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मुझे कोरोना वैक्सीन लगवाने की कोई जरूरत नहीं : सपा सांसद - कोरोना वैक्सीन लगवाने की कोई जरूरत नहीं

उत्तर प्रदेश के संभल से समाजवादी पार्टी के सांसद डॉक्टर शफीक उर रहमान बर्क मौजूदा समय में संसद के दोनों सदनों में सबसे बुजुर्ग सांसदों में गिने जाते हैं. उन्होंने केंद्र और राज्य सरकार से अपील की है कि वह रमजान में मस्जिदों को बंद न करें. शफीक उर रहमान बर्क ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की...

डॉ. शफीक उर रहमान
डॉ. शफीक उर रहमान
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Published : Apr 12, 2021, 7:26 PM IST

संभल : सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने ईटीवी भारत को बताया कि पिछले दिनों नरसिंह नंद सरस्वती ने पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में जो अभद्र टिप्पणी की है, उसको वह और मुस्लिम समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता. ऐसे व्यक्ति को सरकार कानूनी कार्रवाई करके फांसी के फंदे पर चढ़ा दे.

सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क से खास बातचीत

उन्होंने कहा, मुसलमान अपना सर कलम करवा सकता है, लेकिन पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी ने कुरान में जो फेरबदल करने की बात कही है, ऐसे में वसीम रिजवी पर भी सरकार कार्रवाई करे और उसको भी फांसी पर चढ़ा दे. दोनों ने ही मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया है. उनकी सरकार से गुजारिश है कि दोनों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए उनको फांसी की सजा दी जाए.

कोरोना क्या है किसी को पता नहीं बीमारी
डॉक्टर बर्क ने कोरोना को लेकर कहा कि मुझे कोरोना वैक्सीन लगवाने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि मेरी उम्र 90 साल है, लेकिन मैं अभी कोरोना वैक्सीन नहीं लगाऊंगा क्योंकि मुझे अभी इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. यह बीमारी जिसका नाम कोरोना दिया गया है, किसी को पता ही नहीं है कि यह क्या है. लोगों ने ही इसका नाम कोरोना रख दिया है.

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने अल्लाह को नाराज कर दिया है, इसलिए इस तरह की बीमारियां दुनिया में आ रही हैं. हम सभी लोगों को चाहिए कि अल्लाह के सामने माफी मांगे, तौबा करें, तभी यह बीमारी यहां से जाएंगी.

केंद्र सरकार और राज्य सरकार से की अपील
रमजान मुसलमानों की इबादत का खास माह होता है. इस महीने में हर मुसलमान मस्जिद में जाकर कुरान भी सुनता है और नमाज भी पढ़ता है. डॉक्टर बर्क ने सरकार से अपील की है कि सरकार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रमजान में मस्जिदों को बंद न करे और मुसलमानों को मस्जिदों में इबादत करने की परमिशन जारी रखे. यह महीना सबसे अफजल और रहमतों का महीना माना जाता है. उन्होंने कहा, हम मुसलमान पूरी मानव जाति के लिए दुआ मांगेंगे, सबके लिए दुआ करेंगे और यह कोरोना खत्म हो जाएगा.

अपने पोते को राजनीति में करना चाहते हैं स्थापित
डॉक्टर बर्क ने कहा कि उनका पोता अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से पढ़ा हुआ एक समझदार और नेक नौजवान है. मैंने उसको सिखाया है कि राजनीति चरित्र से करना, किरदार से करना, लेकिन पैसे से नहीं करना. न हम बेईमान हैं, न हमने कभी बेईमानी की. हमने बहुत ईमानदारी के साथ राजनीति की है और लोगों की सेवा की है, यही सीख उन्होंने अपने पोते को भी दी.

बर्क ने कहा कि अगर पार्टी और आलाकमान ने चाहा तो उनका पोता संभल विधानसभा से 2022 में विधायक का चुनाव लड़ेगा.

संभल : सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क ने ईटीवी भारत को बताया कि पिछले दिनों नरसिंह नंद सरस्वती ने पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में जो अभद्र टिप्पणी की है, उसको वह और मुस्लिम समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता. ऐसे व्यक्ति को सरकार कानूनी कार्रवाई करके फांसी के फंदे पर चढ़ा दे.

सपा सांसद शफीक उर रहमान बर्क से खास बातचीत

उन्होंने कहा, मुसलमान अपना सर कलम करवा सकता है, लेकिन पैगंबर मोहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं कर सकता. उन्होंने कहा कि वसीम रिजवी ने कुरान में जो फेरबदल करने की बात कही है, ऐसे में वसीम रिजवी पर भी सरकार कार्रवाई करे और उसको भी फांसी पर चढ़ा दे. दोनों ने ही मुसलमानों की भावनाओं को आहत किया है. उनकी सरकार से गुजारिश है कि दोनों पर कानूनी कार्रवाई करते हुए उनको फांसी की सजा दी जाए.

कोरोना क्या है किसी को पता नहीं बीमारी
डॉक्टर बर्क ने कोरोना को लेकर कहा कि मुझे कोरोना वैक्सीन लगवाने की कोई जरूरत नहीं है. हालांकि मेरी उम्र 90 साल है, लेकिन मैं अभी कोरोना वैक्सीन नहीं लगाऊंगा क्योंकि मुझे अभी इसकी कोई आवश्यकता नहीं है. यह बीमारी जिसका नाम कोरोना दिया गया है, किसी को पता ही नहीं है कि यह क्या है. लोगों ने ही इसका नाम कोरोना रख दिया है.

उन्होंने कहा कि हम लोगों ने अल्लाह को नाराज कर दिया है, इसलिए इस तरह की बीमारियां दुनिया में आ रही हैं. हम सभी लोगों को चाहिए कि अल्लाह के सामने माफी मांगे, तौबा करें, तभी यह बीमारी यहां से जाएंगी.

केंद्र सरकार और राज्य सरकार से की अपील
रमजान मुसलमानों की इबादत का खास माह होता है. इस महीने में हर मुसलमान मस्जिद में जाकर कुरान भी सुनता है और नमाज भी पढ़ता है. डॉक्टर बर्क ने सरकार से अपील की है कि सरकार बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रमजान में मस्जिदों को बंद न करे और मुसलमानों को मस्जिदों में इबादत करने की परमिशन जारी रखे. यह महीना सबसे अफजल और रहमतों का महीना माना जाता है. उन्होंने कहा, हम मुसलमान पूरी मानव जाति के लिए दुआ मांगेंगे, सबके लिए दुआ करेंगे और यह कोरोना खत्म हो जाएगा.

अपने पोते को राजनीति में करना चाहते हैं स्थापित
डॉक्टर बर्क ने कहा कि उनका पोता अलीगढ़ यूनिवर्सिटी से पढ़ा हुआ एक समझदार और नेक नौजवान है. मैंने उसको सिखाया है कि राजनीति चरित्र से करना, किरदार से करना, लेकिन पैसे से नहीं करना. न हम बेईमान हैं, न हमने कभी बेईमानी की. हमने बहुत ईमानदारी के साथ राजनीति की है और लोगों की सेवा की है, यही सीख उन्होंने अपने पोते को भी दी.

बर्क ने कहा कि अगर पार्टी और आलाकमान ने चाहा तो उनका पोता संभल विधानसभा से 2022 में विधायक का चुनाव लड़ेगा.

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