नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक में कई मुद्दों पर सहित बंगाल भी चर्चा की गई. बैठक में राजनीतिक प्रस्ताव में बंगाल में प्रजातांत्रिक व्यवस्था को बहाल करने के लिए कटिबद्धता को भी दोहराया गया. इस मुद्दे पर भारतीय जनता पार्टी के बंगाल के सह प्रभारी अमित मालवीय ने कहा कि बंगाल में जब से चुनाव हुआ है उसके बाद से लगातार हिंसा हो रही है. उन्होंने कहा कि इस बात को भले ही वहां की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी नहीं माने लेकिन इस बात को कोर्ट ने भी माना है और उन्होंने बंगाल की सरकार को निर्देश दिए थे कि इसकी जांच कराई जाए.
उन्होंने आरोप लगाया कि बंगाल की राज्य सरकार प्रजातांत्रिक मूल्यों की अनदेखी कर रही है और संवैधानिक संस्थाओं पर भी लगातार हमले बोल रही है. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी भले ही बंगाल में चुनाव जीत नहीं पाई लेकिन वहां पर पार्टी एक मुख्य विपक्षी पार्टी के तौर पर सामने आई है और लगातार भाजपा वहां लोगों से जुड़ी हुई है.
बंगाल भारतीय जनता पार्टी के सह प्रभारी और बीजेपी आईटी सेल के अध्यक्ष अमित मालवीय ने कहा कि राजनीतिक प्रस्ताव में भी बंगाल पर चर्चा हुई. उन्होंने कहा कि बीजेपी अपने कार्यकर्ताओं और नेताओं के साथ-साथ जनता में भी विश्वास बढ़ाने के लिए लगातार काम कर रही है. उन्होंने कहा कि बंगाल में मुख्य विपक्षी पार्टी होने के तौर पर भारतीय जनता पार्टी लगातार वहां की समस्याओं को उठाती रहेगी और उठाती रही है. साथ ही भाजपा कार्यकर्ताओं व नेताओं को गाहे-बगाहे निशाना बनाए जाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि बंगाल में राजनीतिक और संवैधानिक मूल्यों को वहां कि राज्य सरकार दरकिनार कर रही है लेकिन बंगाल की जनता में भाजपा के प्रति विश्वास बढ़ा है.
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उन्होंने कहा कि आने वाले चुनाव में भी भारतीय जनता पार्टी वहां पर राजनीतिक मूल्यों को स्थापित करते हुए अच्छे परिणाम लेकर आएगी. साथ ही पहली बार इतने बड़े स्तर पर राष्ट्रीय कार्यसमिति की बैठक को हाइब्रिड या डिजिटल माध्यम के तौर पर करवाए जाने की चुनौती के सवाल पर अमित मालवीय ने कहा कि वैसे तो भारतीय जनता पार्टी डिजिटल माध्यमों पर और मोदी सरकार भारत में डिजिटल क्रांति लेकर आई है.
उन्होंने कहा कि पार्टी की अन्य बैठकों को भी कोरोनावायरस दौरान डिजिटल माध्यम से ही संपन्न किया गया लेकिन इतने बड़े स्तर पर कार्यसमिति की बैठक के आयोजन के लिए काफी पहले से तैयारी की जा रही थी. यही वजह है कि इसे काफी सुचारु रूप से संपन्न किया गया और इससे हमें आगे के लिए भी प्रेरणा मिली है कि ऐसी बैठक के आगे भी आयोजित की जा सकती है क्योंकि इससे खर्च में भी काफी कटौती आती है. उन्होंने पार्टी और जनता सभी के लिए लाभदायक होने के साथ दूसरी पार्टियों के लिए एक उदाहरण प्रस्तुत किए जाने के सवाल पर कहा कि दूसरी पार्टियां सिर्फ सरकार की आलोचना करने में विश्वास रखती हैं और अच्छी चीजों या सकारात्मक मुद्दों पर पहल करना उनकी आदत में शामिल नहीं है.