारे नियम कानून ताक पर रखकर पुल के नीचे से खनन सामग्री उठाई गई. इतना ही नहीं भारी भरकम गड्ढे़ भी पुल के नीचे कर दिए गए थे. ऐसे में पूरे मामले में लोनिवि अधिकारियों की मिलीभगत सामने आ रही है.

दरअसल, ईटीवी भारत के पास दिसंबर 2020 की कुछ ऐसी तस्वीरें हैं, जो रानीपोखरी पुल के टूटने के कारण को पुख्ता कर रही है. लोक निर्माण विभाग की ओर से पुल को बचाने के लिए ब्लॉक और सुरक्षा दीवार बनाई गई थी. इसके लिए खनन सामग्री पुल के नीचे से ही उठाई गई थी. ये सारा खेल लोनिवि अधिकारियों की मिलीभगत से हो रहा था. अब भले ही जांच की बात की जा रही हो, लेकिन एक साल पहले ही ठेकेदारों ने पुल की नींव हिला डाली थी. ऐसे में उनके खिलाफ क्या कार्रवाई होगी? ये बड़ा सवाल है.

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बता दें कि 27 अगस्त यानी शुक्रवार को देहरादून-ऋषिकेश हाईवे पर रानीपोखरी में पुल का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर गया था. जब पुल गिरा उस समय उसके ऊपर वाहन दौड़ रहे थे. पुल का जो हिस्सा टूटा वहां कुछ वाहन फंस गए और कुछ पलट गए. दो छोटे हाथी वाहन के साथ एक और वाहन नीचे फंसे हुए हैं. गनीमत यह रही कि इस हादसे में कोई जनहानि नहीं हुई है. उधर, मुख्यमंत्री धामी ने पुल टूटने की जांच के आदेश दिए हैं. इसके साथ ही डोईवाला से विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी पुल ध्वस्त होने की घटना पर दुख जताया है.

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